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Bhramari Pranayama tips in hindi

भ्रामरी प्राणायाम करते समय इन टिप्स को ना करें नजरअंदाज

भ्रामरी प्राणायाम करते समय आपको कुछ छोटे-छोटे टिप्स का ध्यान रखना चाहिए।
Editorial
Updated:- 2022-11-13, 10:00 IST

प्राणायाम के जरिए व्यक्ति ना सिर्फ अपने तन को बल्कि मन को भी लाभ पहुंचाता है। लोग कई तरह के प्राणायाम का अभ्यास करते हैं। इन्हीं में से एक है भ्रामरी प्राणायाम। यह एक ब्रीदिंग तकनीक है, जिसमें मधुमक्खी की तरह एक गुंजन ध्वनि निकाली जाती है।

यह एक ऐसा प्राणायाम है, जो बेहद ही सरल है। भ्रामरी प्राणायाम एक बेहतरीन स्ट्रेसबस्टर के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, यह उच्च रक्तचाप, माइग्रेन जैसी समस्याओं से भी राहत दिलवाता है। इतना ही नहीं, इसका नियमित अभ्यास करने से व्यक्ति की एकाग्रता और मेमोरी भी बेहतर होती है। भ्रामरी प्राणायाम कई मायनों में सेहत के लिए लाभकारी है, लेकिन इसका अभ्यास करते हुए हुए आपको कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको भ्रामरी प्राणायाम के दौरान ध्यान रखना चाहिए-

सही तरह से कान पर रखें अंगूठा

thumb on the ear properly

जब आप भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हैं तो ऐसे में आप अपनी उंगलियों को ट्रैगस पर रखें न कि अपने कान के अंदर। इसके अलावा, जब आप भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हैं तो ऐसे में ट्रैगस पर कोई दबाव न डालने का प्रयास करें।

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सही तरह से करें एक्सहेल

exhale properly

भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करते हुए कई बार लोग जब हम्म की आवाज निकालते हैं तो ऐसे में आप बहुत अधिक एक्सहेल करने का प्रयास न करें। कुछ लोग एक बार में ही हम्म की आवाज निकालने के लिए बहुत अधिक एक्सहेल करते हैं। हालांकि, ऐसा करने से बचें।(भ्रामरी प्राणायाम करने से मिलेंगे 12 फायदे)

हैवी मील के बाद ना करें भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन जब आप इसका अभ्यास कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप हैवी मील के बाद इस प्राणायाम का अभ्यास न करें। खाने के बाद यह पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

yoga expert

प्रेग्नेंट हैं तो ना करें ये गलती

गर्भवती महिलाओं के लिए भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना लाभकारी माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था में इसका अभ्यास करते हुए आपको बेहद तेज आवाज में हम्मिंग साउंड निकालने से बचें। इसके अलावा, गर्भवती महिला को किसी योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। वहीं, महिलाओं को मासिक धर्म के दिनों में भ्रामरी प्राणायाम से बचने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इससे ऐंठन हो सकती है।(माइग्रेन के लिए ये योगासन करें)

इस स्थिति में ना करें प्राणायाम

Right Way To Do Bhramari Pranayama

भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास यूं तो काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर आपको कान में संक्रमण है, बार-बार सीने में दर्द होता है, तो ऐसे में आप भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास न करें। इसके अलावा, अन्य कुछ स्थितियों में भी भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास ना करने की सलाह दी जाती है। वहीं, कान और नाक के संक्रमण से पीड़ित लोगों को तब तक भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यासतब तक नहीं करना चाहिए जब तक कि संक्रमण खत्म न हो जाए।

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अगर माइग्रेन हो तो ऐसे करें प्राणायाम

अगर आप माइग्रेन से पीड़ित हैं तो ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास करते हुए आप अपनी आंखों को खुला रख सकते हैं। दरअसल, ऐसे लोग जब अपने आंखों को कवर करते हैं तो इससे आपको चक्कर आ सकते हैं।

तो अब आप जब भी भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें तो इन टिप्स को नजरअंदाज ना करें। साथ ही, इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit- yogadaycelebration, shutterstock

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