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मौसमी एलर्जी को बदतर बना सकती हैं ये आदतें

हमारी ऐसी कई आदतें होती हैं जो मौसमी एलर्जी की समस्या को बद से बदतर बना सकती हैं। जानिए इस लेख में।
Editorial
Updated:- 2022-08-17, 18:36 IST

जब मौसम बदलता है तो उसका असर व्यक्ति के शरीर और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ता है। बदलते मौसम में तरह-तरह के संक्रमण होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। कुछ लोगों को मौसमी एलर्जी की शिकायत होती है और ऐसे में जब उन्हें संक्रमण अपनी गिरफ्त में लेता है, तो आंखों में जलन से लेकर नाक बहना, छींकें आना, गला खराब होना, सीने में दर्द, खुजली होना व दाने निकलना जैसी समस्याएं व्यक्ति को होती है।

आमतौर पर, सीज़नल एलर्जी उतनी गंभीर नहीं होती है और दवाई लेने से व्यक्ति को बहुत अधिक रिलैक्स महसूस होता है। अमूमन मौसमी एलर्जी तीन से पांच दिन में ठीक में हो जाती है। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि यह एलर्जी लंबे समय तक चलती है और इससे व्यक्ति काफी परेशान भी होता है।

कुछ लोगों को तो दवाई लेने के बाद भी आराम नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वह कुछ आदतों को अपनाते हैं। दरअसल, ऐसी कुछ हैबिट्स होती हैं, जो व्यक्ति की मौसमी एलर्जी की समस्या को और भी अधिक बढ़ा देती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही हैबिट्स के बारे में बता रहे हैं-

काम को लेकर अत्यधिक तनाव लेना

work stress

अगर आप अपने काम और डेडलाइन्स को लेकर बहुत अधिक तनाव में रहती हैं तो आप एलर्जी की समस्या को और भी अधिक बढ़ा सकती हैं। यह बात ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोध में भी सामने आ चुकी है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि तनाव हार्मोन आईजीई, ब्लड प्रोटीन के उत्पादन को उत्तेजित कर सकते हैं जो एलर्जी का कारण बनते हैं। अगर आप तनाव में हैं तो पर्याप्त नींद लें। नींद की कमी भी एलर्जी के लक्षण और तनाव दोनों को खराब कर सकती है।

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सुबह-सुबह स्नान करना

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको किस चीज से एलर्जी है और आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है, लेकिन आपकी शॉवर हैबिट्स आपकी एलर्जी को कम या ज्यादा कर सकती हैं। मसलन, घर आने पर नहाना और कपड़े बदलना आपकी त्वचा से जितना हो सके पराग को हटाने में मदद कर सकता है। लेकिन अगर आपको सुबह उठते ही जल्दी नहाने की आदत है तो इससे आपकी समस्या और भी अधिक बढ़ सकती है।(सुबह जल्दी उठने के फायदे)

गंदे कवर पर सोना

dirty cover

आपकी स्लीपिंग हैबिट्स और एलर्जी का सीधा संबंध है। कुछ लोग अपने तकिए के कवर व बेडशीट को समय-समय पर नहीं बदलते हैं, जिससे वहां पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। जिससे एलर्जी बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अलावा, एलर्जी होने पर इन कवर को ना बदलना भी आपकी समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए, एलर्जी के दौरान साप्ताहिक रूप से अपनी चादरें और कपड़ों को अवश्य धोएं। साथ ही, घर की साफ-सफाई का भी पूरा ख्याल रखें।

गंदे कॉन्टैक्ट लेंस पहनना

अगर आप उन महिलाओं में से हैं, जिन्हें कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की आदत है तो ऐसे में एलर्जी के मौसम में आपकी समस्या और भी अधिक बढ़ सकती है। दरअसल, अधिकतर महिलाएं कॉन्टैक्ट लेंस को सही तरह से रखने और सैनिटरी पर बहुत अधिक ध्यान नहीं देती हैं।(कॉन्टैक्ट लेंस से जुड़ी विशेष बातें)

जिससे एलर्जी पीड़ित व्यक्ति को आंखों में अधिक खुजली की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि आप डिस्पोसेबल डेली कॉन्टैक्ट लेंस को पहनने पर विचार करें या फिर कॉन्टैक्ट लेंस को अधिक अच्छी तरह से स्टरलाइज़ करने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल करें।

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तो अब अगर आपको भी सीजनल एलर्जी हुई है तो आप अपनी सेहत का अतिरिक्त ध्यान रखें और इन आदतों से दूरी बनाएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- freepik

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