नवरात्रि उत्सव के दौरान देवी दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों का सम्मान किया जाता है,एवं नियम और श्रद्धा पूर्वक पूजा की जाती है, ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में शुद्ध मन से किये गए काम और पूजा पाठ माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए एक आसान जरिया होता है। नवरात्रि के पावन पर्व को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इन नौ दिनों के समय में माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के 9 रूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री हैं और इन सभी के पूजन का विधान है। कुछ लोग पूरे 9 दिनों तक व्रत उपवास करते हैं और कलश स्थापना करने के साथ उसके नियमों का भी पालन करते हैं।
लेकिन अगर आप नवरात्रि के दिनों में घर की सुख समृद्धि के लिए व्रत करती हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए जिससे माता के सभी रूपों की कृपा दृष्टि बनी रहे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि का व्रत रखने वाले जातकों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता हैं, जिनका पालन ज्योतिष विचार से भी अवश्य ही किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भी अगर इन नियमों का पूर्ण रूप से पालन किया जाए तो भक्तों पर माता रानी की विशेष कृपा बनी रहती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
कलश के स्थान की रखें सफाई
यदि आप कलश की स्थापना करती हैं तो ध्यान में रखें कि आपको कलश स्थापित करते समय पूरी साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। कलश वाली जगह पर कभी भी धूल इकट्ठी न होने दें और ध्यान रखें कि इस जगह पर किसी तरह की गंदगी न हो। कलश के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहे। मान्यता है कि यदि आप कलश रखने के बाद घर की नियमित सफाई नहीं कर सकती हैं तो इसकी स्थापना न करें। कलश के नीचे रखे प्याले में उगने वाले ज्वार घर की सुख समृद्धि की तरफ इशारा करते हैं।
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किसी प्रकार की हिंसा न करें
मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान किसी भी तरह की हिंसा से पूरी तरह से बचना चाहिए। किसी से भी ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जो उसे बुरी लगे। इस दौरान किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए। घर के बुजुर्गों का सम्मान और उनकी सेवा करनी चाहिए। इस दौरान किसी भी जानवर को भी परेशान नहीं करना चाहिए। किसी का दिल दुखाने से बचना चाहिए क्यूँकि नवरात्रि के दौरान ये सबसे बड़ी हिंसा मानी जाती है।
अखंड ज्योति रखें प्रज्ज्वलित
ऐसी मान्यता है कि यदि आप विधि विधान से घर में माता की पूजा करती हैं तो आपको 9 दिनों तक अखंड ज्योति प्रज्वलित रखनी चाहिए। कलश स्थापनाकरने या अखंड दीप जलाने वालों को नौ दिनों तक अपना घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए ,कोई ना कोई व्यक्ति 24 घंटे घर पर होना चाहिए। अखंड ज्योति इस बात को दिखाती है कि माता दुर्गा की कृपा आपके घर में बनी हुई है। इसलिए रात दिन इस ज्योति की पूरी तरह रक्षा करनी चाहिए।
बाल न कटवाएं और नाखून न काटें
आरती दहिया जी बताती हैं कि नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान व्रत रखने पर आपको अपने शरीर के कुछ नियमों का पालन भी करना चाहिए। जैसे इस दौरान भूलकर भी बाल न कटवाएं, व्रत रखने वाले लोग 9 दिन तक नाखून न काटें, पुरुषों की अपनी दाढ़ी मूंछें नहीं बनवानी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा कोई भी काम करने से माता दुर्गा की संपूर्ण कृपा दृष्टि प्राप्त नहीं होती है।
सात्विक भोजन करें
यदि आप नौ दुर्गा में माता की पूर्ण कृपा पाना चाहती हैं तो आपको पूरे 9 दिनों तक सात्विक भोजन करना चाहिए। यदि आप व्रत रखती हैं तो अन्न का सेवन न करके पूरे 9 दिन फलाहार खाना चाहिए जिसमें फलों के अलावा, कुट्टू और सिंघाड़े का सेवन किया जा सकता है। व्रत के दौरान आप सामक चावल और सेंधा नमक का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। लेकिन यदि आप 9 दिन का व्रत न भी करें तब भी आपको सात्विक भोजन ही लेना चाहिए। इस दौरान लहसुन, प्याज और मांस , मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। यही नहीं इस दौरान किसी भी नशे का सेवन करने से बचें जिससे माता दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सके।
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कन्याओं को जूठा भोजन न कराएं
नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले किसी भी भोजन का भोग कन्याओं को ही लगवाना चाहिए। कन्याओं को कभी भी जूठा भोजन नहीं करवाना चाहिए, इसे देवी का अनादर माना जाता है। जिस दिन आप कन्याओं को (कन्याओं को दें ये उपहार)भोजन कराएं सबसे पहले उनके पैरों को पानी से धोएं, सम्मानपूर्वक उनके मस्तक पर तिलक लगाएं, कन्याओं के लिए साफ़ आसन बिछाएं और उसमें बैठाकर श्रद्धा भाव से भोजन कराएं।
जब आप इन सभी नियमों का पालन करते हुए माता का पूजन करती हैं तब घर में सुख समृद्धि आती है और माता की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है।
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