अगर इस दुनिया में कोई भी पुरुष किसी दिन यह समझ जाए कि रेप के दौरान कितना दर्द होता है और छेड़छाड़ के दौरान कैसा महसूस होता है तो इस दुनिया में रेप और छेड़छाड़ की घटनायें होना खुद ही बंद हो जाएंगी। लेकिन अफसोस की बात है कि हमारी दुनिया में इस दुर्घटना के दर्द और एहसास को कुछ महिलाएं तक खुद नहीं समझती हैं। तभी तो रेप और यौन शोषण की पीड़िताओं को सबसे ज्यादा ताने और बातें समाज की महिलाओं की तरफ से ही तो सुनने मिलते हैं। इसलिए ही तो यह लाइन निकल पड़ी है कि "पुरुष तो एक बार रेप कर के चले जाता है लेकिन समाज की बातें उस पीड़िता का हर दिन रेप करती हैं।"
ऐसे में क्या किया जाए?
आपके मन में भी सवाल आता होगा कि आपके सामने कोई रेप पीड़िता आ जाए तो आप क्या करेंगी? ऐसे स्थिति में बहुत कुछ किया जा सकता है। आप व्यक्तिगत तौर पर बहुत कुछ कर सकते हैं। ये चार काम तो जरूर करें।
उनका साथ दें
लड़कियों के रेप और यौन शोषण के मामले शायद ही उनका साथ कोई देता है। जबकि उस वक्त उन्हें सबसे ज्यादा साथ की जरूरत होती है। इसलिए ऐसे वक्त में उनसे बात करें। उनके दर्द को समझें और उन्हें एहसास दिलायें कि आप उनके साथ हैं। इस समय उनसे बात करते वक्त उन्हें दिलासा दें कि आप उनके साथ हैं। यह वह स्थित है जब आप उसकी किसी भी तरह से मदद नहीं कर सकते हैं। ऐसे में भाषा का ख्याल रखेँ और उन्हें अपनी बातों को खुलकर बोलने दें।
उन पर खुल कर भरोसा करें
नॉर्मली हमारे समाज में रेप पीड़िता को ही दोषी माना जाता है। अब तो नेता भी खुलकर बोलने लगे हैं कि "लड़कियां अगर छोटे कपड़े पहनेंगी और पब में रात में जाएंगी तो रेप होगा ही।" अधिकतर महिलाओं का भी मानना है कि लड़कियों का चरित्र अच्छा नहीं होता है इसलिए उनका रेप होता है। ऐसे में उन्हें लोगों के भरोसे की बहुत जरूरत होती है। इसलिए उन पर भरोसा करें और उन्हें विश्वास दिलायें कि वह आपकी नजर में सही है।
उनके रिएक्शन पर रिएक्ट करें
उनकी बातों को सुनने का मतलब यह नहीं है कि आप केवल खामोशी से उन्हें सुनते रहें। बल्कि उनके रिएक्शन पर खुद का भी रिएक्शन दें। उनकी बातों पर रिएक्ट करें। अगर वह गुस्सा होती है तो आप भी गुस्सा करें। ऐसी स्थितियों में पीड़िता केवल मरने के बारे में सोचती हैं। ऐसे में आप उनपर गुस्सा करें और कहें, "जो हुआ सो गलत था और बहुत ही ज्यादा गलत था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह दुनिया का अंत है।"
उनको समझें
यदि आप एक पीड़िता के साथ कुछ चर्चा करने वाली हैं जो उन्हें उस घटना की याद दिला सकती है तो इससे वह अच्छा भी महसूस कर सकती हैं और बुरा भी। ऐसे में उनके रिएक्शनस पर ध्यान दें और उसकी तरह बिहेव करें। अगर वे परेशान हो जाती हैं तो उनसे बात ना करें और अगर वे इस पर बात कती हैं तो उनसे खुलकर बात करें। बेवजह उन्हें केवल छेड़े नहीं।
बाद बाकि आप किसी के भी दर्द को समय से पहले नहीं भर सकती हैँ। ऐसे में केवल उनके साथ रहना ही आपकी सबसे बड़ी मदद होगी। हां ऐसी घटनाओं के बाद पीड़िता बहुत डरी रहती हैं। ऐसे में उनके साथ हमेशा रहें और हर वक्त उनके डर को कम करने की कोशिश करें।
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