हमारे शास्त्रों में कई ऐसे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना हमें जरूरी लगता है। जिस तरह खाने के नियम बनाए गए हैं, वैसे ही सोने को लेकर भी कई ऐसी बातें बताई गई हैं जिनका पालन जरूरी माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि सोने के कुछ नियमों का पालन करने से आपको अच्छी नींद तो मिलती ही है और मानसिक स्थिति भी अच्छी बनी रहती है। शास्त्रों में जहां सोने की दिशा के बारे में बताया गया है वहीं कुछ ऐसी भी बातें हैं जो न करने की सलाह दी जाती है। ऐसे ही नियमों में से एक है शास्त्रों में निर्वस्त्र सोने की मनाही। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यदि आप बिना कपड़ों के सोते हैं तो आपके लिए इसके कई नुकसान हो सकते हैं।
आपकी नींद में कमी आने से लेकर ज्योतिष से जुड़े भी कई नुकसान हैं जो आपको देखने पड़ सकते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि आखिर क्यों शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि आपको कभी भी बिना कपड़ों के नहीं सोना चाहिए।
विष्णु पुराण के अनुसार हर चीज़ का कोई न कोई महत्व जरूर होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि निर्वस्त्र होकर बहुत से ऐसे काम नहीं करने चाहिए जो हमारी दिनचर्या से जुड़े हुए हों। ज्योतिष में इन कामों को निर्वस्त्र करना अशुभ माना जाता है।
इन्हीं में से एक है सोते समय कपड़े न पहनना। दरअसल ये शास्त्रों के अनुसार अशुभ माना जाता है। ऐसे ही निर्वस्त्र होकर सोने को भी अशुभ माना जाता है। इससे चंद्र देवता का अपमान होता है।
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ऐसा माना जाता है की रात के समय पितृ अपने परिजनों को देखने आते हैं और उन्हें ऐसी अवस्था में देख कर उनको दुःख होता है। ऐसे में आप पितरों के आशीर्वाद से वंचित रह जाते हैं और आपको बिना आशीर्वाद दिए ही चले जाते है।
यही नहीं इस तरह से सोना आपके लिए पितृ दोष का कारण भी बन सकता है और आपके घर में समस्याएं आ सकती हैं। इसके साथ ही, यदि रात को आप निर्वस्त्र सोते हैं तो सारी नकारात्मक शक्तियां आपके ऊपर हावी हो सकती हैं।
ये अशुभ भी माना जाता है है साथ ही आपके भविष्य के लिए भी अच्छा साबित नहीं होता है। यही नहीं सोने के आलावा पूजा-पाठ और स्नान भी कभी निर्वस्त्र नहीं करने चाहिए। (जूठे मुंह क्यों नहीं सोना चाहिए)
ऐसा माना जाता है कि अगर आप बिना कपड़ों के सोते हैं तो ये देवताओं का अपमान करने जैसा होता है। हम जब सोते हैं तो भले ही दरवाजे और खिड़कियां बंद क्यों न हों, लेकिन देवताओं की दृष्टि हमारे ऊपर होती है। इसलिए नग्न अवस्था में सोना देव गणों का अपमान करने जैसा माना जाता है।
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ऐसा माना जाता है कि बिस्तर पर राहु का वास होता है और यह ऐसा छाया ग्रह है जिसे सदैव प्रसन्न रखना चाहिए अन्यथा घर में समस्याएं आ सकती हैं। इसी वजह से लोग राहु को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि आप सोते समय कुछ विशेष नियमों का पालन नहीं करते हैं तो ये राहु को नाराज कर सकता है।
इन्हीं नियमों में से एक है निर्वस्त्र होकर न सोना। इसलिए ही हमेशा सही तरीके से सोने की सलाह दी जाती है और निर्वस्त्र न सोने को कहा जाता है, जिससे राहु का प्रकोप न हो सके।
ऐसा माना जाता है कि जब आप सोते हैं तब आपके शरीर का तापमान सामान्य से बढ़ जाता है। ऐसे में यदि कमरे का तापमान ठंडा है और आप निर्वस्त्र होकर सो रहे हैं तो ये सेहत के लिए कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।
इसलिए शरीर और कमरे के तापमान को बैलेंस करने के लिए कपड़े पहनकर ही सोने की सलाह दी जाती है। वहीं यदि आप कपड़ों के साथ सोते हैं तो शरीर से निकलने वाला पसीना कपड़ों में सूख जाता है और शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
निर्वस्त्र सोना शास्त्रों और विज्ञान दोनों के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए आप कपड़े पहन कर ही सोएं तो बेहतर होगा।
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