नीलम रत्न कब और किस विधि से पहनना चाहिए?

रत्न शास्त्र में सभी रत्नों के महत्व के बारे में बताया गया है और इसे सही विधि से पहनने का नियम बताए गए हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
significance benefits and rules of wearing neelam gemstone

हिंदू धर्म में सभी रत्नों को महत्वपूर्ण माना जाता है। रत्न शास्त्र में भी कई प्रकार के रत्न होते हैं। जिन्हें धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सभी 12 राशियों के रत्नों के बारे में बताया गया है। सभी राशियों के स्वामी रत्न भी अलग-अलग होते हैं और व्यक्ति को अपनी राशि के हिसाब से ही रत्न धारण करने की मान्यता है। अगर बात करें, नीलम रत्न की, तो यह रत्न शनिदेव से संबंधित है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है और इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को शनिदोष से भी छुटकारा मिल सकता है। अब ऐसे में अगर नीलम रत्न धारण कर रहे हैं, तो इसे किस विधि से पहनना चाहिए और नियम क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

नीलम रत्न किस राशि के जातक धारण करें?

neelam stone

नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से है। इसलिए मकर राशि और कुंभ राशि के जातक नीलम रत्न विशेष रूप से धारण कर सकते हैं। इससे जातक को लाभ हो सकता है और शुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।

नीलम रत्न किस विधि से पहनें?

  • नीलम रत्न को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या पवित्र जल से अच्छी तरह धोकर शुद्ध कर लें।
  • नीलम रत्न को सोने, चांदी या पंचधातु में जड़वाकर धारण करना चाहिए। सोने में जड़वाकर धारण करने से नीलम का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
  • नीलम रत्न को शनि ग्रह की उंगली यानी मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
  • नीलम रत्न को शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। शनिवार को शनि देव की पूजा करने के बाद नीलम रत्न को धारण करना और भी अधिक प्रभावी होता है।
  • नीलम रत्न को शनिवार की शाम या रात को धारण करना उत्तम माना जाता है।
  • नीलम रत्न को धारण करते समय अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।
  • रत्न को धारण करते समय शनि देव का मंत्र जाप करना चाहिए।

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नीलम रत्न पहनने के नियम क्या हैं?

stone neelam

  • नीलम रत्न पहनने से शुद्धि करने का विशेष मह्त्व है।
  • इस रत्न को धारण करने से पहले व्यक्ति को संकल्प जरूर लेना चाहिए।
  • रत्न धारण करने के बाद उसे दोबारा उतारना नहीं चाहिए।
  • नीलम रत्न धारण करने वाले जातकों को शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए।

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Image Credit- HerZindagi

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