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Women Rights: हर महिला को पता होने चाहिए ये अधिकार, डेली लाइफ में आ सकते हैं काम

भारत के कानून में महिलाओं के लिए कुछ ऐसे खास अधिकार हैं, जो उनकी काफी सहायता करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ अधिकार बताने वाले हैं, जो काफी मदद कर सकते हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-12-02, 23:05 IST

आजादी से सालों बाद भी महिलाओं अक्सर अपनी आवाज खुलकर नहीं रख पाती हैं। साथ ही कुछ लोग भी ऐसे हैं, जो महिलाओं को कमजोर समझते हैं। मगर भारत के कानून के लिए हर कोई सामान है। कानून में महिलाओं के लिए भी कुछ विशेष अधिकार है, जिनकी सहायता से वो अपनी आवाज बेबाकी से उठा सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ कानूनों के बारे में। 

सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट सोनल गुप्ता बताती हैं, "भारत का कानून महिलाओं को आसमानता के पर्दे से बचाता है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम महिलाओं को पैतृक विरासत में हिस्सेदारी देता है। इसके अलावा भी कानूनी अधिकार महिलाओं के विकास, सम्मान और कल्याण को भी सुनिश्चित कर सकती हैं।"

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ऑनलाइन कंप्लेंट कर सकती हैं महिलाएं 

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महिलाओं के पास ऑनलाइन कंप्लेंट करने का ऑप्शन होता है। जैसे आपके साथ कोई परेशानी हो रही है या आपको किसी मामले में हेल्प चाहिए, तो आप ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज कर सकते हैं। 

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महिलाओं को केवल महिला अफसर अरेस्ट कर सकती हैं 

अगर आपको कभी भी पुलिस ऑफिसर अपने साथ ले जाएं, तो महिला होने के नाते आप यह कह सकती हैं कि आप महिला कांस्टेबल के साथ हा जाएंगी। ऐसा कहने के बाद मेल पुलिस अफसर को अरेस्ट नहीं कर सकते हैं।

बेटियों का भी है प्रॉपर्टी पर हक 

इसके साथ-साथ बेटियां अपने पेरेंट्स की प्रॉपर्टी पर हक रखती हैं। बहुत बार लड़कियों को जमीन का हिस्सा नहीं मिलता है, जो गलत है। अगर आप चाहें तो अपने पेरेंट्स की प्रॉपर्टी में से अपने हिस्से की मांग कर सकते हैं। 

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दहेज के विरुद्ध अधिकार

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दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार, दुल्हन, दूल्हे या उनके माता-पिता द्वारा शादी के दौरान, पहले या बाद में दहेज न तो दिया जा सकता है और न ही स्वीकार किया जा सकता है। किसी भी संपत्ति या मूल्यवान सुरक्षा को एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपूर्ति की गई या देने पर सहमति व्यक्त की गई है, जिसे अधिनियम के तहत "दहेज" के रूप में परिभाषित किया गया है।

इन सभी अधिकारों के साथ-साथ महिलाएं किसी भी घटना होने पर कंप्लेंट कर सकती हैं और आर्थिक सहायता की भी मांग कर सकती हैं। 

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