जब New born baby के साथ करना पड़े travel तो रखें कुछ बातों का ख़ास ख्याल

New  born baby के साथ बाहर घूमने में भले पहले जैसी freedom फील न हो मगर बच्चे के साथ travel करने का experience कुछ अलग ही होता है. इस एक्सपीरियंस और भी अच्‍छा बनाया जा सकता है अगर कुछ बातों का खास ख्‍याल रखा जाए।  

travel with baby

घूमना फिरना, मस्ती करना किसे पसंद नहीं होता? महिलाओं की फेवरेट लिस्ट में तो traveling टॉप पर होती है. मगर यही महिलाएं बच्चा होने के बाद travel शब्द से भी डरने लगती हैं . बच्चे के साथ घूमने फिरने में उन्हें uneasy फील होता है. अपना घर ही उन्हें सबसे safe और comfortable प्लेस लगती है, मगर ऐसा करने से आप न केवल खुद को stress में डालती हैं बल्कि अपने बच्चे को भी नई चीज़ें देखने और सीखने से रोकती हैं. दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल की सीनियर gynecologist डॉक्टर नीता वर्मा कहती हैं, ' post pregnancy महिलाएं तीन महीने रेस्ट करने के बाद आसानी से घूम फिर सकती हैं. जाहिर है new born baby के साथ बाहर घूमने में पहले जैसी freedom फील नहीं होगी मगर बच्चे के साथ travel करने का experience अलग ही होता है. baby के लिए भी इसके कई फायदे हैं. travel करने से बच्चे को नए atmosphere को फील करने का मौका मिलता है जो उसकी ग्रोथ और लर्निंग दोनों के लिए ही जरूरी है. मगर बच्चे के साथ travel करने के लिए कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. ताकी travel के दौरान बच्चे की health पर बुरा असर न पड़े और आपकी journey intresting बन सके. ' post pregnancy महिलाएं बच्चे के साथ कैसे एक happy trip प्लान कर सकती हैं , इसके बारे आज हम आपको बताएंगे.

First aid kit बनाएं

Solo traveling हो या family trip, first aid kit रखना बेहद जरूरी होता है. मगर आपके साथ अगर बच्चा भी travel कर रहा है तो first aid kit रखना mandatory हो जाता है. खासतौर पर बच्चे के skin care आइटम्स, fever, stomach ache, cold और antiseptic cream रखना तो बिल्कुल भी न भूलें। यह सभी सामना बच्चे की सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं। इसके साथ ही ट्रैवल करने के लिए सही समय का चुनाव भी बहुत जरूरी है। टिकट बुक कराने से पहले इस बात पर जरूर गौर कर लें कि बच्‍चे का कोई vaccination न छूट रहा हो। साथ ही यह भी देख लें कि डॉक्‍टर द्वारा बच्‍चे के लिए प्रिस्‍क्राइब की गई medicines का स्‍टॉक भी आप के पास हो। बच्‍चे को किसी भी तरह का हेल्‍थ इशू रह चुका हो तो उसके मेडिकल पेपर्स की फोटोकॉपी भी अपने पास जरूर रख लें। अगर बच्‍चे को ट्रैवलिंग के दौरान कोई प्रॉब्‍लम हो जाए तो किसी अच्‍छे doctor की सलाह से उस वक्‍त के लिए सिचुएशन को हैंडल किया जा सके। बच्‍चे के साथ ही एक first aid box अपने लिए भी तैयार करिए। इस बॉक्‍स में पेट दर्द, सिर दर्द, कोल्‍ड की मेडिसिन के साथ ही कुछ sanitary napkin भी रखें।

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Image Courtesy: huffpost.com

बच्चे का हो एक अलग bag

पैकिंग के दौरान इस बात का भी ध्‍यान रखें कि सारा सामान सिस्‍टेमैटिक तरीके से रखा गया हो। खासतौर पर बच्‍चे का सामान बहुत ही सावधानी और सुविधाजनक तरीके से रखना चाहिए। अगर ट्रैवलिंग के दौरान बच्‍चे को फीड कराते वक्‍त बिब की जरूरत पड़े तो उसे खोजने में टाइम वेस्‍ट न करना पड़े। ट्रैवलिंग के दौरान बच्‍चे के कपड़े अगर किसी कारण से गीले हो जाएं तो उसकी दूसरी dress खोजने में ज्‍यादा टाइम न लगे इस लिए बच्‍चे के कपड़ों का एक अलग बैग बनाएं। अगर बच्‍चे के कपड़े भी आप अपने bag में पैक कर लेंगी तो शायद उस वक्‍त सिचुएशन थोड़ी मेसी हो सकती है। बच्‍चे के बैग में डिवाइडर जरूर बनाएं। इसके लिए आप बैग में ही छोटे छोटे पाउच में सामन रख सकती हैं।

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फ़ूड box में रखें ये items

ट्रैवलिंग के दौरान baby milk powder के अलावा banana और orange जैसे fruits जरूर रखें। यह बच्‍चे की टेस्‍टबड को सेटिसफाइड करने के साथ ही उसे hydrate भी रखते हैं। इसके अलवा dry fruits के बारीक टूकड़े या पाउडर, जिसे बच्‍चे आसानी से निगल सकें, भी जरूर रखें। हर बच्‍चे की eating habits अलग होती है। इसलिए अपने बच्‍चे की ईटिंग हैबिट के अनुसार ही उसका फूड बॉक्‍स तैयार करें।

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Image Courtesy: indepandent.co.uk

न भूलें toys रखना

सफर के दौरान अपने बच्‍चे के फेवरेट toys जरूरी रखें। यह जरूरी नहीं कि आप ढेर सार toys रखें। मगर वह toys जरूर रखें जिन्‍हें देख कर बच्‍चे का मन बहले। भारीभरकम टॉयज रखने की भी जरूरत नहीं है। ऐसे टॉयज रखें जिसे बच्‍चा मुंह में लेता हो। जैसे baby teether, नैपकिन टॉयज और baby rattlers ट्रैवलिंग के लिए बैस्‍ट ऑप्‍शन हो सकते हें। अच्‍छी बात यह कि इन्‍हें कैरी करना भी आसान है। इसके साथ ही baby carrie भी जरूरी रखें। घूमने के दौरान बच्‍चे को इस baby carrie में कैरी करके आप अपने हाथों को फ्री रख सकती हैं।

समय का रखें ध्यान

ट्रैवल करने में जितनी मजा आती है उतनी ही थकान भी हो जाती है। बच्‍चों के साथ भी ऐसा ही होता है। डॉक्‍टर नीता कहती हैं, बच्चे के साथा घूम रही हैं तो हर 6 घंटे से ज्‍यादा का सफर न करें। इतने से सफर में ही बच्‍चे को थकावट आ जाती है। सफर के दौरन कोशिश करें कि बच्‍चे को एक प्‍लेन सरफेस पर सुला दें। बच्‍चा सोता रहता है तो उसे कम थकावट होती है।

यादों को करें कैद

बच्‍चे के साथ ट्रैवल करने का मतलब यह बिल्‍कुल भी नहीं है कि आप खुद एंज्वॉय न करें। बल्कि बच्‍चे के साथ के एक्‍सपीरियंस को आप camera में कैद करके सदा के लिए अपने मेमोरी बैंक में डाल सकती हैं। साथ ही आप अपने बच्‍चे के लिए एक travel diary भी मैंनटेन कर सकती हैं, जिसे बच्‍चे के बड़ा होने पर आप उसे gift दे सकती हैं।

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