हमारे धर्म शास्त्रों में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिनका हम सदियों से पालन करते चले आ रहे हैं। यही नहीं शास्त्रों में लिखी हुई बातों के कुछ न कुछ फायदे जरूर होते हैं। ऐसी ही बातों में से एक है सूर्योदय से पहले उठना। शास्त्रों में सूर्योदय से पहले यानी कि ब्रह्म मुहूर्त में उठना कई तरह से फायदेमंद बताया गया है।
ऐसा माना जाता है कि इससे न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि आपको मानसिक रूप से भी कई फायदे होते हैं। शास्त्रों के अनुसार रात्रि का अंतिम पहर ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। हमारे ऋषि मुनियों ने भी इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है।
उनके मुताबिक यह समय नींद से जागने का सबसे अच्छा समय है। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें कि किन कारणों से ब्रह्म मुहूर्त यानि सूर्योदय के पहले उठना आपके लिए अच्छा होता है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से रूप, बल, ज्ञान, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त जो कि सूर्योदय के लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय मान में ही उठ जाना चाहिए। दरअसल ब्रह्म का अर्थ है 'सर्वोच्च तत्व या सर्वोच्च आत्मा', मुहूर्त अर्थात 'अनुकूल समय'।
रात्रि के अंतिम प्रहर का समय अर्थात प्रातः 4.00 से 5.30 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है और इसी समय उठना आपके लिए अच्छा होता है। यदि हम ज्योतिष की मानें तो ब्रह्म मुहूर्त में उठना जीवन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
इससे हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है और पूरा दिन ऊर्जावान रहता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार माता सीता की खोज में श्री हनुमान ब्रह्म मुहूर्त में ही अशोक वाटिका पहुंचे थे। जहां उन्हें वेदों और यज्ञों के जानकारों के मंत्र जाप की आवाज सुनाई दी और वो सीता जी का पता लगाने में सक्षम हुए।
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ज्योतिष की मानें तो ब्रह्म मुहूर्त (क्या होता है ब्रह्म मुहूर्त)में उठकर टहलने जाने से शरीर में संजीवनी ऊर्जा का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृत तुल्य कहा जाता है। इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि जब हम रात को आराम करने के बाद सुबह उठते हैं तो शरीर और दिमाग में भी ऊर्जा और ताजगी का संचार होता है।
प्रमुख मंदिरों के कपाट भी ब्रह्म मुहूर्त में ही खुल जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में ही भगवान की पूजा और श्रृंगार करने का विधान है। ब्रह्म मुहूर्त के धार्मिक, पौराणिक और व्यावहारिक पहलुओं और फायदों को जानकर अगर आप रोज इसी शुभ मुहूर्त में जागना शुरू करेंगे तो आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति सफल, सुखी और संपन्न हो जाता है क्योंकि जल्दी उठने से दिनभर के कार्यों के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
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आयुर्वेद के अनुसार सुबह उठने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय से पहले का ब्रह्म मुहूर्त(ब्रह्म मुहूर्त में जागने से दिखते हैं ये बदलाव)होता है। पारंपरिक संस्कृति जो प्रकृति की सर्कैडियन लय से जुड़ी थीं, सूर्योदय से पहले जागने को बेहतर बताती हैं।
दरअसल, सर्कैडियन क्लॉक या सर्कैडियन रिदम, एक ऐसी प्राकृतिक आंतरिक घड़ी होती है जो सोने और जागने के चक्र को नियंत्रित करती है। यह लगभग हर 24 घंटे में दोहराई जाती है। शरीर के विभिन्न सिस्टम सर्कैडियन लय का अनुसरण करते हैं।
सूर्योदय आपके सर्कैडियन चक्र में बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। जिससे मेलाटोनिन का स्तर गिर जाता है, कोर्टिसोल और विटामिन डी का स्तर बढ़ जाता है, पाचन एंजाइम उत्पन्न होते हैं और दिन की चयापचय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। सूर्योदय से लगभग 90 मिनट पहले एक अवधि होती है जिसे नवस्वान कहा जाता है, जो आकाश के गहरे काले रंग से भूरे रंग के पहले संकेत की ओर बढ़ने से ठीक पहले का समय है।
इस प्रकार वैज्ञानिक और ज्योतिष दोनों कारणों से सूर्योदय के पहले उठने की सलाह दी जाती है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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