साल भर के इंतजार के बाद एक बार फिर से जन्माष्टमी का त्योहार आ गया है। वर्ष 2020 में 11 अगस्त और 12 अगस्त के दिन पूरे देश में जन्माष्टमी मनाई जाएगी। भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही विशेष होता है। हर हिंदू परिवार में इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल का पूरी विधि के साथ जन्म कराया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद उनके अभिषेक का भी महत्व होता है। चलिए पंडित विनोद सोनी पोद्दार से जानते हैं कि इस बार जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त और लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की सही विधि क्या है।
शुभ मुहूर्त
यह पर्व 11 अगस्त को दोपहर 12:27 मिनट से शुरू होगा और 13 अगस्त की सुबह 2:06 मिनट तक रहेगा।
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कब करें अभिषेक
लड्डू गोपाल का अभिषेक हमेशा उनके जन्म लेने के बाद ही करना चाहिए। घर पर पहले खीरे को काट कर लड्डू गोपाल का जन्म कराएं और फिर उनका अभिषेक करें। साथ ही आपको लड्डू गोपाल के जन्म के वक्त शंख (शंख बजाने के लाभ जानें) और घंटे बजाने चाहिए। इनकी ध्वनि से पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैल जाती है।
कैसे करें अभिषेक
आमतौर पर घरों में भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक जल से किया जात है। मगर वास्तव में श्री कृष्ण के अभिषेक में जल का प्रयोग नहीं होता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक पहले लड्डू गोपाल का अभिषेक दूध की धार से करना चाहिए। इसके बाद घी से लड्डू गोपाल का अभिषेक होना चाहिए । घी के बाद शहद और शहद के बाद दही और गंगा जल से लड्डू गोपाल का अभिषेक करके प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। इसके बाद जल की धार से लड्डू गोपाल को आप साफ कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि इन सभी सामग्रियों से अभिषेक करते वक्त आप शंख का इस्तेमाल करें। शंख को बहुत ही शुभ माना गया है और श्री कृष्ण(श्री कृष्ण से जुड़े रोचक तथ्य जानें) को शंख इसलिए भी अति प्रिय है क्योंकि इसमें देवी लक्ष्मी का वास होता है।
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अभिषेक के बाद जरूर करें ये काम
लड्डू गोपाल का अभिषेक करने के बाद इस सामग्री को फेंके नहीं बल्कि इसी में मखाने, चिरौंजी, गरी, छुआरा और किसमिस डाल कर पंचामृत तैयार करें। इस पंचामृत को पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं, आपको अभिषेक के बाद लड्डू गोपाल को नए वस्त्र पहना कर उनका श्रंगार करना चाहिए ।
लड्डू गोपाल की पूजा के वक्त रखें इन बातों का ध्यान
- लड्डू गोपाल को हमेशा चंदन का तिलक ही लगाएं।
- लड्डू गोपाल के श्रृंगार में बांसुरी और मोर पंख को जरूर शामिल करें। इन दोनों ही वस्तुओं के बिना लड्डू गोपाल का श्रृंगार अधूरा माना जाता है।
- लड्डू गोपाल के सिहांसन के पास तुलसी का पत्ता जरूर रखें। तुलसी (तुलसी के लाभ जानें) को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, भगवान श्री कृष्ण तुलसी के बिना कभी भी प्रसाद ग्रहण नहीं करते हैं।
- लड्डू गोपाल का श्रृंगार करने के बाद उन्हें झूला जरूर झुलाएं और श्री कृष्ण जी की आरती गाएं।
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