हिंदू संस्कृति में माथे पर तिलक, भस्म या चंदन लगाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। किसी भी पूजा पाठ के समय या फिर किसी को आशीर्वाद स्वरूप माथे पर तिलक लगाना शुभ माना जाता है।
आमतौर पर तिलक कुमकुम, सिंदूर, रोली, विभूति या इन सभी से लगाया जाता है। तिलक लगाना शुभ तो होता ही है और इसे माथे पर लगाने के कुछ विशेष नियम भी हैं। जैसे माथे पर किस तरह का तिलक लगाएं, किस उंगली से लगाएं और किस दिन लगाएं।
ऐसे कई नियम हैं जो तिलक को लेकर प्रचलित हैं। जब हम बात तिलक लगाने के लिए उंगली के इस्तेमाल की करते हैं तो ज्योतिष में इसके भी अलग नियम बनाए गए हैं। आमतौर पर तिलक जब भगवान को लगाया जाता है तब इसे अनामिका उंगली से लगाना ही शुभ माना जाता है। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें तिलक लगाने के लिए कौन सी उंगली को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
अलग उंगलियों से तिलक लगाने का महत्व
ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि हाथ की अलग उंगलियों से तिलक लगाने का अलग महत्व और फल होता है। जब हम किसी के माथे पर तिलक लगाते हैं तो ये उस व्यक्ति के मन मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार करने में मदद करता है।
अनामिका उंगली से तिलक लगाने का महत्व
ज्योतिष के अनुसार अनामिका उंगली को किसी भी पूजा-पाठ और अनुष्ठान में तिलक लगाने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस उंगली से माथे पर तिलक लगाने से शांति मिलती है और घर में समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि अनामिका उंगली से सूर्योदय के समय तिलक लगाने से पूर्ण शांति का अनुभव होता है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य या सूर्य अनामिका के मूल में होता है। इसलिए अनामिका से तिलक लगाने से मानसिक शांति मिलती है।
पारंपरिक रूप से माथे पर तिलक लगाने (माथे पर हल्दी का तिलक लगाने के फायदे ) के लिए अनामिका का उपयोग किया जाता है। हथेली पर अनामिका के नीचे के क्षेत्र को सूर्य क्षेत्र या सूर्य पर्वत कहा जाता है। इसलिए अनामिका के प्रयोग से व्यक्ति के चेहरे पर चमक आती है। शास्त्रों के अनुसार भी हिंदू देवी-देवताओं के फोटो पर तिलक लगाने के लिए अनामिका उंगली का ही प्रयोग करना चाहिए।
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मध्यमा उंगली से तिलक लगाने के फायदे
ज्योतिष के अनुसार मध्यमा अंगुली से तिलक लगाने से लंबी आयु का वरदान मिलता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि मध्यमा उंगली के मूल में विराजमान हैं। है। शनि ग्रह को जीवन के रक्षक के रूप में जाना जाता है। इसी वजह से मान्यता है कि मध्यमा अंगुली से तिलक लगाने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है।
अंगूठे से तिलक लगाने के फायदे
ज्योतिष में मान्यता है कि अंगूठे से तिलक लगाने से व्यक्ति को बल मिलता है। ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह अंगूठे के नीचे स्थित हैं। शुक्र ग्रह स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए अंगूठे का उपयोग आमतौर पर पुरुषों को तिलक लगाने के लिए किया जाता है क्योंकि यह स्वास्थ्य, शक्ति, बल आदि का प्रतीक माना जाता है है।
ऐसा माना जाता है कि अंगूठे से तिलक लगाने से व्यक्ति के शरीर में अलग ऊर्जा प्रवाहित होती है जो उसे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यही वजह है कि पुराने जमाने में भी जब राजा महाराजा युद्ध के लिए जाते थे तब उनकी पत्नियां अंगूठे से उनके माथे पर तिलक लगाती थीं जिससे उन्हें विजय मिल सके।
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तर्जनी उंगली से तिलक क्यों नहीं लगाना चाहिए
तर्जनी अंगुली का आधार बृहस्पति ग्रह को माना जाता है। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि मृत शरीर पर तर्जनी से तिलक लगाया जाता है जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो। बृहस्पति ग्रह अमरता का प्रतिनिधित्व करता है।
यही कारण है कि अन्य अवसरों पर तर्जनी उंगली से तिलक लगाने की मनाही होती है। कभी भी जीवित व्यक्ति को इस उंगली से तिलक नहीं लगाना चाहिए। तर्जनी उंगली से किसी देवता को भी तिलक (वैष्णव तिलक के फायदे ) नहीं लगाना चाहिए।
वैसे यदि हम ज्योतिष की मानें तो हाथ की सभी उंगलियां तिलक लगाने के लिए अलग तरह से फायदेमंद हैं, लेकिन अनामिका उंगली यानी बिना नाम के, बिना अहंकार के। इस नाम की वजह से इस उंगली को सबसे पवित्र माना जाता है और तिलक लगाने के साथ पूजा में स्वास्तिक बनाने के लिए भी इसी उंगली का इस्तेमाल किया जाता है।
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