12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है। जीवनदायिनी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन स्थल संगम में साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और स्नानार्थियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। 13 जनवरी, 2025 से शुरू इस पर्व में अब तक लगभग 07 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं। इतना ही नहीं बल्कि सरकार का अनुमान है कि महाकुंभ में 45 करोड़ लोग आ सकते हैं। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि कुंभ में कितने लोग शामिल हुए और कितने लोग स्नान कर रहे हैं इसकी गिनती कैसे होती है। अगर आपके मन में भी यह प्रश्न बार-बार आ रहा है, तो इस लेख में आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
अमृत स्नान में शामिल हो रहे हैं करोड़ों लोग
जनवरी में पड़ने वाली शीतलहर और कड़ाके की ठंड के बावजूद लाखों लोग रोजाना स्नान के लिए संगम आ रहे हैं। आस-पास, गांव कस्बा और देश-विदेश से लोग आ रहे हैं। अब ऐसे में पूरी कुंभ नगरी में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ देखने को मिल रहा है। बता दें, महाकुंभ के पौष पूर्णिमा के स्नान पर 1.70 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इसके बाद मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। इसी क्रम में रोजाना लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।
इसे भी पढ़ें-Maha Kumbh Shahi Snan 2025: महाकुंभ के दौरान घर पर ही कर रहे हैं शाही स्नान तो यहां जानें इसके नियम
कुंभ में कैसे की जाती है श्रद्धालुओं की गिनती?
मकर संक्रांति से लेकर 16 जनवरी तक लोगों के स्नान की संख्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी साझा की थी। प्रशासन का दावा है कि पहले शाही स्नान में 3.5 करोड़ लोगों ने स्नान किया था। बता दें साल 2013 से पहले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए मेला के डीएम और एसएपी की रिपोर्ट को मान्य माना जाता था। यह रिपोर्ट कितनी बसें, ट्रेनें आईं और उसे कितने लोग उतरे उसके आधार पर तैयार की जाती थी। इसके अलावा निजी वाहनों पर भी नजर रखी जाती थी।
महाकुंभ में कितने लोग हुए शामिल कैसे किया रहा तय?
साल 2025 में होने वाले महाकुंभ में लोगों की संख्या करने के लिए एआई और सीसीटीवी के माध्यम से तय की जा रही है। इसके लिए एआई लैस कैमरे हर एक मिनट का डेटा अपडेट करता रहता है। ये सिस्टम सुबह तीन बजे से शाम 07 बजे तक एक्टिव रहते हैं। इसके साथ ही मुख्य पर्वों के दिन स्नान भोर में ही शुरू हो जाते हैं, जिसके कारण इन्हें पहले ही एक्टिव कर दिया जाता है। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के अनुसार, इस बार कुंभ मेले में आए श्रद्धालुओं की गिनती के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए इस बार एआई से लैस कैमरे लगाए गए हैं।
इसे भी पढ़ें-Maha Kumbh 2025: नागा साधु बनने के लिए क्यों करना पड़ता है खुद का ही पिंडदान? आखिर क्या है इसका महत्व और रहस्य
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image credit- Personal image
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों