महाभारत के युद्ध के बाद श्री कृष्ण की मृत्यु कैसी हुई थी, आखिर क्या है इसका रहस्य

अगर आप श्री कृष्ण की मृत्यु से जुड़े रहस्यों के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो इस लेख में इसके बारे में जान सकते हैं। 

 

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भगवान् श्री कृष्ण के भक्त उनका नाम सुनते ही उनके जन्म से जुड़ी न जाने कितनी कथाएं बताने लगते हैं। कोई कृष्ण जी के जन्म के बारे में बताता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ और फिर वो गोकुल में पीला बढ़े। कुछ लोग उनकी बाल लीलाओं की कहानियां सुनाते हैं।

आपमें से सभी लोग ये भी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु युद्ध के बाद कैसे हुई। दरअसल इस बात से लोग अब तक अंजान हैं कि युद्ध के बाद श्री कृष्ण की मृत्यु कब और कैसे हुई। ये वास्तव में ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है। हमने भी इस सवाल का जवाब जानने की इच्छा रखते हुए इस बात का पता लगाने की कोशिश की। आइए आपको भी बताते हैं कृष्ण की मृत्यु से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में।

श्री कृष्ण के जन्म से जुड़ी बातें

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था। वैसे ऐसा माना जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, लेकिन उनके बचपन की लीलाएं गोकुल, वृंदावन, नंदगांव और बरसाना में हुईं। वहीं ऐसा माना जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने 36 वर्षों तक द्वारिका नगरी में राज किया।

महाभारत युद्ध के बाद क्या हुआ था

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ऐसा माना जाता है कि जब महाभारत युद्ध के बाद दुर्योधन के पूरे वंशजों का अंत हो गया तब उनकी माता दुखी अवस्था में आ गयीं। उस समय जब वो कौरवों की मृत्यु पर शोक दिखाते हुए युद्ध भूमि में गयीं तब उनके साथ श्री कृष्ण और पांडव भी गए। दुखी अवस्था में गांधारी ने भगवान कृष्ण को 36 वर्षों के बाद मृत्यु का अभिशाप दे दिया। ये सुनकर सभी पांडव चकित रह गए लेकिन भगवान कृष्ण विचलित न हुए और मुस्कुराते हुए उन्होंने ये अभिशाप स्वीकार कर लिया।

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एक शिकारी के तीर से हुई श्री कृष्ण की मृत्यु

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गांधारी के श्राप की वजह से जब कृष्ण जी युद्ध के 36 सालों के बाद द्वारका में बसने के बाद एक दिन एक वृक्ष के नीचे रात्रि में विश्राम कर रहे थे। उस समय उनके पैर में लगी हुई मणि तेजी से चमक रही थी। उस चमकती मणि को देखकर एक शिकारी जिसका नाम जरा था। उस समय शिकारी ने श्री कृष्ण के पैरों को देखकर यह अनुमान लगाया कि वह कोई मृग है। उस समय शिकारी जरा ने कृष्ण जी के पैरों में तीर से प्रहार कर दिया। जरा के तीर से घायल श्री कृष्ण ने वहीं पर देह त्यागने का निर्णय लिया। इस प्रकार युद्ध के समाप्त होने के 36 साल बाद यानी जब श्री कृष्ण की आयु लगभग 125 साल थी, उस समय प्रभु श्री कृष्ण ने अपनी देह त्याग दी और वापस स्वर्ग लोक को चले गए।

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रामायण काल के बाली ने लिया था कृष्ण से बदला

ऐसी मान्यता है कि रामायण काल में श्री राम (भगवान राम की मृत्यु से जुड़े ये रोचक तथ्य) ने बाली के ऊपर छिपकर प्रहार किया था और उसका बदला लेने के लिए ही द्वापर युग में जब राम जी ने कृष्ण जी के रूप में जन्म लिया तब बाली ने उनसे बदला लेने के लिए एक शिकारी जरा का रूप धारण किया और कृष्ण जी से बदला लिया।

इस प्रकार महाभारत युद्ध के बाद श्री कृष्ण की मृत्यु हुई और उन्होंने मनुष्य रूप से भगवान् का रूप पुनः धारण कर लिया। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:(@freepik)

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