मुगल साम्राज्य का नाम आज भी लोगों की जुबा पर चढ़ा रहता है क्योंकि आए दिन मुगलों को लेकर कोई ना कोई विवाद होता ही रहता है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता मुगलों के काल में भारत में काफी कुछ बदला है। न सिर्फ आर्किटेक्चर बल्कि ऐतिहासिक तौर पर भी काफी वृद्धि हुई है। आज मुगल साम्राज्य के बादशाहों के बारे में कौन नहीं जानता...पर इससे जुड़े कई हिस्सों को सच भी माना जाता है और मिथक भी।
मिसाल के तौर पर हम अकबर को ही ले सकते हैं। उनकी बेगमों को लेकर काफी विवाद रहता है। कई बेगम ऐसी हैं जिनके धर्म पर तरह-तरह का विवाद होता है कि जैसे- जोधा बाई हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती थीं या नहीं। इसलिए हम अपनी सीरिज 'हिस्ट्री ऑफ वुमन' मुगलों से जुड़ी जानकारी लाते रहते हैं।
इसी कड़ी में आज हम आपको औरंगजेब की बेगम नवाब बाई के बारे में जानकारी दे रहे हैं। शायद ही कोई होगा जिन्हें बेगम नवाब बाई के बारे में विस्तार से मालूम होगा।
इनका असली नाम रहमत-उन-निस्सा है, लेकिन इन्हें नवाब बाई के नाम से जाना जाता है। यह मुगल सम्राट औरंगजेब की एक पत्नी थीं। कहा जाता है कि यह औरंगजेब की खास बेगम थीं, जिनसे वो बहुत प्यार करते थे। एक वृत्तांत के अनुसार, वह कश्मीर में राजौरी राज्य के राजा ताजुद्दीन खान की बेटी थीं। (मुगल साम्राज्य की शक्तिशाली महिलाएं)
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नवाब बाई के परिवार जराल कबीले से संबंधित था। मुगल इतिहासकार खाफी खान के अनुसार इनके पिता का नाम सैयद शाह मीर था। कहा जाता है कि इनके पिता राजौरी राज्य के बहुत बहादुर राजा थे।
मैंने अफसर अहमद द्वारा लिखी गई किताब 'औरंगज़ेब- नायक या खलनायक' पढ़ी, जिसमें बादशाह के बचपन से सत्ता संघर्ष तक का उल्लेख किया गया है। कहा जाता है कि औरंगजेब मुगल साम्राज्य का सबसे प्रभावशाली बादशाह था।
औरंगजेब का पूरा नाम मुहिउद्दीन मुहम्मद था, लेकिन उन्हें प्रजा आलमगीर या औरंगजेब के नाम से पुकारती थी। औरंगजेब ने 1658 से लेकर 1707 तक शासन किया था जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।
सन 1638 में नवाब बाई और औरंगजेब की शादी हुई थी। उनकी शादी हरम में पूरी अदालत के तौर-तरीकों से की गई थी। कहा जाता है कि पारंगत स्वामी, शासन और फारसी महिलाओं के एक समूह द्वारा भाषा और संस्कृति सिखाई गई थी।
शादी के बाद नवाब बेगम को रहमत-उन-निस्सा नाम दिया गया। कुछ सालों के बाद औरंगजेब के पहले बेटे राजकुमार मुहम्मद सुल्तान मिर्जा को जन्म दिया। इनका जन्म 29 दिसंबर 1639 को मथुरा में हुआ था। कुछ सालों बाद औरंगजेब का दूसरा बेटा हुआ था।
नवाब बाई की मौत सन 1691 में हुई थी। कहा जाता है उस वक्त दिल्ली में औरंगजेब की सल्तनत थी। कहा जाता है नवाब बाई अपने पति से अलग हो गई थीं, जिनका सदमा वो नहीं झेल पाई। हालांकि, बादशाह और बेगम के अलग होने की वजह स्पष्ट पता नहीं चल पाई। (जानिए उस मुगल शहजादी की कहानी)
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हालांकि, नवाब बेगम के अलावा भी औरंगजेब कई पत्नियां थीं, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है। अगर आपको किसी बेगम के बारे में जानना है, तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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