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एक असुर के लिए जब ऋषि दधीचि ने कर दिया था अपनी हड्डियों का दान, जानें रोचक कथा

आज हम आपको ऋषि दधीचि से जुड़ी एक रोचक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने एक असुर के लिए अपनी हड्डियों का दान कर दिया था।
Editorial
Updated:- 2023-01-04, 16:46 IST

Rishi Dadhichi In Hindu Dharma: हिन्दू धर्म में अनेकों महान ऋषियों का उल्लेख मिलता है। इन्हीं में से एक थे ऋषि दधीचि। ऋषि दधीचि महान शिव भक्त थे। साथ ही, इन्हें दानवीरों में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि ऋषि दधीचि ने देवताओं के हित के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हुए अपनी हड्डियां दान कर दी थीं। आइये जानते हैं इस रोचक कथा के बारे में।

  • ऋषि दधीचि महान एवं तपस्वी ऋषि अथर्वा और उनकी पत्नी शांति के पुत्र थे। ऋषि दधीचि भगवान शिव (भगवान शिव का पाठ) के उपासक होने के साथ-साथ अत्यंत तेजवान और विद्वान थे। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गुरु बृहस्पति देवराज इंद्र से नाराज हो गए। इंद्र देव को अपने यज्ञ के लिए पुरोहित की जरूरत थी।

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  • ऐसे में इंद्र ने त्वष्टा के पुत्र विश्वदेव को यज्ञ का पुरोहित बनाया। विश्वदेव ने छल से यज्ञ की एक आहुति असुरों के नाम की भी दे दी थी। तब इंद्र देव ने क्रोध में विश्वदेव का सिर धड़ से अलग कर दिया। इस बात का पता जब त्वष्टा को चला तो उसने महा यज्ञ कर वृत्रासुर नामक राक्षस को उत्पन्न किया।

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  • वृत्रासुर ने देवराज इंद्र को युद्ध के लिए ललकारा तो देव राज भय के कारण ब्रह्म देव के पास पहुंचे। ब्रह्म देव ने उन्हें बताया की वृत्रासुर का वध मात्र ऋषि दधीचि के हड्डियों से बने वज्र से ही हो सकता है। जिसके बाद इन्द्रदेव ऋषि दधीचि की शरण में भागे-भागे गए और उनसे सहायता मांगी।

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  • ऋषि दधीचि ने देवराज की सहायता के लिए अग्नि प्रज्वलित की और उस अग्नि में अपनी देह त्याग कर अपनी हड्डियों का दान देवराज को कर दिया। उनकी हड्डियों को एकत्रित कर जब देवराज ने उसी जल्दी अग्नि में झोंका तो वज्र जैसे शक्तिशाली अस्त्र (हिन्दू धर्म के शक्तिशाली अस्त्र) का निर्माण हुआ।

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  • चूंकि यह अस्त्र वज्र यानी कि हड्डियों से बना था इसी कारण से इसका नाम वज्रास्त्र पड़ा और इस दिव्य एवं परम शक्तिशाली अस्त्र के स्वामी देवराज इंद्र बने। इसी अस्त्र को पाकर देवराज ने वृत्रासुर की युद्ध की चुनौती स्वीकार की और वृत्रासुर का वध कर दिया।

तो इस तरह एक असुर के वध के लिए ऋषि दधीचि ने अपनी हड्डियों का दान किया था। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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