Mata Sita Ke Shraap Ki Katha: आज हम आपको रामयण का एक अनोखा किस्सा सुनाने जा रहे हैं जब शांत और सरल स्वभाव की माता सीता ने क्रोध में आकर भयंकर श्राप दिया था। यह श्राप उन प्राणियों को दिया गया था जिन्होंने माता सीता और भगवान राम के समक्ष झूठ बोला था। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस रोचक किस्से के बारे में।
- वाल्मीकि रामायण में राजा दशरथ के श्राद्ध से जुड़ा एक किस्सा वर्णित है। यह किस्सा माता सीता द्वारा राजा दशरथ के पिंडदान से जुड़ा हुआ।
- कथा के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मण पितृ पक्ष के समय श्राद्ध करने के लिए गया धाम पहुंचे थे।
- श्राद्ध की विधि में प्रयोग होने वाली आवश्यक सामग्री को जुटाने के लिए प्रभु श्री राम (कौन थे श्री राम के जीजा जी) और लक्ष्मण नगर की ओर चले गए।
- श्री राम और लक्ष्मण को दोपहर हो गई थी लेकिन दोनों में से कोई भी सामग्री के साथ पुनः श्राद्ध के स्थान पर नहीं पहुंचा था।
- तब माता सीता ने गया जी के आगे फल्गू नदी के तट पर राजा दशरथ का पिंडदान कर श्राद्ध कर्म की विधि पूर्ण को पूर्ण किया।
- श्राद्ध कर्म की विधि को करते समय मात सीता ने वहां मौजूद वटवृक्ष, केतकी के फूल और गाय को साक्षी बनाया।
- जब श्री आराम लौटकर आए तब माता सीता ने उन्हें पूरा वृत्तांत बताते हुए श्राद्ध पूर्ण कर लेने की बात कही।

- श्री राम ने माता सीता से श्राद्ध कर्म पूर्ण और विधिवत रूप से करने का साक्ष्य मांगा।
- माता सीता ने साक्ष्य के रूप में वट वृक्ष, केतकी के फूल, गाय और फल्गू नदी से प्रमाण देने के लिए कहा।
- तब केतकी, गाय और फल्गू नदी ने श्री राम के समक्ष झूठ बोल दिया और गलत गवाही दी।

- मात्र एक वट वृक्ष ने सत्य कहा और माता सीता (माता सीता के नाम)द्वारा राजा दशरथ के पिंडदान की बात स्वीकारी।
- इसके बाद माता सीता ने राजा दशरथ का स्मारण कर उनसे ही अपने सत्य का साक्ष्य देने को कहा।
- राजा दशरथ प्रकट हुए और उन्होंने भी माता सीता के पक्ष में उचित और सत्य बोला।
- इसके बाद माता सीता ने झूठ बोलने पर केतकी फूल, गाय और फल्गू नदी को श्राप दिया।
- फल्गू नदी को बिना पानी के रहने, गाय को झूठा खाने और केतकी को पूजा में वर्जित होने का श्राप दिया।
- वहीं, वट वृक्ष को सत्य बोलने पर वरदान दिया कि वह सुहाग का प्रतीक माने जाएंगे।
- जो भी सुहागिन वट वृक्ष की पूजा कर पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करेगी उसकी पूजा सफल होगी।
तो ये थे वो पांच प्राणी जिन्हें मात सीता ने क्रोध में दिया था भयंकर श्राप। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों