किसी को रोता हुआ देखकर आप उसे हंसाने की कोशिश करने लगती हैं, ताकि वह रोना बंद कर दें। लेकिन अगर हम आपसे कहे कि आप गलत कर रही हैं तो शायद आपको थोड़ा अजीब सा लगेगा। लेकिन यह बात बिल्कुल सही है कि रोते हुए इंसान को थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। जी हां तनाव और गम में थोड़ा सा रो लेने से मन तो हल्का होता ही है साथ ही इससे आपका मूड भी अच्छा हो जाता है।अगर आपको कोई तनाव है और तनाव के कारण आपका किसी काम में मन नहीं लगता है, यहां तक कि आपकी रातों की नींद और दिन का चैन और खाना-पीना भी छूट गया है तो तनाव से बाहर निकलने के लिए थोड़ा सा रो लेना अच्छा रहता है।
जी हां हंसना हेल्थ के लिए अच्छा है तो रोना भी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। रोने से कई बीमारियां तो दूर होती हैं साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। जिस तरह हेल्थ के लिए हंसने के कई फायदे हैं, उसी तरह थोड़ा-बहुत रोने से ना सिर्फ आपका दिल हल्का होगा बल्कि हेल्थ को भी फायदा मिलेगा। आइए जानें रोना आपकी हेल्थ के लिए कैसे फायदेमंद होता है।
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कई बार बॉडी में मैगनीज ज्यादा होने से घबराहट, उलझन, थकान, गुस्सा जैसी परेशानियां होने लगती हैं। रोने से बॉडी में मैगनीज का लेवल कम होता है जिससे आपको मूड अच्छा होता है और आप हल्का और अच्छा महसूस करती हैं। नीदरलैंड्स में हाल में हुई एक स्टडी से भी रोने के फायदे समाने आए है। स्टडी के दौरान कुछ लोगों को सैड मूवी दिखाई गई उसके बाद फिल्म देखकर रोने वाले और नहीं रोने वालों को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया। कुछ लोगों पर इमोशनली कोई असर नहीं हुआ जबकि कुछ लोग बुरी तरह रोने लगे। हालांकि, 20 मिनट के अंदर रोने वाले लोग नॉर्मल हो गए और 90 मिनट बीतने के बाद रोने वाले लोग, नहीं रोने वाले लोगों से ज्यादा बेहतर महसूस करने लगे।
जब हम इमोशनल होते हैं तो बॉडी में कुछ टॉक्सिक केमिकल्स बनने लगते हैं। लेकिन जब हम स्ट्रेस में रोने लगते हैं तो आंसू के रास्ते ये जहरीले तत्व बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। इसीलिए जब रोने का मन करें तो थोड़ा रोना भी चाहिए। इसके अलावा रोने से बॉडी से एड्रेनोकॉर्टिकोट्रॉपिक और लूसी जैसे हॉर्मोन निकलते हैं। जिससे अच्छा महसूस होता है, मूड फ्रेश हो जाता है और सिरदर्द कम होता है।
जब आप प्याज काटती हैं तो प्याज से एक केमिकल निकलता है और आंखों की सतह तक पहुंचता है। इससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आंसू ग्रन्थियां आंसू निकालती है जिससे आंखों तक पहुंचा केमिकल धुल जाता है। आंसुओं में लाइसोजाइम भी होता है जो एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल होता है। ग्लूकोज से आंखों की सतह के सेल्स मजबूत होते हैं। इसके अलावा कभी कोई कण आंख में चला जाए तो भी आंख से आंसू आने लगते हैं। इन आंखों से निकलने वाले आंसू से धूल मिट्टी समेत हानिकारक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं और आंखें साफ और नम हो जाती है, जिससे आंखों में इंफेक्शन का ख़तरा कम हो जाता है। इसीलिए रोना आपकी आंखों की सेहत के लिए अच्छा होता है।
अगर आप स्ट्रेस में है तो स्ट्रेस के कारण आपका ब्लड प्रेशर हाई होने लगता है और आप कई अन्य बीमारियों के भी शिकार हो सकती हैं। लेकिन अगर स्ट्रेस होने पर आप थोड़ा रो लेती है तो रोने से ना सिर्फ़ मेंटल स्ट्रेस कम होता है, बल्कि इसके साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर से भी राहत मिलती है और आप कई अन्य बीमारियों से भी सेफ रहती हैं।
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अल्जाइमर रिसर्च सेंटर रीजन्स हॉस्पिटल फाउंडेशन के डायरेक्टर विलियम के अनुसार, हम रोने के बाद इसलिए अच्छा महसूस करते हैं क्योंकि इससे स्ट्रेस के दौरान उत्पन्न होने वाला केमिकल बाहर निकल जाता हैं।
जी हां बहुत ज्यादा स्ट्रेस और डिप्रेशन में रहने पर अगर आप रोती हैं तो इससे स्ट्रेस कम होता है। रोने समय बॉडी में एंडोर्फिन, ल्यूकाइन-एंकाफालिन और प्रोलैक्टिन नामक तत्वों का लेवल कम होता है जिससे स्ट्रेस कम होता है।
आपने रोने के फायदे तो जान लिये, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप हर बात पर रोना शुरू कर दें। लेकिन कभी-कभी रोने में कोई बुराई नहीं है।
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