हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जो लोग बिस्तर पर बैठकर खाना खाते हैं उनके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है। दरअसल इस मान्यता के पीछे का मुख्य कारण है कि हर एक काम के लिए कुछ विशेष नियम और कुछ मुख्य स्थान बनाए गए हैं।
ऐसी मान्यता है कि उन्हीं प्रमुख जगहों पर बैठकर ही वो काम करने चाहिए। इन्हीं कामों में से एक है भोजन जिनके कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं और धर्म शास्त्रों में इन नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
ऐसी मान्यता है कि भोजन हमेशा एक शांत और साफ़ स्थान पर बैठकर ही करने की सलाह दी जाती है। वहीं भोजन के नियमों में बिस्तर पर बैठकर खाने की मनाही भी होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि हम खाना खाते हैं तो उसका उद्देश्य पूर्ण होना चाहिए।
वहीं बिस्तर पर सोने का उद्देश्य पूरा हो सके। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें कि शास्त्रों में बिस्तर पर बैठकर खाना खाने की मनाही क्यों है और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं।
यदि शास्त्रों की मानें तो प्राचीन काल में भोजन हमेशा रसोई में बैठकर ही खाया जाता था। ऐसा माना जाता था कि रसोई में आप गरम खाना खाने के साथ भोजन का पूरा स्वास्थ्य लाभ भी उठा सकते हैं।
दरअसल रसोई में हम जमीन में बैठकर खाना खा सकते हैं जिससे खाना अच्छी तरह से पचने के साथ सेहतमंद बनाए रखने में भी मदद करता है। हमेशा से ही किसी अच्छे स्थान पर बैठकर ही भोजन करना अच्छा माना जाता है। रसोई में बैठकर भोजनकरने से राहु को प्रसन्न करने में भी मदद मिलती है। इसलिए भोजन का सबसे अच्छा स्थान रसोई या उसके आस-पास का ही माना जाता है।
ज्योतिष और शास्त्रों की मानें तो हमें हमेशा भोजन को सम्मान देना चाहिए। लेकिन यदि हम बिस्तर में बैठकर भोजन करते हैं तो ये भोजन का अपमान करने जैसा होता है क्योंकि बिस्तर सोने की जगह है।
इसी वजह से यह कहा जाता है कि बिस्तर में भोजन करना माता लक्ष्मी का निरादर करने जैसा होता है। ऐसा भी माना जाता है कि खाने संबंध बृहस्पति और राहु से होता है। राहु को एक अशुभ ग्रह माना जाता है इसलिए इसे हमेशा प्रसन्न करने के उपाय खोजे जाते हैं। मान्यता यह है कि बिस्तर पर बैठकर खाने से राहु भी रुष्ट हो जाता है और समृद्धि का ह्रास होने लगता है।
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हम अक्सर थकान की वजह से बिस्तर पर बैठकर ही खाना खाने लगते हैं, जबकि ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। बिस्तर पर बैठने के साथ हम सिर्फ खाने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं।
कई बार हम बिस्तर पर खाते हुए टीवी देखते हैं या फिर लैपटॉप पर काम कर रहे होते हैं। ऐसे में हमारा पूरा ध्यान जब खाने पर नहीं होता है तो हम ओवर ईटिंग भी कर लेते हैं। इसी वजह से ये हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। बिस्तर पर बैठने में शरीर का पोस्चर भी ठीक नहीं रहता है और जिससे खाना पचने में भी मुश्किल होती है।
बिस्तर पर बैठकर खाने से भोजन(भोजन करने के 5 नियम) के कुछ कण बिस्तर पर ही रह जाते हैं जिसकी वजह से आपकी नींद में भी बाधा हो सकती है। यदि आप खाते समय बिस्तर पर खाने के कुछ कण गिराते हैं तो इससे बिस्तर पर कीटाणु हो सकते हैं जो आपकी नींद में बाधा डाल सकते हैं। ये कीटाणु कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे त्वचा से जुड़ी समस्याओं को भी जन्म देते हैं। इन सभी कारणों से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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यदि आप शास्त्रों की न भी मानें तो विज्ञान और सेहत के लिए भी जिस काम की जो जगह बनाई गई है उसे वहीं करने की सलाह दी जाती है। जिससे शरीर और मन मस्तिष्क पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।
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