एक बुजुर्ग महिला सफेद शर्ट और भूरी पैंट में काउच पर झुक कर बैठी हुई थी। आसपास हो रही हलचल से लगभग बेखबर। कैमरा लगाए जा रहे थे, लाइट्स एडजस्ट की जा रही थीं। इंटरव्यू शुरू किए जाने से पहले सारी चीजों की गहमागहमी के बीच वह पूरी तरह से शांत बैठी हुई थीं। मां शीला 34 साल बाद भारत लौटी हैं। उनकी घर वापसी पर उनके हर पल को कैमरे में कैद किया जा रहा है, धूमधाम है, वाइन के ग्लास छलक रहे हैं, लोग उनसे बात करने के लिए उतावले हैं, उनकी शान में बड़ी-बड़ी पार्टियां आयोजित हो रही हैं। मां आनंद शीला, जो कभी संन्यासिनी हुआ करती थीं, आज आकर्षक का केंद्र बनी हुई हैं। जिन्हें कभी अपराधी करार दिया गया था, वह आज सेलेब्रिटी बन चुकी हैं। लेकिन शीला के लिए इस तरह के अटेंशन और लोगों के टेढ़े सवालों से गुजरना कोई नई बात नहीं है। ओशो आश्रम के वो लाल चोगे अब गायब हो चुके हैं। बाल काले की जगह सफेद हो चुके हैं। लेकिन उनकी आंखों में चमक और उनकी तेज-तर्रारी अभी भी वैसी ही है।
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जैसे ही मैं उनके पास पहुंची, उन्होंने मुझसे हाथ मिलाते हुए कहा, 'मैं शीला हूं।'
मैंने पूछा, 'कैसी हैं आप?'
'थक गई हूं... क्या फिर दोहराए जा चुके, बेवकूफी भरे सवाल पूछे जाएंगे?', उन्होंने भावशून्यता के साथ पूछा।
उन्होंने अभी-अभी कुछ लाइव चैट दी थीं, जहां न्यूज चैनल के एंकर्स ने उनसे टीआरपी बढ़ाने वाले सवाल पूछे होंगे। 'सेक्स पार्टी, जेल में बिताया वक्त..क्या इसी सब पर सवाल पूछे जाएंगे?' उनके बोलने में थोड़ी तल्खी थी।
'और आप इन सवालों के जवाब नहीं देना चाहतीं?', मैंने ऑफ कैमरा उनसे पूछा।
'मेरा मतलब है, पुरानी चीजों से आगे बढ़िए। और भी बहुत कुछ है मुझमें जानने लायक।' शीला आज भी अपनी बात मनवाने में माहिर हैं।
'देखते हैं मैं आपसे वो बातें निकलवा पाती हूं या नहीं।' कहते हुए मैंने इंटरव्यू शुरू किया।
वह काफी सोच-समझकर ठहराव के साथ जवाब देती हैं। जेल में वक्त बिताने के बाद शीला दुनिया को यह बताना चाहती हैं कि उन्होंने जो कुछ किया, वह प्यार की खातिर किया। वह ओशो की पूर्व सेक्रेटरी रहीं। उन पर मर्डर, इमिग्रेशन फ्रॉड और बायो-टैरर अटैक कराने के आरोप लगे और उन्हें जेल हो गई। यह बात तीन दशक पुरानी है। लगभग 30 साल की जिंदगी उन्होंने गुमनामी में बिता दी। और इसके बाद नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री आई Wild Wild Country, शीला ने इस फिल्म में बेधड़क बात की, अपने सभी कारनामों को सही साबित करने की कोशिश की और रजनीश आश्रम के कई राजों से पर्दा उठाया। शो के आखिर में वह बहुत लोगों के लिए हीरो बन गई थीं। असली मास्टर माइंड। दुनिया अचानक उनके बारे में जानने के लिए बेताब हो उठी। भारत में भी कुछ ने यही किया। तभी से उन्हें भारत वापस लाने की तैयारी शुरू हो गई थी। और अब मां शीला की घर वापसी का जश्न भव्य तरीके से मनाया जा रहा है।
मुझे यकीन सा नहीं हो रहा था कि इस नाजुक सी दिखने वाली महिला ने अमेरिकी शहर एंटीलोप में किस तरह का तांडव मचाया था। क्या यह वही महिला है, जिसने अपने ऊपर उठाए जा रहे सवालों पर मिडल फिंगर उठाकर करारा जवाब दिया था? क्या ये वही महिला है, जिसने मीडिया के लिए “Tough Titties” जैसे संबोधन इस्तेमाल कर उसका मजाक उड़ाया था।
वह कहती हैं, '40 साल में मैं और ज्यादा समझदार हो गई हूं।'
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मेरा मानना है कि मां आनंद शीला अब एक ब्रांड बन चुकी हैं। वह अब प्रेम की दूत बनना चाहती हैं। एक समय में आध्यात्मिक पंथ को चलाने वाली शीला को आज आध्यात्मिक ज्ञान मिथ्या जैसा लगता है। वह कहती हैं कि प्रेम ही वास्तविक है।
'क्या आपने मीरा के कृष्ण के लिए प्रेम पर संदेह किया है?' वह भगवान रजनीश से अपने प्रेम की तुलना करती हैं।
निंदा से शीला को डर नहीं लगता। इंटरव्यू खत्म होते-होते उन्होंने दो शब्द मेरी तारीफ में भी कह दिए।
हम इंटरव्यू फोटोग्राफ के लिए पोज दे रहे थे, तभी वह मेरे करीब आईं और मेरा हाथ थाम लिया।
'आपका और मेरा हेयर स्टाइल एक जैसा है। ...इसीलिए आप इतनी अच्छी हैं!' उन्होंने हंसकर कहा!
उनमें एक किस्म का आकर्षण है। अब वह खुद को एक आइकन की तरह देखती हैं। उन्होंने इच्छा जाहिर की है कि अपनी जिंदगी पर आधारित फिल्म में उनका किरदार आलिया भट्ट निभाएं। शीला की घर वापसी पर नेटफ्लिक्स की एक और डॉक्यूमेंट्री जल्द ही आने वाली हैं। चाहें आप शीला को पसंद करें या उनसे नफरत करें, उन्हें खारिज नहीं कर सकते।
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