आज भी देश में बेटियों की तुलना में बेटों को अधिक महत्व दिया जाता है, लेकिन नागौर ज़िले के एक गांव में 35 साल बाद बेटी के जन्म पर परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है। बेटी के स्वागत में परिवार के सदस्य कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपनी नन्हीं सी बेटी को घर लाने के लिए बस या कोई कार नहीं बल्कि हेलीकॉप्टर किराए पर लिया। हनुमान प्रजापत और उनकी पत्नी चुकी देवी के घर पिछले महीने बेटी का जन्म हुआ था। जन्म के बाद महिला अपने बच्चे के साथ हरसोलोल गांव में अपने माता-पिता के घर चली गई थी।
इसके बाद जब वह अपने घर यानी ससुराल आने वाली थी तो उसके लिए ख़ास इंतज़ाम किया गया। बेटी के साथ उसकी मां ने 40 किलोमीटर का सफ़र हेलीकॉप्टर के ज़रिए तय किया। मदनलाल जो कि बच्ची के दादा हैं, उन्होंने अपनी पोती के आने की खुशी में भव्य स्वागत किया। 35 साल बाद बेटी के जन्म होने पर मदनलाल ने उन्हें घर लाने के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लिया और बच्ची को घर लेकर पहुंचे। देश में जहां आज भी कई लोग बेटियों के जन्म पर दुख ज़ाहिर करते हैं वहीं नागौर के इस परिवार ने एक मिसाल पेश की है।
पोती का हर सपना पूरा करेंगे मदनलाल
बच्ची के दादा मदनलाल के बताया कि भगवान ने 35 साल बाद उनके घर में बेटी उपहार के तौर पर दी है। वह इस मौक़े पर बहुत खुश हैं, इसलिए उन्होंने उसे लाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की है। मदनलाल ने कहा कि वह अपनी पोती के हर सपने को पूरा करेंगे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार हेलीकॉप्टर की सवारी, जिसकी कीमत लगभग 4.5 लाख रुपये है, ऐसे में बच्ची का स्वागत अनोखे उत्सव को चिह्नित करता है। वहीं बच्ची के साथ परिवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
इसे भी पढ़ें:प्रेरणा चक्रवर्ती-निवेश जैन ने लॉकडाउन में 'वेगन वेडिंग' कर पेश की मिसाल, आप भी ले सकते हैं टिप्स
मदनलाल ने पोती का नाम रखा रिया
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार बेटी को लाने के लिए हेलीकॉप्टर ने सबसे पहले हनुमान और उनके तीन रिश्तेदारों के साथ निम्बड़ी चंदावता के लिए उड़ान भरी। इसके बाद हरसोलाव गांव में लगभग दो घंटे बिताने के बाद बच्ची के साथ प्रजापत और उनकी पत्नी के साथ-साथ बाक़ी रिश्तेदार भी हेलीकॉप्टर में सवार हुए और अपने घर के लिए रवाना हो गए। बेटी को इस तरह घर लाने का विचार मदनलाल का था, जो बच्ची के दादा हैं। उन्होंने अपनी पोती का नाम रिया रखा है, ऐसे में वह चाहते थे, कि उसके जन्मदिन को भव्य तरीक़े से मनाया जाए। बच्ची के पिता प्रजापत के अनुसार लड़का और लड़की दोनों को ही एक समान माना जाता है। आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि लड़की के जन्म पर जश्न नहीं मनाया जाता, लेकिन लड़की और लड़के में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इसलिए मैं अपनी बेटी को पढ़ाऊंगा और उसके सारे सपने पूरे करूंगा।
इसे भी पढ़ें:Garden Tips: गमले में आसानी से उगा सकती हैं चेरी टमाटर, जानिए कैसे
बेटी के लिए रास्ते में बिछाए गए फूल
मदनलाल के परिवार वालों के अलावा गांव वालों ने भी बच्ची के आने की खुशी में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान गांव निम्बड़ी चांदवता में हेलीपैड से लेकर घर के रास्ते तक फूल बिछाए गए। हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद बेटी को बैंड-बाजों के साथ नाचते और गाते घर तक लाया गया। गांव में आसपास के लोग और रिश्तेदारों के लिए भोजन का का भी इंतज़ाम किया गया था। यही नहीं बेटी के आने की खुशी में घरवालों ने पूजा भी रखी थी, जिसकी तैयारी पहले से ही हो चुकी थी।
Recommended Video
यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों