56 भोग छोड़ जब श्री कृष्ण ने खाए थे केले के छिलके, जानें रोचक कथा

आज हम आपको एक ऐसी कथा बताने जा रहे हैं जब श्री कृष्ण ने एक भक्त के घर केले के छिलके से अपना पेट भरा था।  

where krishna eat banana peels

Krishna Eat Banana Peels: श्री कृष्ण को प्यार से जो भी खिलाया जाए वो सरलता से खा लेते हैं। ऐसा हो भी क्यों न, कृष्ण प्रेम भाव के भूखे हैं इसी कारण से उन्हें जो परोसा जाए वो खुश होकर पा ही लेते हैं।

ऐसी कई कथाएं हैं जब श्री कृष्ण ने प्रेम भाव में डूबकर अपने भक्तों का मान रखा है और उनके सम्मान के खातिर कुछ ऐसा कर दिखाया है जो समस्त संसार के लिए उदाहरण स्थापित करता हो।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको एक ऐसी ही कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जब श्री कृष्ण ने अपने एक भक्त के घर मात्र केले के छिलकों से ही अपना पेट भर लिया था।

  • ये कथा है विदुर और विदुरानी की। विदुर जी और उनकी पत्नी विदुरानी परम कृष्ण भक्त थे। एक दिन श्री कृष्ण (श्री कृष्ण की मृत्यु का रहस्य)महाभारत युद्ध से पहले विदुर जी के घर उनकी भक्ति के वशीभूत होकर पहुंचे। तब विदुर जी घर पर नहीं थे।
  • वहीं, विदुर जी की पत्नी विदुरानी घर पर पूजा-पाठ में लीन थीं। जब श्री कृष्ण ने विदुर जी के द्वार पर खड़े होकर आवाज लगाई तो विदुरानी ने श्री कृष्ण की आवाज पहचान ली और दरवाजा खोलने के लिए भागी चली आईं।
krishna eat banana
  • श्री कृष्ण को अपने द्वार पर देख विदुरानी अपनी प्रसन्नता को व्यक्त करने में सक्षम न थी। तब श्री कृष्ण ने उनकी भावना देखते हुए स्वयं ही उनसे अंदर आने के लिए पूछा। विदुरानी थोड़ी सुध में आईं और श्री कृष्ण को भीतर सम्मान पूर्वक बैठाया।
krishna eat banana at vidur home
  • श्री कृष्ण ने जब विदुरानी से भूख लगने की बात कही तो घर में कुछ न होने के कारण विदुरानी ने श्री कृष्ण को केले देना ही सही समझा। मगर कृष्ण के भक्ति भाव में वो इस कदर डूब चुकी थीं कि कृष्ण को केले (केले के पत्ते के उपाय) के बजाय केले के छिलके खिलाने लगीं।
  • हुआ यूं कि श्री कृष्ण को देख विदुरानी ने अपनी सुदबुध ऐसी खोई कि केले को छीलकर उसका गूदा तो फेंकने लगीं और छिलके श्री कृष्ण के हाथ में देने लगीं। श्री कृष्ण ने विदुरानी का भक्ति भाव देखते हुए बड़े ही प्यार से केले के छिलके खाए।
  • हालांकि जब विदुर जी आए तो उन्होंने विदुरानी को इस भूल के लिए डांटा लेकिन श्री कृष्ण ने विदुर जी को समझाया कि उन्हें इस प्रेम भाव से कराये गए भोजन को करने में बड़ा आनंद आया और ऐसा सुख तो किसी छप्पन भोग में भी न था।

तो ये थी श्री कृष्ण के केले के छिलके खाने के पीछे की मनोरम कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest

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