पानी पुरी, गोलगप्पा, पुचका, रगड़ा पुरी, पानी के बताशे, फुलकी, गुपचुप... हमारे पसंदीदा स्नैक को न जाने कितने नामों से पुकारा जाता है। पानी पुरी यकीनन एक ऐसा स्नैक है जिसे लगभग सभी लोग पसंद करते हैं। हर इलाके में अलग नाम से जानी जाने वाली पानी पुरी को लेकर लोगों के मन में ये भ्रांति होती है कि इसका बस नाम अलग है पर ये होती एक ही है, अगर मैं आपसे कहूं कि हर इलाके की पानी पुरी का अलग स्वाद और अलग अंदाज़ होता है तो?
पानी पुरी की खासियत ये है कि इस तीखे और चटपटे स्नैक को लेकर हम सभी अपनी-अपनी तरह से खाते हैं और किसी को ये इमली की चटनी के साथ सुहाता है तो किसी को इसके साथ तीखी चटनी और पानी ही अच्छा लगता है। आज हम आपको पानी पुरी से जुड़े कई फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में शायद आप न जानते हों।
1. दिल्ली के गोल गप्पे कैसे हैं अलग?
अधिकतर उत्तर भारत में पानी पुरी को गोल गप्पा कहा जाता है, लेकिन इसके बनाने में थोड़ा सा अंतर है। यहां सूजी वाली पानी पुरी भी खाई जाती है और यहां की पानी पुरी एक्स्ट्रा क्रंची होती है।
फिलिंग्स में अंतर-
पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरयाणा, हिमाचल जैसे क्षेत्रों में पानी पुरी का यही नाम है और इस वेरिएंट में पानी पुरी के साथ आलू, चने, चटनी की फिलिंग दी जाती है।
पानी में अंतर-
अधिकतर इन जगहों में पुदीने के पानी के साथ जलजीरा भी मिक्स होता है साथ ही पानी ठंडा होता है जिसमें बर्फ मिलाई जाती है।
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2. कोलकता का फुचका कैसे है अलग?
बंगालियों के लिए फुचका जो है वो शायद ही गोल गप्पा बन सकता है। कोलकता में आपको एक-दो नहीं बल्कि 17-18 वेराइटी के फुचके मिल जाएंगे। साथ ही नॉर्मल पुरी के मुकाबले यहां का फुचका साइज में थोड़ा बड़ा होता है।
फिलिंग्स में अंतर-
यहां आपको बंगाली चना दाल और आलू की फिलिंग ज्यादा मिलेगी। यहां पर फुचके के साथ बूंदी वगैराह कुछ नहीं मिलाया जाता है।
पानी में अंतर-
यहां इमली की चटनी के साथ फुचके का पानी बहुत ही स्पाइसी होता है।
3. पानी पुरी
शायद इसका सबसे कॉमन नाम पानी पुरी ही है। ये विदेशों में भी इसी नाम से प्रसिद्ध है और लगभग हर क्षेत्र में पानी पुरी को नाम से तो सब जानते ही हैं। मध्य प्रदेश, गुजराती, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिल नाडु और नेपाल जैसे क्षेत्रों में ये अधिकतर मिलती है।
फिलिंग्स में अंतर-
इसमें अधिकतर आलू की फिलिंग के साथ चाट मसाला और चने होते हैं। गुजरात में आलू को पतला-पतला काटा जाता है और इसे चटनी के साथ मिलाया जाता है।
पानी में अंतर-
क्षेत्र के हिसाब से पानी बदलता जाता है।
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4. मुंबई की रगड़ा पुरी है सबसे अलग-
सबसे अलग बात मुंबई की रगड़ा पुरी की है क्योंकि यहां की फिलिंग बाकी पानी पुरी से बहुत अलग होती है। यहां पर गर्म फिलिंग होती है और इसे ठंडे पानी के साथ मिलाया जाता है। बाकी सभी जगह ये ठंडी होती है।
फिलिंग्स में अंतर-
यहां सफेद मटर को मैश कर उसे तवे पर लंबे समय तक पकाया जाता है और ये तुरंत ही पुरी में डाली जाती है।
पानी में अंतर-
यहां का पानी बहुत ज्यादा तीखा नहीं होता है और इमली की चटनी भी मिलाई जाती है।
5. पकोड़ी पुरी की है कुछ अलग बात-
इसे आप चाट पकोड़े से जोड़कर न देखें ये सेवपुरी का एक मॉडिफाइड फॉर्म है जिसे गुजरात और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में पकोड़ी कहा जाता है।
फिलिंग्स में अंतर-
ये बहुत ज्यादा हरी मिर्च और पुदीने के साथ मिलाकर खाई जाती है और इसमें सेव जरूर होते हैं।
पानी में अंतर-
पानी में बूंदी और सेव मिले होते हैं।
6. मध्य प्रदेश की गुपचुप भी है अलग-
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों में पानी पुरी को गुपचुप कहा जाता है शायद इसलिए क्योंकि इसे मुंह में लेते ही मुंह बंद हो जाता है।
फिलिंग्स में अंतर-
यहां पर आपको आलू के साथ, चने, सफेद मटर आदि सब कुछ मिला हुआ मिल जाएगा। साथ ही साथ यहां पर कुटा और भुना जीरा भी आलू के साथ मिलाया जाता है।
पानी में अंतर-
पानी क्षेत्र के हिसाब से खट्टा, तीखा या मीठा होता है। कई जगहों पर 7 अलग-अलग स्वाद का पानी एक ही पानी पुरी स्टैंड पर मिलता है।
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तो अब आप समझ ही गए होंगे कि एक ही स्नैक होते हुए भी ये कितनी अलग हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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