कहते हैं कि वैवाहिक रिश्तों में समझौता करना बेहद जरूरी होता है और कुछ मामलों में आपको ऐसा करना भी चाहिए। जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम अपने रिश्ते को बचाने के लिए कई बार समझौते कर भी लेते हैं। उस समय भले ही आपका रिश्ता बच जाए, लेकिन कुछ वक्त बाद हमें अपने इस फैसले पर पछतावा होता है। शादी का रिश्ता दो लोगों को एक-दूसरे का पूरक बनाता है और इसलिए थोड़ी-बहुत एडजस्टमेंट करना आपसी सामजस्य के लिए बेहद जरूरी होता है।
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लेकिन कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो रिश्ते में non-negotiable होती हैं। हालांकि लड़कियां अपने पार्टनर की खुशी के लिए वहां पर भी एडजस्टमेंट करने के लिए तैयार हो जाती हैं। अगर आप अपने रिलेशन को बनाए रखने के लिए उन चीजों में समझौता करती हैं तो इससे आपका रिश्ता तो नहीं बच पाता, लेकिन आप खुद को मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित करती हैं।
कई बार ऐसा करने से रिश्ता बच भी जाता है, लेकिन उस रिश्ते में वास्तव में आप जिन्दा नहीं होती। सिर्फ एक रिलेशन के बोझ को आप अपने कंधों पर उठा रही होती हैं। इसलिए यह बाद में बड़ी परेशानी झेलने से अच्छा है कि आप पहले ही उन चीजों को लेकर समझौता ना करें। तो चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातों के बारे में-
कमिटमेंट
अगर आपका रिश्ता शुरूआती स्टेज पर है तो यकीनन आप दोनों एक रिश्ते में बंधने से पहले कुछ वक्त चाहेंगे ताकि आप दोनों एक-दूसरे को समझ सकें। लेकिन अगर आपको साथ रहते हुए एक लंबा वक्त हो गया है तो यह बेहद जरूरी है कि आप एक-दूसरे के प्रति कमिटेड हों। अगर आप एक-दूसरे से प्यार करते हैं और साथ रहना चाहते हैं तो कमिटमेंट से घबराएं नहीं। इससे रिश्ते में एक सुरक्षा की भावना आती है। जो लोग ऐसा नहीं करते, उनके रिश्ते का कोई भविष्य सुनिश्चित नहीं होता।
सम्मान
यह एक ऐसी चीज हैं, जहां पर अधिकतर महिलाएं समझौता कर लेती हैं। अगर उनका पार्टनर उन्हें गुस्से मंे कुछ कहता है या फिर परिवार के अन्य सदस्यों के सामने मजाक बनाता है, तो वह चुपचाप उसे सह लेती हैं। लेकिन आपको कभी भी अपने आत्म-सम्मान को लेकर समझौता नहीं करना चाहिए। मेरी खुद की एक सहेली के पति ड्रिंक करते हैं और उस समय वह आपा खोकर कई बार हाथ भी उठाते हैं।
लेकिन मेेरी सहेली का यह तर्क है कि वो जब भी ड्रिंक करते हैं तो होश में नहीं होते, इसलिए वह हाथ उठा देते हैं, वैसे तो वह मुझे बहुत प्यार करते हैं। क्या सच में उसका यह तर्क जायज है। हिंसा के लिए किसी भी चीज का जस्टिफिकेशन दिया जा सकता है। आज मेरी वह सहेली कई तरह के हेल्थ इश्यू से गुजर रही है और फिर भी अपने पति के साथ ही रहती है।
ईमानदारी
यह एक ऐसी क्वालिटी है, जो ना सिर्फ आपके आपसी प्यार को बढ़ाती है, बल्कि रिश्ते को भी मजबूत बनाती है। इसलिए पार्टनर के साथ ईमानदारी बरतें। साथ ही अगर आपका पार्टनर आपके साथ ईमानदार है तो उसे judge करने की जगह उसकी भावनाओं को समझें और उसका साथ दें।
सेल्फ स्पेस
यह भी एक ऐसी चीज है, जिसके साथ समझौता करना शायद आपके लिए काफी खतरनाक हो जाए। हालंाकि अधिकतर लड़कियां शुरूआत में इसे इग्नोर कर देती हैं और बाद में उन्हें काफी पछताना पड़ता है। यहां भी मैं आपको अपना ही उदाहरण दूंगी। मेरी एक सहेली आशा जब एक लड़के के साथ रिलेशन में थी, तब वह अपनी हर छोटी-छोटी बात उससे शेयर करती थी। शुरूआत में उसे ऐसा करना काफी अच्छा लगता था। लेकिन धीरे-धीरे उसका पार्टनर कंट्रोलिंग होता चला गया। वह उसके फोन के मैसेज, कॉल डिटेल सब चेक करने लगा।
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इतना ही नहीं, अगर वह अपने किसी पुरूष मित्र से बात भी कर ले तो उसका पार्टनर अपना आपा खो देता था। कुछ वक्त बाद आशा उस रिलेशन में घुटन महसूस करने लगी। यहां तक कि अपने पार्टनर के आसपास होने पर वह अपना फोन साइलेंट कर देती थी। उसने मुझसे मिलना भी बंद कर दिया था। आखिर में उस रिश्ते से बाहर निकलकर ही उसने खुली हवा में सांस ली। ऐसा आपके साथ ना हो, इसलिए कभी भी अपने पर्सनल स्पेस में किसी को दाखिल ना होने दें।
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