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शास्त्रों के अनुसार भोजन करने के ये 5 नियम जानें

भोजन करने के लिए शास्त्रों में कुछ नियमों का जिक्र किया गया है जिससे आपके स्वास्थ्य के साथ मन मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े।   
Editorial
Updated:- 2022-06-20, 18:53 IST

शास्त्रों में न जाने ऐसी कितनी बातें बताई गई हैं जिन्हें हम रोज की जिंदगी में अपनाते हैं। कुछ ऐसी बातें हैं जिनका हमारे वास्तविक जीवन से कुछ न कुछ संबंध जरूर होता है। शाम के समय सोना अशुभ होता है से लेकर रात में नाखून काटने की मनाही तक, गुरुवार को बाल नहीं धोने चाहिए से लेकर रात के समय बाल न काटने जैसी न जाने कितनी बातें हमारे शास्त्रों में बताई गई हैं जिनका हमारे जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव जरूर होता है।

ऐसे ही भोजन से संबंधित कुछ नियमों के बारे में भी हमारे शास्त्रों में जिक्र किया गया है जिसे ध्यान में रखकर किया गया भोजन शरीर के लिए लाभदायक होने के साथ हमारे मन मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है। आइए Life Coach और Astrologer Sheetal Shapaira से जानें शास्त्रों के अनुसार भोजन करने के 5 प्रमुख नियमों के बारे में।

भोजन से पहले भोजन मंत्र

शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि भोजन शुरू करने से पहले हमें भोजन मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इस मंत्र के उच्चारण के पश्चात शुरू किया गया भोजन मन मस्तिष्क के साथ सेहत के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इस तरह के भोजन से नए संस्कारों का विकास होता है और भोजन में आने वाले किसी भी नकारात्मक तत्व का शरीर में कोई बुरा असर नहीं होता है। भोजन मंत्र ईश्वर से अपनी गलती की क्षमा प्रार्थना का भी एक माध्यम माना जाता है क्योंकि ईश्वर की कृपा से हो भोजन प्राप्त हुआ है। इसलिए जब भी भोजन करें भोजन मंत्र का उच्चारण अवश्य करें।

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जमीन पर बैठकर भोजन करना

sitting while eating

शास्त्रों के अनुसार भोजन के एक और नियम में भोजन करने की जगह भी है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो इसका शरीर पर सकारात्मक प्रभाव होता है। जब हमारा शरीर सीधे ही पृथ्वी के संपर्क में आता है तब पृथ्वी की तरंगें पैरों की उंगलियों से होकर पूरे शरीर में फ़ैल जाती हैं। ये तरंगें आपके भोजन के साथ शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसलिए शास्त्रों में भोजन की सबसे अच्छी जगह जमीन पर बैठना ही माना गया है।

थाली में तीन रोटियां न रखना

 rotis in thali

शास्त्रों में एक और बात बताई गयी है कि कभी भी भोजन की थाली में आपको तीन रोटियां एक साथ नहीं रखनी चाहिए। दरअसल ज्योतिष के अनुसार तीन को अशुभ अंक माना जाता है। इसलिए भोजन के समय 3 रोटियों को एक साथ न परोसने की सलाह दी जाती है क्योंकि भोजन एक शुभ काम माना जाता है जिसका सीधा संबंध हमारे शरीर से होता है। इसलिए भोजन के नियमों में तीन रोटियों को एक साथ न रखने की सलाह दी जाती है।

जूठा भोजन थाली में न छोड़ें

bhojan thali according to shashtra

शास्त्रों के अनुसार कभी भी जूठा भोजन थाली में नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से भी माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। शास्त्रों में साफ़ तौर पर बताया गया है कि हमेशा थाली में उतना ही भोजन लें जो आप आसानी से ख़त्म कर सकें। क्योंकि बचे हुए भोजन को कूड़े में फेंकना माता अन्नपूर्णा का भी अपमान करने के समान है।

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भोजन की थाली में हाथ न धोना

शास्त्रों के अनुसार भोजन के एक और नियम के अनुसार ऐसी मान्यता है कि कभी भी भोजन की थाली में हाथ खाना खाने के बाद हाथ नहीं धोना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और अन्नपूर्णा माता का अपमान होता है और धन हानि होती है।

यदि आप शास्त्रों में बताए इन नियमों का पालन करते हैं तो इसका सकारात्मक प्रभाव होता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:free pik

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