भारत में योग करने की परंपरा बहुत पुरानी है, जिसे लोग अपनी दिनचर्या शामिल करते आए हैं। मगर लाइफस्टाइल इतनी खराब हो गई है कि योग हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है क्योंकि योग करने से न सिर्फ शरीर का शेप बरकरार रहता है बल्कि मन को शांति भी मिलती है।
हालांकि, आजकल लोग बिजी शेड्यूल होने की वजह से एक्सरसाइज करने की बजाय योग या प्राणायाम को प्राथमिकता देने लगे हैं, लेकिन कई लोगों को ये लगता है कि योग और प्राणायाम एक ही होते हैं, तो आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
यह दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं और इनके फायदे भी काफी अलग होते हैं। तो आइए जानते हैं कि योग और प्राणायाम में क्या अंतर है।
योग एक शारीरिक व्यायाम है जिसमें प्रवाह के क्रम से जुड़े आसन शामिल हैं। योग का शाब्दिक अर्थ है जुड़ना या जोड़ना होता है। योग आमतौर पर सांस लेने के व्यायाम के साथ होता है और विश्राम लेटने और ध्यान के साथ समाप्त होता है। (गर्मी में वर्कआउट करते समय ना करें ये लापरवाही)
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प्राणायाम श्वास पर ध्यान केंद्रित करने के योग अभ्यास को संदर्भित करता है। प्राणायाम का मूल अर्थ जीवन ऊर्जा को ऊपर उठाना है। प्राणायाम प्रमुख हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में अपना स्थान पाता है, जिसमें भगवद गीता और पतंजलि के योगसूत्र शामिल हैं। प्राणायाम का अभ्यास हठ योग ग्रंथों में श्वास के पूर्ण निलंबन को संदर्भित करता है।
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हालांकि, योग औरप्राणायाम के फायदे भी आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको ये लेख पसंद आया हो इसे लाइक और शेयर जरूर करें। साथ ही जुड़ी रहें हरजिन्दगी के साथ।
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