हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण को जगतपिता नारायण का दर्जा दिया गया है और जो लोग भगवान नारायण के भक्त होते हैं वह अपने घर में लड्डू गोपाल जरूर रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। लड्डू गोपाल भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को कहा गया है। इसलिए जिनके घर में लड्डू गोपाल होते हैं, उन्हें उनकी सेवा भी छोटे बच्चे के जैसे ही करनी होती है।
इस विषय में उज्जैन के पंडित कैलाश नारायण बताते हैं, ' लड्डू गोपाल की सेवा के कई नियम बताए गए हैं। मगर इन नियमों में सबसे ज्यादा जिस नियम का ध्यान रखना चाहिए वह है लड्डू गोपाल को भोग लगाना। शास्त्रों में लड्डू गोपाल को छप्पन भोग लगाने की बात लिखी है। मगर हर रोज यह संभव नहीं है। किसी के घर में एक दिन में छप्पन प्रकार के व्यंजन नहीं बन सकते हैं। मगर लड्डू गोपाल को नियमित रूप से दिन में 4 बार भोग जरूर लगाना चाहिए।'
पंडित जी लड्डू गोपाल को भोग लगाने के नियम भी बताते हैं-
सबसे पहला भोग
- लड्डू गोपाल को सबसे पहला भोग सुबह उठते ही लगाएं। सुबह उठने का मतलब ब्रह्म मुहूर्त नहीं है। आप आराम से 6 से 7 के बीच में उठ कर बिना स्नान किए ही लड्डू गोपाल को पहला भोग लगा सकती हैं। इस भोग में उन्हें दूध पिलाएं।
- लड्डू गोपाल को दूध का भोग लगाने से पूर्व घंटी बजा कर उठाएं। उठाने के बाद उन्हें चम्मच से दूध पिलाएं। आप 10 मिनट के लिए दूध का ग्लास लड्डू गोपाल के पास ही रख दें।
- जिस दूध का प्रसाद चढ़ाया था उसी दूध का इस्तेमाल आप अपनी चाय बनाने में कर सकती हैं।
दूसरा भोग
- लड्डू गोपाल को दूसरा भोग उन्हें स्नान कराने के बाद ही लगाएं। इसके लिए पहले खुद भी स्नान कर लें।
- लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उन्हें भोग में दही जरूर चढ़ाएं। पंडित जी कहते हैं, ' दही, मक्खन-मिश्री और लड्डू श्री कृष्ण को अति प्रिय हैं। अगर आप इनका भोग श्री कृष्ण को चढ़ाती हैं तो आपको उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा।'
- लड्डू गोपाल को दही का प्रसाद नियमित रूप से जरूर चढ़ाएं, मगर इसके साथ ही सीजनल फलों का प्रसाद भी जरूर चढ़ाएं।
- आप चाहें तो हफ्ते भर के लिए लड्डू तैयार करके रख सकती हैं और फिर उसी में से रोज एक लड्डू लड्डू गोपाल को चढ़ाएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल को घर पर बना हुआ मक्खन ही भोग में लगाएं।

दोपहर का भोग
- पंडित जी कहते हैं, ' दोपहर में आप लड्डू गोपाल को भोग में वह सब कुछ चढ़ा सकती हैं, जो आपके घर पर बना है। बस आपके भोजन में प्याज और लहसुन नहीं होना चाहिए।'
- अगर आप प्याज लहसून खाती हैं तो लड्डू गोपाल के लिए अलग से भोग तैयार करने की जगह केवल एक मीठा पराठा बना लें।
शाम और रात का भोग
शाम को लड्डू गोपाल को पापड़-चिप्स या फिर मखाने का प्रसाद चढ़ाएं। वहीं रात में आप जो भोजन कर रही हों वहीं लड्डू गोपाल को भी चढ़ा दें। पंडित जी कहते हैं, ' रात में लड्डू गोपाल को सुलाने से पूर्व आपको उन्हें दूध देना है।'
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भोग चढ़ाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
- अगर आपके घर में 2 लड्डू गोपाल या भी राधा जी हैं तो आप सभी को अलग-अलग भोग भी चढ़ा सकती हैं और एक साथ भी भोग लगा सकती हैं।
- लड्डू गोपाल को भोग लगाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप चांदी की प्लेट का ही इस्मेमाल करें। आप चाहें तो स्टील के बर्तन भी यूज कर सकती हैं। मगर इस बात का ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल के बर्तन रोज साफ किए जाएं और उन्हें आप दूसरे किसी काम में इस्तेमाल न करें।
- जब भी लड्डू गोपाल को भोग लगाएं उसमें तुलसी जरूर डालें। पंडित जी कहते हैं, 'आप भोग में 11 दिन पुरानी तुलसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। एक ही तुलसी को पानी से साफ करके रोज लड्डू गोपाल के भोग में लगा सकते हैं।'
- लड्डू गोपाल को भोग में जो भी चढ़ाएं उसे 5 मिनट के लिए वहीं रखा रहने दें। साथ ही पर्दा डाल दें और घंटी बजाएं। ऐसा शास्त्रों में लिखा है कि किसी भी भगवान को भोग लगाते नहीं देखना चाहिए और इस दौरान घंटी जरूर बजानी चाहिए।
- भोग यदि भाव के साथ लगाया जाए तो किसी भी मंत्र की जरूरत नहीं होती है। लड्डू गोपाल को जो भी भोग लगाएं बाद में उसे खुद ग्रहण कर लें।
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