Why Did Chhatrapati Sambhaji Maharaj Son Shahu Ji Pay Tribute To Aurangzeb: मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर इन दिन घमासान मचा हुआ है। औरंगजेब की कब्र आज भी महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में मौजूद है। आज भले ही औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद छिड़ा हो, लेकिन इतिहास में ऐसा बिल्कुल नहीं था। इतिहास के मुताबिक, जिन छत्रपति संभाजी महाराज ने मुगलों के साथ सालों तक संघर्ष किया, उन्ही के खुद के बेटे और शिवाजी के पोते छत्रपति शाहू प्रथम ने औरंगजेब की कब्र को श्रद्धांजलि दी थी। बताया जाता है कि औरंगजेब ने शाहूजी प्रथम को 18 सालों तक अपनी कैद में रखा था। आइए जानें, आखिर क्यों छत्रपति शिवाजी के पोते शाहूजी प्रथम ने क्यों दी थी औरंगजेब को श्रद्धांजलि?
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मराठाओं से 25 साल तक हुआ औरंगजेब का संघर्ष
मुगल बादशाह औरंगजेब ने मराठा सम्राज्य पर कब्जा करने के लिए 25 सालों तक संघर्ष किया। औरंगजेब ने 49 साल तक शासन किया। मराठाओं से संघर्ष के दौरान ही औरंगजेब की मृत्यु हुई थी। 3 मार्च, 1707 को अहमदनगर (महाराष्ट्र) में उसकी मृत्यु हुई। इसके बाद, खुल्दाबाद में उसे दफनाया गया। दरअसल, औरंगजेब ने अपनी वसीयत में खुल्दाबाद में दफन होने की इच्छा जताई थी।
शिवाजी के खुद के पोते ने दी औरंगजेब को श्रद्धांजलि
इतिहासकार रिचर्ड ईटन की किताब 'ए सोशल हिस्ट्री ऑफ द दक्कन' शिवाजी के पोते शाहू प्रथम का जिक्र मिलता है, जब वह औरंगजेब की कब्र पर श्रद्धांजलि देने जाता है। किताब के मुताबिक, संभाजी की मौत के बाद औरंगजेब की सेना उनके बेटे शाहू प्रथम को कैद कर लेती है। उस समय शाहू प्रथम की उम्र महज 7 साल थी। उन्हें 18 साल तक मुगलों ने अपनी कैद में रखा था। 1707 में औरंगजेब में औरंगजेब की मृत्यु के बाद उन्हें रिहाई मिली। जिसके बाद, उन्होंने रिहा होते ही औरंगजेब की कब्र पर जाकर उसे श्रद्धांजलि दी थी।
औरंगजेब को क्यों दी थी श्रद्धांजलि
बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि संभाजी महाराज के खुद के बेटे शाहूजी प्रथम ने भला औरंगजेब जैसे दुश्मन की कब्र पर श्रद्धांजलि क्यों दी थी? ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक, शाहू प्रथम के रिहा होने के बाद उनके और उनके चाचा राम राजे की पत्नी ताराबाई के बीच सत्ता संघर्ष प्रारंभ हो गया था। ताराबाई ने ऐसे आरोप लगाए कि मुगलों की कैद में रहकर शाहूजी उनसे प्रभावित हो चुके हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वे सांस्कृति रूप से भी अब मुगल बन चुके हैं। ऐसे में उन पर भरोसा करना सही नहीं है। शाहू प्रथम ने औरंगजेब की कब्र पर जाकर इस बात को पूरी तरह से सच भी साबित कर दिया था।
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Image Credit:Her Zindagi/Meta AI
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