ज्योतिष में शनि की दशा से प्रभावित प्रतिकूल चरण जीवन में समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके प्रभाव में आने वाले लोगों को अक्सर व्यावसायिक असफलताओं, वित्तीय नुकसान, स्वास्थ्य समस्याओं या तनावपूर्ण रिश्तों का सामना करना पड़ता है। जबकि शनि का लक्ष्य आपके जीवन में अनुशासन और धैर्य के माध्यम से जीवन का पाठ पढ़ाना है, यह चरण आपको भले ही भारी लग सकता है, लेकिन ये आपके जीवन में बदलाव लाने के लिए आता है।
हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में खराब शनि की दशा के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय प्रदान कर सकता है। अगर आपकी कुंडली में भी शनि की महादशा है तो आपके जीवन में कई संघर्ष आ सकते हैं। शनि की महादशा को कम करने और इसके नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए आप सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के बताए उपायों को आजमा सकती हैं।
शनि की महादशा और उसके प्रभाव
अगर आपकी कुंडली में किसी भी तरह की महादशा चल रही है तो सबसे बड़ा बदलाव यही होगा की आपका कोई भी काम बनते-बनते बिगड़ सकता है। इसकी महादशा के परिणाम से कुंडली में शनि की साढ़े साती का असर होने लगता है। साढ़े सात साल की वह अवधि होती है जब शनि जन्म के चंद्रमा पर गोचर करता है।
वहीं शनि की महादशा यानी शनि द्वारा शासित 19 साल का चरण। इससे आपके जीवन में कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ये चरण अक्सर जीवन में बाधाओं, करियर में अस्थिरता, पारिवारिक विवादों या स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े होते हैं। हालांकि आप कुछ आसान ज्योतिष उपायों से अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं और शनि की किसी भी दशा से बाहर आ सकते हैं।
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शनि की महादशा का असर कम करने के लिए अनुशासन का पालन करें
एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी जी के अनुसार, शनि की महादशा के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए जीवन में अनुशासन का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। शनि ग्रह कर्म और अनुशासन का कारक होता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हर कार्य में नियमितता और संयम बना रहे।
जब व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अनुशासन को अपनाता है चाहे वो किसी भी नियम का पालन करना हो, या जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाना हो तो शनि के कुप्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। अनुशासन से न केवल शनि की दुष्प्रभावी ऊर्जा नियंत्रित होती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।
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शनि की महादशा को दूर करने के लिए अपने भीतर के घमंड की कम करें
शनि की महादशा के प्रभाव को कम करने के लिए अपने भीतर के घमंड को त्यागना बहुत आवश्यक है। शनि ग्रह विनम्रता और संतुलित व्यवहार का प्रतीक है, इसलिए अहंकार या स्वयं को सर्वश्रेष्ठ समझने की प्रवृत्ति शनि के प्रभाव को बढ़ा सकती है। यदि आपको लगता है कि हर काम केवल आप ही कर सकते हैं या आपकी क्षमता ही सर्वोपरि है, तो इस अहंकार को छोड़ना जरूरी है।
अहंकार को कम करके आप अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन लाने में सफल होंगे। शनि की महादशा का उद्देश्य व्यक्ति को विनम्रता और धैर्य का महत्व सिखाना होता है। जैसे ही आप घमंड से मुक्त होकर आगे बढ़ते हैं, जीवन में कठिनाइयाँ धीरे-धीरे कम होने लगती हैं और शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलने लगती है।
शनि की महादशा को कम करने के लिए शनि के मंत्रों का जाप करें
यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा है, तो प्रतिदिन 'ओम शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस मंत्र के नियमित जाप से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और इसके नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है। यह अभ्यास न केवल बाधाओं को दूर करने में मदद करता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है।
इसके अलावा, हर शनिवार शनि चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है, जिससे जीवन की परेशानियों का समाधान मिलता है। शनि के बुरे प्रभावों को शांत करने के लिए शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना करना अत्यधिक प्रभावी होता है। इस दिन शनि की शिला पर सरसों का तेल चढ़ाना और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ फल देता है। यह कर्म शनि देव को प्रसन्न करने के साथ-साथ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में भी सहायक होता है।
यदि आप यहां बताए उपायों को नियम से आजमाएंगे तो आपको कुंडली में शनि के कारण होने वाले किसी भी दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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