महिला सुरक्षा पर चिंतित सरकार, लेकिन आलोचना करने वालों के खिलाफ कर रही है कार्रवाई

आईटी और लॉ मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने महिला सुरक्षा पर चिंता जताते हुए इसे एक सामाजिक समस्या बताया। लेकिन रेप संस्कृति पर व्यंग्य करने पर आईपीएस ऑफिसर पर हुई कार्रवाई।

 
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आईटी और लॉ मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा करते हुए इसे एक सोशल इशु बताया। लंदन में इंडियन प्रोफेशनल्स फोरम को संबोधित करते हुए रवि शंकर प्रसाद ने हाल ही में आए थॉम्पसन रॉयटर्स फाउंडेशन के सर्वे का जोरदार खंडन किया, जिसमें भारत को महिलाओं के लिए अफगानिस्तान और सीरिया से भी ज्यादा खतरनाक बताया गया। उन्होंने इस बात की भी हैरानी जताई कि 1.3 अरब की जनसंख्या वाले देश में महज 200-300 महिलाओं से बातचीत के आधार पर इस सर्वे के नतीजे दे दिए गए। उन्होंने कहा, 'महिला सुरक्षा को लेकर किसी देश को अलग से चिन्हित करना सही नहीं है। महिला सुरक्षा की समस्या होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह एक सामाजिक समस्या है और हमें इससे मिलकर निपटना होगा। हमने रेप के मामलों में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और नाबालिग बच्चियों के साथ रेप के लिए कानून में बदलाव कर फांसी की सजा का प्रावधान किया है।'

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रेप संस्कृति के बयान पर भड़की सरकार

एक तरफ केंद्र सरकार महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर चिंतित है, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के लिए बढ़ती असुरक्षा पर तंज कसने वालों को दंडित कर रही है। सरकार ने जम्मू कश्मीर के बड़बोले नौकरशाह शाह फैसल के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने दक्षिण एशिया की रेप संस्कृति पर व्यंग्य किया है। फैसल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'दुर्भाग्य यह है कि लोकतांत्रिक भारत में कलोनियल स्पिरिट के साथ सर्विस रूल्स चलाए जा रहे हैं और लोगों को उनके दिल की बात बयां करने से रोका जा रहा है।'

35 साल के फैसल जम्मू कश्मीर से एकमात्र आईएएस अफसर हैं, जिन्होंने सिविल सर्विस एक्जाम में टॉप किया है। वह साल 2011 बैच के अफसर हैं और युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने की युवाओं को सिविल सर्विसेस में आने के लिए प्रेरित किया है। साल 2016 में सरकार ने अधिकारियों को सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने पर पाबंदी लगा दी थी। इस नियम के अनुसार अगर कोई विचार सरकार की किसी नीति पर नेगेटिवली रिएक्ट करता है तो उसे आलोचना के तौर पर देखा जाएगा।

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एक व्यक्ति ने उनके बयान को भारत के विरुद्ध बता दिया और कहा कि उन्हें अपनी नौकरी से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस पर फैसल ने भी कुछ इस तरह रिएक्ट किया, 'आपको क्या सोचकर लगा कि मेरी टिप्पणी भारत के ऊपर है, और आप शायद पीएमओ को टैग करना भूल गए।' एक और ट्वीट में उन्होंने हैरानी जताई कि उनके ट्वीट से सरकार की किस तरह से आलोचना हो गई।

फैसल ने यह टिप्पणी कठुआ गैंग में देशभर में हुए व्यापक विरोध के मद्देनजर की थी, जिस पर देश की राजनीति भी गरमा गई थी और इस पर बढ़ते विवाद के चलते जम्मू-कश्मीर के दो मंत्रियों को अपनी कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ा था।

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