यह साल 2023 है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन मैं और मेरी जैसी महिलाएं आखिर कितनी सुरक्षित हैं?
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2021 में 1 जनवरी से 15 जुलाई के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध के 6,747 मामले दर्ज किए गए थे और 2022 में यह संख्या बढ़कर 7,887 हो गई। बीते साल 15 जुलाई तक शहर में रेप के 1,100 मामले दर्ज हुए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,033 मामले दर्ज हुए थे। अब यह एक बड़ा सवाल है कि देश की राजधानी में महिला आखिर कैसे सुरक्षित रहेगी?
अंजलि सिंह की मौत से ही नए साल में राजधानी में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैला है। अंजलि के दोपहिया वाहन को एक मारुति बलेनो कार ने टक्कर मार दी थी और उसके शव को करीब डेढ़ घंटे तक वाहन घसीटता रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके शरीर को 10 किमी से अधिक दूर तक घसीटा गया, जहां से उसके स्कूटर को टक्कर मारी गई थी। अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह महज हादसा नहीं है, बल्कि एक महिला के खिलाफ किया गया हिंसक अपराध है।
आज चलिए देखते हैं बीते समय उन जघन्य अपराधों के बारे में, जिन्होंने महिला सुरक्षा के नियमों का कच्चा-चिट्ठा खोल कर रख दिया था। इन अपराधों ने भारत में महिला सुरक्षा की ओर एक बार फिर से ध्यान खींचा।
1. श्रद्धा वाकर हत्याकांड
श्रद्धा वाकर की 18 मई, 2022 को दिल्ली में उसके प्रेमी और लिव-इन पार्टनर आफ़ताब अमीन पूनावाला ने हत्या कर दी थी। यह मामला छह महीने बाद ही सामने आया जब श्रद्धा के पिता ने बेटी की गुमशुदगी के बारे में सुनकर शिकायत दर्ज कराई थी। केस दर्ज होने के बाद जब सच्चाई सामने आई तो हर कोई दहल गया।
28 वर्षीय पूनावाला ने एक झगड़े के दौरान श्रद्धा का गला घोंट दिया था और बस वो यहीं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे। इन टुकड़ों को वह 300 लीटर वाले फ्रिज में रखता था और देर रात छतरपुर के जंगलों में फेंक कर आ रहा था। पूनावाला को 12 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले ने एक राष्ट्रीय उन्माद पैदा कर दिया थी क्योंकि श्रद्धा के चरित्र और पसंद भी सवालों के घेरे में आ गई थीं।
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2. 2019 हैदराबाद रेप केस
हैदराबाद में एक 26 वर्षीय पशु चिकित्सक का बेरहमी से गैंगरेप किया गया था। इसके बाद उसकी हत्या कर, सड़क के किनारे फेंक दिया गया था। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, पीड़िता हैदराबाद के पास शमशाबाद में एक टोल प्लाजा पर अपनी स्कूटी लेकर रुकी थी।
दो लॉरी चालकों ने अपने सहायकों के साथ जानबूझकर उसके वाहन को पंचर कर दिया था और उसकी मदद करने का नाटक करते हुए उसे एक सड़क के किनारे ले गए और झाड़ियों में धकेल दिया। बाद में उसके साथ बलात्कारियों ने बेरहमी से गैंगरेप किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इस अपराध के बाद रेपिस्ट को एनकाउंटर में मार गिराया गया था।
3. उन्नाव रेप केस
रूह को झकझोर देने वाले एक मामले में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 4 जून, 2017 को एक 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया गया था। बलात्कारी कोई और नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के पूर्व सदस्य कुलदीप सिंह सेंगर थे। उन्हें 16 दिसंबर, 2019 को बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। 20 दिसंबर, 2019 को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। मुकदमे के दौरान, उन्हें बलात्कार-पीड़ित के पिता की हत्या का भी दोषी पाया गया।
4. हाथरस गैंगरेप केस
एक और मामला जो आपको सिर से पांव तक कंपकंपा देगा। एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ चार लोगों ने क्रूरता से सामूहिक बलात्कार किया, जो उस लड़की से 'उच्च' मानी जाने वाली जाति के थे। दुष्कर्म उत्तर प्रदेश के हाथरस में किया गया था।
बलात्कार पीड़िता को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो हफ्ते बाद उसकी मौत हो गई थी। हालात को बदतर बनाने के लिए, यूपी पुलिस के जवानों ने बलात्कार पीड़िता के परिवार के किसी भी सदस्य की अनुमति या उपस्थिति के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस मामले में यूपी पुलिस के खिलाफ व्यापक विरोध देखा गया था (महिलाओं के लिए 10 Safety Rights)।
5. कठुआ रेप केस
यह मामला शायद ही इतना भयावह हो सकता है। एक नन्ही राजकुमारी, जिसकी उम्र केवल 8 साल की थी, उसका अपहरण, गैंगरेप और हत्या कर दी गई थी। यह अक्षम्य अपराध भारत के जम्मू और कश्मीर में कठुआ के पास रसाना बस्ती में किया गया था।
कथित तौर पर बच्ची लापता थी और ग्रामीण उसकी तलाश कर रहे थे जब उन्होंने अपने गांव से एक किलोमीटर दूर उसका शव पाया। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और 16 अप्रैल, 2018 को कठुआ में अदालत में पेश किया गया था। इस अपराध में 8 पुरुषों के खिलाफ आरोप दायर किए गए थे।
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6. बदायूं रेप केस
बदायूं रेप केस में 2 पीड़िताएं शामिल हैं। 27 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के कटरा गांव में दो युवतियों के साथ गैंगरेप कर उनकी हत्या कर दी गई थी। बाद में सीबीआई ने जो किया वह आपके होश उड़ा देगा। लंबी जांच के बाद, सीबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंची कि कोई बलात्कार नहीं हुआ था। इस मामले में संदिग्धों को छोड़ दिया गया था।
7. निर्भया रेप केस
शायद ही ऐसा कोई हो जिसको इस केस के बारे में न पता हो। इस मामले के बारे में पढ़ना ही भयावह है, तो आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि निर्भया पर क्या गुजरी होगी। साल 2012 के दिसंबर की एक काली रात में, निर्भया अपने दोस्त के साथ बाहर निकली थी और वापसी के दौरान एक बस में उसके साथ यह घिनौना अपराध हुआ। छह पुरुषों ने निर्भया का रेप किया और बहुत ही बुरी तरह से उसे पीटा भी (आखिर मैं कितना सुरक्षित महसूस करती हूं दिल्ली में)।
रेप के बाद उसके सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया था। कई चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। अपराधियों में से एक राम सिंह ने कारावास के दौरान ही आत्महत्या कर ली थी। चार को मौत की सजा दी गई थी और किशोर को रिमांड सुविधा में भेजने के 2 साल बाद रिहा कर दिया गया था।
अरे लेकिन लिस्ट अभी खत्म नहीं हुई है! आज भी लाखों मामले अभी भी पेंडिंग हैं, अभी भी कुछ फाइलों के ढेर के नीचे पड़े हुए हैं। अपने जीवन में सबसे भयानक चीजों में से एक होने के बावजूद, बलात्कार भारत में चौथा सबसे आम अपराध है।
ऐसे मामले यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या भारत वाकई महिलाओं के लिए सुरक्षित है? क्या हम वास्तव में महिला सशक्तिकरण वाले राष्ट्र की ओर बढ़ रहे हैं? हो सकता है कि देशभक्ति की भावना आपको विश्वास दिलाती है कि भारत महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित देश है, लेकिन इन नंबरों और मामलों को देखकर आप क्या कहेंगे?
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Image Credit: Freepik
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