Why We Should Never Bath Naked: हिंदू धर्म शास्त्रों में हर एक चीज के कुछ नियम बनाए गए हैं। इन नियमों में से एक है स्नान को लेकर कही गई बातें। ऐसा माना जाता है कि आम व्यक्ति को शास्त्रों के नियमों का पालन जरूर करना चाहिए जिससे घर की सुख समृद्धि बनी रहे और खुशहाली आए।
दरअसल हमारे शास्त्रों में ऐसी कई बातें लिखी गई हैं जिनका हम पालन सदियों से करते चले आ रहे हैं, लेकिन उसके कारणों के बारे में अभी भी पूरी जानकारी नहीं है। ऐसे ही नियमों में से एक है निर्वस्त्र स्नान न करना।
आपने अक्सर घर के बड़ों को ऐसा कहते सुना होगा कि कभी भी स्नान बिना कपड़ों के यानी निर्वस्त्र नहीं करना चाहिए। आइए ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स जी से जानें शास्त्रों में लिखी इस बात के बारे में और इसके कारणों के बारे में कुछ बातें।
शास्त्रों में निर्वस्त्र स्नान की मनाही क्यों होती है?
अगर हम पौराणिक कथाओं की बात करें तो निर्वस्त्र स्नान की मनाही का एक सबसे बड़ा कारण कृष्ण जी के समय से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार जब गोपिकाएं सरोवर में स्नान कर रही थीं और वो निर्वस्त्र थीं उस समय बाल कृष्ण ने गोपियों के सभी वस्त्र छिपा दिए।
उस समय जब कृष्ण जी ने उनके वस्त्र छिपा लिए और गोपियों ने अपने वस्त्र वापस लेने की प्रार्थना की तब कृष्ण जी ने उन्हें समझाया कि कहीं भी बिना वस्त्र धारण किए स्नान नहीं करना चाहिए। इससे जल के देवता वरुण का अपमान होता है। इसलिए आपको निर्वस्त्र स्नान न करने की सलाह दी जाती है।
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क्या निर्वस्त्र स्नान से वरुण देव रुष्ट हो सकते हैं?
अगर आप नहाते समय यह सोचते हैं कि बंद कमरे में कोई आपको नहीं देख रहा है तो ऐसा गलत है, क्योंकि ईश्वर आपको हर स्थान पर देखते हैं। यदि आप निर्वस्त्र होकर स्नान कर रहे हैं तो ये मुख्य रूप से जल के देवता वरुण का अपमान करने जैसा होता है। निर्वस्त्र स्नान से आपको पाप लग सकता है और आर्थिक और शारीरिक नुकसान पहुंच सकते हैं।
क्या निर्वस्त्र स्नान से नकारात्मकता शरीर में प्रवेश करती है?
यदि आप निर्वस्त्र स्नान करते हैं तो आपके शरीर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और आपकी मानसिकता भी नकारात्मक हो सकती है। इसलिए हमेशा आपको यही सलाह दी जाती है कि भले ही आप नहाते समय कोई एक कपड़ा धारण करें, लेकिन बिना कपड़ों के स्नान न करें तभी आपके लिए बेहतर होगा।
निर्वस्त्र स्नान से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर निकल सकती है और इसका प्रभाव आपके शरीर के साथ मन मस्तिष्क में भी होता है।
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क्या निर्वस्त्र स्नान से पितृ दोष लग है?
गरुड़ पुराण के अनुसार जब आप स्नान करते हैं तब आपके पितर यानी मृत पूर्वज आपके आस-पास मौजूद होते हैं। यदि आप निर्वस्त्र स्नान करते हैं तो आपको पितृ दोष लग सकता है।
ऐसे स्नान करने से आपके पितरों को तृप्ति नहीं मिलती है और ये घर में पितृ दोष का कारण बन सकता है और वस्त्रों से गिरने वाले जल को ग्रहण करते हैं जिनसे उनकी तृप्ति होती है। निर्वस्त्र स्नान करने से पितर अतृप्त होकर नाराज होते हैं जिनसे व्यक्ति का तेज, बल, धन और सुख नष्ट होता है।
इसलिए कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। पद्मपुराण के अनुसार, नहाने वाला पानी पूर्वजों के हिस्से जाता है और निर्वस्त्र होकर नहाने से इसे पितरों के समक्ष बिना कपड़ों के नहाना माना जाता है।
क्या निर्वस्त्र स्नान से माता लक्ष्मी नाराज होती हैं?
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि यदि कोई निर्वस्त्र स्नान करता है तो माता लक्ष्मी उससे रूठ सकती हैं। इससे आपकी कुंडली में धन हानि के योग बन सकते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
इन्हीं कारणों से आपको निर्वस्त्र स्नान न करने की सलाह दी जाती है और शास्त्रों में भी इस बात की मनाही है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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