हिंदू धर्म में सर्वाधिक पूजे जाने वालें भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के बारे में कौन नहीं जानता। श्री कृष्ण के नटखट अंदाज और उनकी प्रेम लीलाओं से तो पूरी दुनिया ही परिचित है। मगर बात जब भी भगवान कृष्ण की होती है तो राधा रानी का नाम अपने आप ही उनके साथ जुड़ जाता है। यूं कहिए ‘राधकृष्ण’ जुड़ कर एक मंत्र तैयार होता है। इसे जपने से अपार शांति और सुख की प्राप्ती होती है। वैसे तो राधा कृष्ण का नाम सदैव साथ में लिया जाता है मगर, सत्य तो यह है कि द्वापर युग में भगवान विष्णु का अवतार श्री कृष्ण और देवी लक्ष्मी का अवतार राधा रानी कभी भी एक दूसरे के नहीं हो सके थे। इसके बावजूद उनकी प्रेम कहानी आज भी अमर है। मगर, शादी श्री कृष्ण ने भी की थी और राधा रानी ने भी की थी। पहले शादी राधा रानी की हुई थी। उनकी शादी उनके बाल सखा अयन से हुई थी। राधा रानी और अयान की शादी से जुड़ी एक बेहद रोचक कहानी हैं।
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राधा के पति का वर्णन ब्रह्मावैवर्त पुराण में किया गया है. ये वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में से एक है.। कहानी के अनुसार राधा रानी के पति अयन बरसान के महा पंडित उग्रपत के पुत्र थे। उग्रपत देवी राधा के पिता बृजभान के परम मित्र थे। किसी यज्ञ के दौरान बृजभान का सहयोग करने के कारण उग्रपत को यह वर प्राप्त था कि वह जीवन में एक बार बृजभान से जो भी मांगेंगे वह उन्हें मिल जाएगा। अपने इस वर का प्रयोग करके महापंडित उग्रपत ने राधा रानी और श्री कृष्ण की शादी को रुकवा कर राजा बृजभान से राधा रानी का हाथ अपने पुत्र अयन के लिए मांगा था। अयन राधा रानी से बचपन से ही विवाह करना चाहता था।इस श्राप की वजह से नहीं हो पाया था राधा-कृष्ण का विवाह
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उसके मन में बरसाना का भावी राजा बनने का लालच था वहीं वह श्री कृष्ण से भी जलन रखता था। कंस के साथ मिल कर अयन कई बार श्री कृष्ण और राधा को अलग करने के असंभव प्रयास करे मगर, वह हमेशा ही अपने हर षडि़यंत्र में विफल हो जाता था। राधा रानी और श्री कृष्ण की शादी भी वह मात्र अपने पिता उग्रपत को मिले वचन के कारण ही तोड़ सका था। मगर, शादी के बाद भी अयन कभी भी राधा रानी को हाथ तक नहीं लगा सका।इन सवालों के जवाब बताएं अगर आपका भी फेवरेट टीवी सीरियल है ‘राधाकृष्ण’
इस विष्य में पुराणों में कई कथाएं बताई गई हैं। मगर, चर्चित टीवी सीरियल ‘राधाकृष्ण’ के मुताबिक अयन को महा ऋषी दुरवासा का श्राप मिला था कि वह राधा रानी को हाथ लगाते ही भष्म हो जाएगा।समर वेडिंग के लिए बेस्ट है ‘राधा रानी’ के फ्लोरल लहंगे
दरअसल, अयन और राधा रानी की शादी के बाद भी राधा और कृष्ण आपस में मिलते रहे। उनकी प्रेम लीलाओं से परेशन होकर अयन ने अपने पति होने का हक राधा रानी पर जताने की कोशिश की।
अयन छल से राधा रानी को एक ऐसा फल खिलाना चाहता था, जिससे राधा रानी को अपने वश में करके वह उनके साथ संबंध बना सके। मगर, वह ऐसा कर पाता उससे पहले ही ऋषी दुरवासा ने अयन को श्राप दे दिया कि वह जिस नियत राधा रानी को फल खिलाने जा रहा था वह उस नियत से अगर कभी भी राधा रानी को हाथ लगाने का प्रयास करेगा तो वह भस्म हो जाएगा।टीवी सीरियल ‘RadhaKrishn’ से इंस्पायर्ड हैं ये मेहंदी डिजाइंस
यही कारण था जो राधा रानी से शादी करने के बाद भी अयन कभी उनका पति नहीं बन सका। मगर पंडित दयानंद शास्त्री की मानें तो , ‘आयन घोष में वर्णर मिलता है कि अयन नाम के एक ग्वले ने भगवान विष्णु की बहुत तपस्या की थी। जब भगवान विष्णु अपने भक्त से प्रसन्न हुए तो उन्होंने अयन को वर दिया। वर में अयन ने भगवान विष्णु से माता लक्ष्मी से विवाह करने की इच्छा जताई। इस वरदान को सुन भगवान विष्णु को क्रोध तो आया मगर भक्त की इच्छा पूरी करना उनका कर्म था।
इसलिए उन्होंने अयन को वचन दिया कि जब देवी लक्ष्मी का जन्म राधा के रूप में पृथ्वी पर होगा तब तुम्हारा विवाह उनके साथ होगा। मगर साथ ही उन्होंने यह भी कि तुम देवी लक्ष्मी से विवाह तो कर लोगे मगर उन्हें कभी छू नहीं पाओगे और नपुंगसक रूप में जन्म लोगे।’
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