पैरेंटिंग इतना भी आसान टास्क नहीं है। इसमें बहुत ही अधिक धैर्य व समझदारी की जरूरत होती है। वैसे हम सभी बच्चे को अपने हाथों से खाना खिलाने से लेकर उसके दांत तक साफ करते हैं। दरअसल, जीवन के शुरूआती सालों में बच्चा इतना समझदार नहीं होता कि वह अपना काम खुद कर सके। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, उसे आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी हो जाता है। अमूमन देखने में आता है कि कुछ मम्मी बच्चे के बड़े हो जाने के बाद भी उसके कपड़े बदल रही होती हैं या फिर उसे अपने हाथों से खाना खिला रही होती हैं। कभी-कभी प्यार में ऐसा करना ठीक है। लेकिन अगर आप हमेशा ही ऐसा करती हैं तो जान लीजिए कि आप बच्चे को कभी भी Self- Sufficient नहीं बना पाएंगी। इसका असर भले ही उसके बचपन पर ना पड़े, लेकिन बड़े होने के बाद उसे यकीनन कई परेशानियों को झेलना पड़ सकता है।
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बच्चे तो वैसे भी कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, आप उन्हें जैसा चाहे आकार दे सकती हैं। इन्हें आत्मनिर्भर बनाना इतना मुश्किल नहीं है। बस आपको थोड़ा धैर्य और समझदारी से काम लेना होता है। अगर आप थोड़ा समझदारी दिखाते हुए अपने कदम आगे बढ़ाती हैं तो आप बेहद आसानी से बच्चे को आत्मनिर्भर बना सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ आसान उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से बच्चे को Self-Sufficient बनाया जा सकता है-
किड्स फ्रेंडली एनवायरनमेंट
अगर आप सच में चाहती हैं कि आपका बच्चा आत्मनिर्भर बने तो आपको सबसे पहले अपने घर को एक चेंज देना होगा। आपको घर का माहौल कुछ इस तरह बनाना होगा, जिससे बच्चे को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिले। अगर आप चाहती है कि बच्चा कोई काम खुद से करना सीखे तो उसका हाथ भी तो वहां तक पहुंचना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, अगर आप बच्चे को खुद से ब्रश करना सिखाना चाहती हैं, लेकिन उसका हाथ ब्रश और टूथपेस्ट तक नहीं पहुंचेगा तो वह आपकी मदद चाहेगा और उसके बाद शायद वह खुद ब्रश करने का effort भी ना करे। याद रखें कि अगर घर की हर चीज उसकी पहुंच से दूर व unorganized होगी, तो बच्चा कभी भी इंडिपेंडेंट नहीं बन सकता।
बच्चे को ना समझें कम
यह भी एक गलती है, जो अक्सर पैरेंट्स करते हैं और इसलिए उनके बच्चे आत्मनिर्भर नहीं बन पाते। “ नहीं उसे छोड़ दो, तुमसे नहीं होगा।“ इस तरह का जुमला अक्सर मम्मी बच्चों से बोलती हैं। जिससे बच्चों का आत्मविश्वास भी टूटता है और वह आत्मनिर्भर नहीं बन पाते। अपने बच्चे की क्षमताओं को कम न समझें। आपप अपने बच्चे को कार्य दें और शुरू में उनके साथ बैठें और देखें कि वह कैसे करते हैं। ध्यान रखें कि आप बीच- बीच में उन्हें instruction ना दें। उन्हें गलतियाँ करने दें और उनके efforts को हाईलाइट करें। अगर आप उन्हें बताएंगी तो वह उस काम को तो कर लेंगे, लेकिन उसे सीख नहीं पाएंगे। वहीं खुद से की गई गलतियां उन्हें चीजों को बेहतर तरह से करने का तरीका सिखाती हैं।
थोड़ा धैर्य
बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आपको बहुत अधिक धैर्य दिखना होगा। हो सकता है कि आप उन्हें जोटास्क दें, उसे पूरा करने में वह समय लगाएं या फिर गड़बड़ी करें। ऐसे में अक्सर पैरेंट्स झुंझलाकर खुद ही उस काम को कर देते हैं। ऐसा ना करें। इस तरह आप उन्हें कभी Self-Sufficient नहीं बना पाएंगी। उन्हें टास्क को पूराकरने के लिए अतिरिक्त समय दें।
छोटे-छोटे टिप्स
बच्चों को शुरूआत से ही अपने कार्य खुद करने की आदत डालें। मसलन, खाने के बाद वह अपनी प्लेट खुद रखकर आएं। अगर वह कमरे में खेलते हैं तो उसके बाद उन्हें कमरे की क्लीनिंग खुद करनी हैं। हालांकि उनके काम को थोड़ा आसान बनाए रखें। आप कमरे में एक टॉय बास्केट रखें, जिससे बच्चा आसानी से सारे खिलौनों को आर्गेनाइज कर पाए।
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कभी भी बच्चे को एक साथ कई टास्क करने के लिए ना दें। इससे बच्चा परेशान हो जाता है और उसे यह सब बोझ लगने लगता है। आप धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए उसे Self-Sufficient बनाएं। मसलन, शुरूआत में आप उसे कहें कि वह ब्रश और नहाना खुद से करें और कपड़े आप उसे पहनाएंगी। जब वह खुद से नहाने और ब्रश करने का आदि हो जाए तो आप उसे खुद कपड़े पहनने के लिए कह सकती हैं। बच्चों की छोटी-छोटी एक्टिविटी पर नजर रखें। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वह चीजों को खुद करने की कोशिश करता है। ऐसे में उसे रोकने की जगह उसे प्रोत्साहित करें। भले ही वह गलती करेगा, लेकिन इस तरह वह आत्मनिर्भर बनना सीखता है।
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