How to save tulsi plant in summer: गर्मी के मौसम में थोड़ी देर पानी न मिले और पूरा दिन धूप में खड़ा रहना पड़े तो हालत बुरी होने लगती है। हम पसीने से तर-बतर होने लगते हैं और हाय गर्मी...हाय गर्मी करने लगते हैं। लेकिन, एक बार सोचकर देखिए पौधे तो पूरा दिन धूप में रहते हैं और लू के थपेड़े खाते हैं। ऐसे में गर्मी के मौसम में पौधों का मुरझाना लाजमी है। लेकिन, जब तुलसी का पौधा मुरझाने लगता है तो लोगों के लिए यह चिंता का विषय बन जाता है। क्योंकि, हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय माना गया है और इसके सूखने के साथ कई ज्योतिष और वास्तु तर्क जुड़े होते हैं।
तुलसी का पौधा घर की बालकनी या छत पर उगाना तो बहुत आसान है, लेकिन इसकी देखभाल करना भी जरूरी होता है। लेकिन, कई बार देखभाल करते समय हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनकी वजह से तुलसी का पौधा सूख जाता है। यह गलतियां पानी देने से लेकर गलत खाद देने तक, से जुड़ी हो सकती हैं। यह गलतियां इतनी कॉमन हैं कि करते समय हमें ध्यान भी नहीं रहता है और हम बाद में सोचते रहते हैं कि तुलसी का पौधा कैसे सूख गया।
अगर आप चाहती हैं कि आपका तुलसी का पौधा हमेशा हरा-भरा और खिला खिला रहे तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां आज हम ऐसी 10 गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अक्सर ही हम करते हैं और इन्हीं की वजह से तुलसी का पौधा सूख जाता है।
तुलसी एक गर्मी का पौधा है। जहां पूरे साल गर्मी रहती है, वहां इसे कभी भी लगाया जा सकता है। लेकिन, जहां ठंड का मौसम रहता है वहां इसकी खास देखभाल करनी पड़ती है।
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अक्सर बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी देने से तुलसी का पौधा सूख जाता है। ऐसे में सही मात्रा में पानी देना जरूरी है। इसलिए जब भी तुलसी के पौधे में पानी दें, तो पहले मिट्टी को छू कर देख लें कि वह गीली है या नहीं। अगर मिट्टी में नमी हो तो पानी न दें। वहीं, जब मिट्टी सूखी लगे तब अच्छी तरह से तुलसी के पौधे में पानी देना चाहिए।
तुलसी का पौधा चिकनी मिट्टी में नहीं लग पाता है। ऐसे में जब भी तुलसी का पौधा गमले में लगाएं, तो मिट्टी कम्पोस्ट यानी गाय के गोबर की खाद और थोड़ी बालू मिला सकते हैं।
तुलसी के पौधे को फैलने के लिए जगह चाहिए होती है। ऐसे में इसे छोटे गमले की जगह बड़े और मिट्टी के गमले में लगाना चाहिए।
मिट्टी पर काई जमने लगे, दरार पड़ने लगे या फिर पौधा सूखा-सूखा और मुरझाया लगे तब गुड़ाई करें। गुड़ाई के बाद पानी या खाद देने से पौधे को ज्यादा न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।
तुलसी के पौधे की मंजरी को समय-समय पर तोड़ते रहें। कई लोग पौधे की मंजरी नहीं तोड़ते हैं जिसकी वजह से तुलसी सूखने लगती है। तुलसी की मंजरी तोड़ने का एक यह फायदा भी है कि इससे निकलने वाले बीज से आप नया पौधा भी लगा सकती हैं।
तुलसी के पौधे में नेचुरल फर्टिलाइजर समय पर नहीं देने से भी वह सूखने लगता है। ऐसे में 15 से 20 दिन या महीने में एक बार तुलसी में गाय के गोबर की खाद, सरसों की खली या नीम की खाली जैसी नेचुरल खाद दी जा सकती है।
कीट-कीड़ों की वजह से भी तुलसी का पौधा सूख जाता है। पौधे पर कीड़े लगने का इंतजार न करें और समय-समय पर उसकी केयर करते रहें। इसके लिए नीम की पत्तियों का पानी इस्तेमाल किया जा सकता है।
तुलसी के पौधे को दिन में कम से कम 2 से 3 घंटे सीधी धूप की जरूरत होती है। फिर चाहे आप इसे छांव में रख सकते हैं। कई लोग इसे धूप में नहीं रखते हैं जिसकी वजह से तुलसी सूखने लगती है।
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मई और जून के महीने में जब लू चलती है तो सुबह की धूप दिखाने के बाद तुलसी के पौधे को छांव वाली जगह पर रख देना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि लू और चिलचिलाती धूप की वजह से भी पौधा सूखने लगता है।
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