शाहरुख खान को फीमेल फैन ने जबरन किया किस, अब क्यों नहीं उठ रहे स्टार के पर्सनल स्पेस और कंसेंट पर सवाल?

शाहरुख खान को एक फीमेल फैन ने एक इवेंट के दौरान जबरन किस किया। जिसके बाद से लगातार ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या कंसेट और पर्सनल स्पेस जैसी बातें सिर्फ महिलाओं तक सीमित हैं।

 
shahrukh khan kissed by a fan

शाहरुख खान को हाल ही में एक इवेंट के दौरान एक फीमेल फैन ने किस कर लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि शाहरुख, फैंस से घिरे हुए थे। इसी बीच एक फीमेल फैन उनके पास आती है और उन्हें गाल पर किस कर लेती हैं। हालांकि शाहरुख इस पर कोई खास रिएक्शन नहीं देते हैं, बस मुस्कुरा देते हैं। वीडियो देखकर यह साफ हो रहा है कि फैन ने शाहरुख को किस करने से पहले उनकी इजाजत नहीं ली थी। शाहरुख इस बात से बेखबर थे कि वह लड़की उन्हें किस करने वाली है। इस वीडियो के सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या कंसेट की बातें सिर्फ महिलाओं पर लागू होती हैं? आखिर अगर शाहरुख की जगह कोई एक्ट्रेस होती तो क्या इस मुद्दे पर बहस नहीं छिड़ी होती?

कंसेट है असली मतलब

कंसेट और पर्सनल स्पेस को लेकर कई बार बहस छिड़ी है। लेकिन जब भी इस बारे में बात होती है, तो क्यों सिर्फ महिलाओं का जिक्र किया जाता है? जिस तरह किसी महिला के पर्सनल स्पेस में एंट्री करना हो, किसी महिला के करीब आना हो या फिर फिजिकल रिलेशन ही क्यों न बनाना हो, महिला का कंसेट जरूरी है। ठीक उसी तरह यह बात मर्दों पर भी लागू होती है। कंसेट सिर्फ एक शब्द नहीं है, जिस पर महिलाओं का हक हो बल्कि इस पर पुरुषों का भी बराबर का हक है। किसी भी इंसान को उसकी मर्जी के बिना छूना, उसके करीब जाना गलत है फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष।

पब्लिक फिगर के लिए भी जरूरी है पर्सनल स्पेस

shahrukh khan female fan

बेशक एक्टर और एक्ट्रेस को फैंस बहुत प्यार देते हैं, दीवानगी की हद तक उन्हें चाहते हैं। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि उन पर आपका अधिकार है। फैन के हक से प्यार करना और इस तरह किसी भी स्टार के करीब जाकर, अपनी मर्जी से ऐसा कुछ भी कर देना गलत है। इससे पहले एक रियलिटी शो के दौरान, नेहा कक्कड़ को एक कंटेस्टेंट ने भी इसी तरह किस किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल हुआ था। हालांकि तब कंसेट को लेकर सवालों का शोर काफी ज्यादा था लेकिन शाहरुख खान के मामले में यह शोर थोड़ा कम है। जिसकी वजह बिल्कुल साफ है।

यह भी पढ़ें-महिलाओं की कंसेंट को आखिर कब तक नजरअंदाज़ करेंगे हम?

सोच में बदलाव की है जरूरत

जिस तरह किसी भी महिला की पर्सनल स्पेस का सम्मान करना सभी की जिम्मेदारी है, ठीक उसी तरह कंसेट की बात पर पुरुषों का भी हक है। अक्सर देखा जाता है कि पुरुषों को कई बातों को लेकर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया जाता है। जिस तरह पुरुषों के लिए महिला की हां या न को सुनना, समझना और मानना जरूरी है, वैसे ही पुरुषों के 'कंसेट' पर बात भी की जानी चाहिए। 'नो' का मतलब 'नो' ही होता है, फिर चाहे इसे महिला कहे या पुरुष। और किसी भी इंसान को छूने, उसके करीब जाने से पहले उसकी हां या ना पूछना, सुनना और मानना बहुत जरूरी है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit:Social Media

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP