एक ऐसा जैन मंदिर जिसका आधे से ज्यादा हिस्सा है जमीन में धसा हुआ

आज हम आपको एक ऐसे चमत्कारी जैन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो आधे से ज्यादा जमीन में धसा हुआ है।  

jain temples rajasthan

Jain Mandir In Rajasthan: भारत मंदिरों का गढ़ माना जाता है। यहां न सिर्फ हिन्दू बल्कि कई जैन मंदिर भी हैं। हर एक मंदिर की अपनी महत्ता है और साथ ही जुड़ा हुआ है एक अनूठा रहस्य। इन्हीं मंदिरों में से एक है राजस्थान में मौजूद जिन मंदिर जिसका रहस्य आज भी अबूझ है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें इस मंदिर से जुड़ी कई रोचक बातें बताई जो न सिर्फ चौकाने वाली थीं बल्कि इनके आगे विज्ञान का ज्ञान भी फीका सा नजर आने लगे। तो चलिए जानते हैं कौन हैं ये जैन मंदिर और क्या है इससे जुड़ी कथा।

  • राजस्थान के जयपुर में सांगानेर नाम कि एक जगह है जहां संघी जी मंदिर स्थापित है। यह मंदिर 7 मंजिला है लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस मंदिर (मंदिर की सीढ़ियों को क्यों स्पर्श किया जाता है) के 5 तल जमीन में धसे हुए हैं यानी कि यह पांच तल जमीन के अंदर समाए हुए हैं।
  • इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि यहां स्वयं यक्षों का वास है और वही यहां की रक्षा भी करते हैं। यक्ष मंदिर के उस भाग में रहते हैं जो जमीन के अंदर मौजूद है। सांगानेर की कथा इस जगह के विध्वंस से जुड़ी है।
jain mandir rajasthan
  • कथा के अनुसार, सांगानेर एक खुशहाल राज्य था और यहां भगवान आदिनाथ का मंदिर आज भी स्थापित है। माना जाता है कि इस स्थान के आस-पास के राज्य इसकी संपन्नता से जलते थे इसी कारण उन्होंने मिलकर इस राज्य पर हमला कर दिया।
sanganer temple in rajasthan
  • राज्य तो तहस-नहस कर दिया लेकिन आदिनाथ मंदिर को छू तक न सके। सांगानेर को राजकुमार सांगा ने फिर से बसाया। मान्यता है कि संघी जी मंदिर के पास बड़ी बावड़ी हुआ करती थी। इस बावड़ी से जुड़ी भी बड़ी दिलचस्प कथा।
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  • इस बावड़ी के आस-पास कोई भी आता जाता नहीं था लेकिन एक दिन बिना किसी महावत के एक हाथी दिव्य रथ को खींचता हुआ इस बावड़ी की ओर बढ़ने लगा। जैसे ही हाथी बावड़ी के पास पहुंचा वैसे ही रुक गया।
  • जब लोगों ने देखा कि किसी के काबू न आने वाला हाथी बावड़ी के पास रुका तो वह दौड़े-दौड़े आए और उन्हें बावड़ी में दिगंबर जैन (जैन धर्म के 8 प्रतीक चिह्न) की प्रतिमा दिव्य तेज के साथ चमकती हुई दिखी। प्रतिमा को लोगों ने निकाला और मंदिर बनवाकर स्थापित कर दिया।
  • इस मंदिर के 5 तल जमीन के अंदर हैं और आखिरी तल में सिर्फ और सिर्फ ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले दिगंबर साधु जैन को जाने की ही अनुमति है। माना जाता है कि इस मंदिर का अंतिम तल तक आजतक कोई भी नहीं पहुंच पाया है।

तो ये था वो जैन मंदिर जिसके जमीन में धसे होने के पीछे का रहस्य आज हमने आपको बताया। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Wikipedia

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