कॉन्‍टेक्‍ट लेंस इस्‍तेमाल करते समय इन 5 बातों का जरूर रखें ध्‍यान, नहीं तो हो सकता है आंखों को नुकसान

लेंस का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरुरी होती है। अगर लेंस का इस्‍तेमाल सही तरीके से नहीं किया गया तो आपकी आंखों को नुकसान भी हो सकता है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-07-02, 18:18 IST
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आजकल की बिजी और भागदौड़ भरी लाइफ में बाहरी सुंदरता का महत्‍व बहुत ज्‍यादा बढ़ गया है। आज आंखों पर चश्‍मे की जगह कॉन्‍टेक्‍ट का इस्‍तेमाल होता है। चश्मा लगाने से जिन महिलाओं को समस्या होती है या जो महिलाएं बिना चश्मा लगा के अपनी आंखों की समस्या को दूर करना चाहती हैं उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प है जिससे की अपनी पर्सनैलिटी में सुधार लाया जा सकें। कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आपको साफ दिखना, आपकी पर्सनैलिटी में सुधार जैसे फायदे तो होते ही हैं। साथ ही आप किसी भी एक्टिविटी में बिना चश्मा पहने भाग ले सकती हैं। लेकिन इसके साथ इसके कुछ खतरे भी होते हैं। लेंस का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरुरी होती है। अगर लेंस का इस्‍तेमाल सही तरीके से नहीं किया गया तो आपकी आंखों को नुकसान भी हो सकता है।

क्‍योंकि आपकी आंखे अनमोल हैं... इन्‍हीं से आप पूरी दुनिया को देख सकती हैं, इसलिए इसकी सही देखभाल भी आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है। तो आइए आपको बताते हैं कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है।

कॉन्‍टेक्‍ट लेंस लगाने से पहले हाथों को जरूर धोएं

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कई बार महिलाएं इतनी जल्‍दी में होती हैं कि हाथों को बिना धोएं आंखों में लेंस लगा लेती हैं। इससे आपकी आंखों में इंफेक्‍शन हो सकता है। जी हां हाथों से आंखों में बैक्टीरिया और कीटाणु बहुत आसानी से चले जाते हैं। इसलिए जब भी लेंस लगाएं उससे पहले अपने हाथों को जरुर धो लें। ज्यादा तेल वाले साबुन का इस्तेमाल ना करें और एक बार हाथ धोने के बाद टॉवल की हेल्‍प से हाथों को जरुर ड्राई कर लें। हाथों को पोंछने के लिए रोंए वाले टॉवल का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। क्‍योंकि सूक्ष्म रोंए आंखों में जाकर आपके लिए बड़ी समस्‍या पैदा कर सकता है।

ऐसे समय में लेंस पहनने से बचें

स्वीमिंग करते समय, बाइक चलाते समय, तेज आंधी के वक्त कांटेक्ट लेंस का उपयोग नहीं करना चाहिए। दरअसल बाइक पर या तेज आंधी में आंखों में धूल जाती है, जिससे लेंस में स्क्रेच आ सकते हैं और इनके खराब होने डर तो रहता ही है साथ ही इंफेक्‍शन का डर भी बना रहता है।

लेंस लगाकर सोने से बचें
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कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से पर्यावरण में ड्राईनेस और आंखों तक कम ऑक्सीजन पहुंचने की वजह से आंखों में इंफेक्शन होने का ज्यादा खतरा होता है। जब आप सोती हैं तो आंखें बंद होती हैं जिससे लेंस से बैक्टीरिया आंखों में आ जाते हैं और जलन होने लगती है। इसलिए सोते समय अपनी आंखों से लेंस लगाकर ही सोएं।

लेंस बॉक्स को साफ करना ना भूलें

लेंस के साथ उसे रखने वाले बॉक्स का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए। जब भी लेंस का इस्तेमाल करें उसके बाद सॉल्यूशन को बदलकर बॉक्स को अच्छे से सुखा लें। इसके लिए सबसे अच्छा होगा कि आप लेंस रखने वाले बॉक्स को 3 महीने बाद बदल लें। और हर बार लेंस को स्‍टोर करते समय बॉक्‍स में नए सॉल्‍यूशन का इस्‍तेमाल करें। कॉस्मेटिक लोशन, क्रीम या स्प्रे के संपर्क में न आने दें। लेंस को साफ करने के बाद गीला न रखें, क्योंकि नमी में सूक्ष्मजीवों के पनपने का खतरा रहता है।

तय समय पर बदलें

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जब तक लेंस लगाने की सलाह दी गई है, उसे तब तक ही लगाएं। तय समय के बाद तक इसे उपयोग करने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। लेंस केस को भी तीन महीने बाद बदल देना चाहिए। इसे हर दिन साफ करें और अच्‍छे से इसके लिक्विड में ही इसे रखें।

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लेंस से आंखों में ड्रार्इनेस

प्लास्टिक होने के कारण आंखों को डायरेक्ट लुब्रिकेट नहीं मिल पाता है। ऐसे में लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लैंस लगाने से ड्राइनेस की समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए बाहर निकलते समय धूप का चश्मा लगाएं, लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस न लगाएं, पंखे की डायरेक्ट हवा ना लगे, आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। बेहतर साफ-सफाई रखनी चाहिए और इस लेंस को एक महीने के बाद फेंक देना चाहिए।
इन बातों का ध्‍यान रख आप अपनी आंखों की अच्‍छे से देखभाल कर सकती है।

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