हमारे देश में मां को त्याग की मूर्ति माना जाता है। ऐसा लगता है कि मां की जिंदगी का लक्ष्य ही बच्चों के लिए त्याग करना है। पर क्या यह जरूरी है? क्या मां सिर्फ एक इंसान नहीं हो सकती है? इसी सोच के साथ हरजिंदगी ऐसी महिलाओं की जिंदगी से आपको रूबरू करवा रही है जिन्हें सामाजिक मान्यताओं की वजह से शायद एक अच्छी मां नहीं माना जाता है, लेकिन उनका मदरहुड स्टाइल सबसे जुदा है। हरजिंदगी के Good Mother Project के तहत आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एकावली खन्ना से।
हो सकता है एकावली को आप 'वीरे दी वेडिंग' की पारोमिता की तरह जानती हों या फिर 'अंग्रेजी में कहते हैं' की मिसेज बत्रा के रूप में जानती हों। एकावली की नॉर्वेजियन फिल्म 'What people will say' ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट हुई थी। एकावली 24 साल की उम्र में ही सिंगल मदर बन गई थीं। तलाक के बाद से ही उन्होंने अपने दोनों बेटों को बहुत अच्छी तरह से संभाला है। अब 43 की उम्र में भी एकावली उसी गर्मजोशी से अपने बच्चों के साथ समय बिताती हैं जैसे वो शुरुआत में करती थीं।
घरेलू हिंसा का दंश झेलने के बाद उन्होंने अपने दोनों बच्चों को अकेले ही बड़ा करने का फैसला किया। एकावली ने अपना एक्टिंग करियर भी साथ ही साथ शुरू किया और 'लोग क्या कहेंगे' वाली थिंकिंग को पीछे छोड़कर उन्होंने अपने हिसाब से अपने बच्चों की परवरिश की है। मदर्स डे के मौके पर एकावली से खास बातचीत कर हमने उनकी जिंदगी के पहलू जानने की कोशिश की।
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एकावली जितनी बेमिसाल अदाकारा हैं, उतनी ही बेमिसाल मां भी हैं। एक मां के लिए बच्चों के साथ समय बिताना उन्हें बड़े होते देखना, उनकी हर छोटी-बड़ी चीज को देखना और उनके लिए जिम्मेदार होना जरूरी माना जाता है, लेकिन इतना सब करने के बाद मां का अपना वक्त कहीं खो जाता है। एकावली मानती हैं कि वो जितना हो सके अपने बच्चों के साथ समय बिताती हैं, लेकिन वो खुद को नहीं भूलती हैं।
वह कहती हैं, "मैं अपने बच्चों के साथ सारे हसीन पल जीने की कोशिश करती हूं। मैं उनके साथ घूमने जाती हूं, एडवेंचर स्पोर्ट्स करती हूं। मुझे लगता है कि जो भी पैसा मैं बचाती हूं उससे मैं उन्हें नया एक्सपीरियंस देने की कोशिश करती हूं। कई ऐसी चीजें हैं जो मैंने खुद नहीं की थीं वो मैंने भी की। मुझे लगता है कि मैं जो कर सकती थी वो अपने बच्चों के लिए बेस्ट किया।"
बच्चों पर होता है तलाक का असर
एकावली का कहना है कि तलाक एक ऐसी चीज है जो हमेशा बच्चों पर असर डालती है। उनके मुताबिक, "बच्चों के अंदर हार्ड फीलिंग्स आ जाती हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है। उनके मन में एक ऐसी भावना आ जाती है कि उनसे कुछ छिन गया है।"
एकावली के मुताबिक उन्होंने अपने हाव-भाव और अपने एक्सपीरियंस से बच्चों के अंदर की वो कड़वाहट हटाने की कोशिश की है। एकावली अपनी परवरिश पर गर्व करती हैं और उनका मानना है कि लोग कुछ भी कहें, वो अपने हिसाब से सबसे अच्छी मां हैं।
एकावली ने कुछ जरूरी सवालों के बेहद सादगी से जवाब भी दिए..
एक मां पर किस तरह का प्रेशर होता है?
एक मां को थोड़ा सा स्पेस देना चाहिए। जब एक बच्चा पैदा होता है, तब लोग हर मुमकिन कमेंट करते हैं। मां की सेहत को लेकर, बच्चे को लेकर, बच्चे के रूप-रंग को लेकर और भी ना जाने क्या-क्या। एक मां को अच्छे से पता होता है कि उसके बच्चे के लिए क्या जरूरी है? उसे अपनी समझ से काम करने देना चाहिए। वो कितना सो रही है, बच्चे का वजन कितना है, ये सब की चिंता आपको नहीं करनी चाहिए।
हमारे देश में लोगों को नई मां के साथ थोड़ा नरमी से पेश आना चाहिए। उसे सपोर्ट करना चाहिए ना कि उसके ऊपर अपनी समझ को थोपना चाहिए। एक मां आपके हिसाब से बेहतर नहीं कर रही है इसका मतलब यह नहीं कि वो अपने बच्चे के लिए ठीक नहीं कर सकती है।
तीन खूबियां जो एक महिला को सफल होने के लिए चाहिए?
मैं कहूंगी कि यहां वही तीन खूबियां हैं जो एक इंसान को सफल होने के लिए जरूरी हैं। ये तीनों चीजें महिला या पुरुष दोनों के लिए फायदेमंद होती हैं। ये हैं रिस्पॉन्सिबिलिटी, फोकस और ईमानदार रहना।
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क्या आपको कभी मॉम गिल्ट फेस करना पड़ा है? उससे निपटने का क्या तरीका है?
मेरे हिसाब से मदर्स गिल्ट बहुत ही कॉमन है। हर मां अपने बच्चे के लिए बेहतर से बेहतर करना चाहती है। हर मां अपने बच्चे को सबसे आगे देखना चाहती है। कभी-कभी मां ऐसा नहीं कर पाती है, वो किसी घटना की वजह से हो सकता है या उसकी अपनी वजह से हो सकता है। इसलिए मॉम गिल्ट बिल्कुल जायज है। पर अगर एक मां की बात करें, तो मां में यह खूबी होती है कि वह अपने इस गिल्ट को नेविगेट कर सकती है और आगे बढ़ती है।
मैंने भी मॉम गिल्ट कई बार फेस किया है। मैंने यह समझा है कि धीरे-धीरे आप अपने इस गिल्ट से उबर जाती हैं। यह तजुर्बे से ही आता है, धीरे-धीरे ही आपकी जिंदगी आगे बढ़ेगी। आपको यह समझना होगा कि आप सब कुछ नहीं कर सकती हैं। यह शायद आपको मदरहुड की प्रोसेस ही सिखाएगा।
एकावली वाकई मदरहुड की एक नई डेफिनेशन गढ़ती हैं।
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