Padmaavat: विरोध के बावजूद नहीं डरी दीपिका, बता रही हैं महिला के कंगन की ताकत

लाख विरोध के बावजूद दीपिका पादुकोण की पद्मावत रिलीज हो गई है। इसमें दीपिका का किरदार देखने लायक है। फिल्म ने चौथे दिन 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।  

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राजपूती कंगन में उतनी ही ताकत है, जितनी राजपूती तलवार में...

जब आप पद्मावत देखोगे तो ये डायलॉग आपके मुंह में अंत तक रहेगा। सिनेमाहॉल से आप इस डायलॉग को अपने मन में लेकर निकलेंगी। पद्मावत ऐसे ही कई शानदार और जानदार डायलॉग्स से सजी हुई फिल्म है।

काफी विरोध होने के बावजूद और दो महीने की रस्साकशी के बाद पद्मावती, अंतत:‘पद्मावत’ के नाम से रिलीज हो गई है। फिल्म लोगों को काफी पसंद आ रही है। जैसा कि हर किसी को मालूम था कि पद्मावती सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाली है और इसकी संभावना फिल्म की ओपनिंग को देखते हुए और अधिक बढ़ गई है। फिल्म ‘पद्मावत’ बीते गुरुवार को रिलीज हुई थी और रविवार तक इसने 50 करोड़ की कमाई कर ली थी।

वीकेंड पर कमाए 115 करोड़ रुपये

ये राजपुती कंगन की ही ताकत है जिसने दंगल, बाहुबली और पीके की रिकॉर्ड को तोड़ते हुए पहले वीकेंड पर 115 करोड़ रुपये का शानदार कलेक्शन किया है। ‘पद्मावत’ का ये कलेक्शन इसलिए भी काबिलेतारीफ है क्योंकि ये अब भी चार राज्यों में बैन है और इसे अब भी कई सिनेमाघरों में डर के कारण नहीं लगाया गया है। खासकर पद्मावती के 'घूमर' सॉन्ग ने लोगों का काफी ध्यान खींचा हुआ है। क्योंकि इसमें पहले दीपिका की कमर दिख रही थी जो अब विरोध के बाद ढक दी गई है।

गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में फिल्म पूरी तरह से बैन है और इसके बैन पर सरकार भी साफ कह चुकी है। वहीं उत्तरप्रदेश और गोवा में इसके रिलीज़ होने के लिए सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है।

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स्कूल बच्चों पर कर चुके हैं हमले

‘पद्मावत’ का विरोध इतना ज्यादा हो चुका है कि स्कूल बच्चे भी इसके हिंसा के शिकार हो चुके हैं। गौरतलब है कि करणी सेना ने बीते सप्ताह इस फिल्म का विरोध करने के दौरान गुरुग्राम में स्कूल बस में हमला कर दिया था। जिसमें बच्चों को तो कोई चोट नहीं लगी लेकिन फिर भी करणी सेना के इस एक्शन की लोगों ने काफी निंदा की है।

महिलाओं को करती है प्रेरित

अगर आप ये फिल्म देखेंगी तो आपको मालूम चलेगा कि ये फिल्म एक तरह से महिलाओं को ही प्रेरित करती है।

आज तक जब भी पुरुषों की आलोचना करनी होती है तो उन्हे चूड़ी पहनकर बैठने की दुहाई दी जाती थी। लेकिन इस फिल्म के बाद डायलॉग चेंज होने वाला है।

राजपूती कंगन में उतनी ही ताकत है, जितनी राजपूती तलवार में...

इस डायलॉग को दीपिका ने इतने शानदार तरीके से डीलिवर किया है कि आप इसे अगले कई दिनों तक बोलते रहेंगे। वहीं दूसरा डायलॉग है,

'असुरों का विनाश करने के लिए देवी को भी गढ़ से उतरना पड़ा था। चित्तौड़ के आंगन में एक और लड़ाई होगी जो न किसी ने देखी होगी न सुनी होगी...और वो लड़ाई हम क्षत्राणियां लड़ेंगी। और यही अलाउद्दीन के जीवन की सबसे बड़ी हार होगी...'

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इस एक डायलॉग ने महिलाओं की ताकत को इतनी संजीदगी से बताया है कि आप इसके बाद दो मिनट तक शांत हो जाना पसंद करेंगी। ताकि आप खुद के अंदर की ताकत को महसूस कर सकें।

दीपिका को दी गई थी नाक काटने की धमकी

इस फिल्म के विरोध के दौरान सबसे ज्यादा मुश्किलें दीपिका के लिए रही थीं। विरोध के दौरान दीपिका बनी पद्मावती की रंगोली को मिटा दिया गया था। हालात इतने बुरे हो गए थे कि दीपिका की नाक काटने की भी धमकी करणी सेना ने दे दी थी। लेकिन इसके बावजूद दीपिका, फिल्म के हर प्रमोशन में नजर आईं और करणी सेना के विरोध में बोलती रहीं।

महिला के आतमसम्मान का परिचय देती है फिल्म

जब आप फिल्म देखेंगी तो आपको समझ नहीं आएगा कि क्यों इस फिल्म का इतना विरोध किया जा रहा है। क्योंकि फिल्म में एक स्वाभीमानी रानी की कहानी बहुत ही आकर्षक तरीके से दिखाई गई है जिसे देखने के बाद आप को अपने महिला होने पर गर्व होगा। भले ही कई आलोचक अंत में रानी पद्मावत के जौहर के दृश्य को महिलाओं के कमजोरी की तरह देख रहे हों। लेकिन जब आप इसे देखेंगी तो आपको ये बिल्कुल अलग लगेगी।

फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी के छल से जीतने को दिखाया गया है और जब वो दीपिका को कैद करने जाता है तो दीपिका पूरे सम्मान के साथ जौहर की जिम्मेदारी निभाते हुए जौहर कर लेती है।

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फिल्म का बेस्ट सीन

फिल्म का बेस्ट सीन लास्ट में आता है। जब अलाउद्दीन दीपिका को लेने जाता है और महिलाएं उस पर जलते हुए कोयले के टुकड़े फेंकती हैं। इसी समय दीपिका जौहर के फेरे ले रही होती है। अंत में दीपिका अपने मुंह और बड़ी रानी के मुंह पर तुलसी के पत्ते डालकर जौहर कर लेती है।

तो ऐसी है पद्मावती जिसे आपको ना दीपिका के लिए, ना इतिहास के लिए और ना रानी पद्मावती के लिए देखना चाहिए... बल्कि इसे खुद के लिए देखना चाहिए।

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