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effect of heat wave on hormonal balance

हार्मोन्स को भी प्रभावित करती है हीटवेव, जानें कैसे

  हीटवेव का असर हमारे पूरे शरीर पर होता है। इसकी वजह से शरीर में हार्मोनल बैलेंस भी प्रभावित होता है। हीटवेव कई हार्मोन्स के फंक्शन पर असर डालती है। इससे बचाव जरूरी है।
Editorial
Updated:- 2024-06-12, 12:28 IST

तेज गर्मी की मार इन दिनों हम सभी झेल रहे हैं। बढ़े हुए तापमान ने सभी को परेशान किया हुआ है। कई जगहों पर तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंच रहा है। तेज धूप और लू कैसे हमारे डाइजेशन और स्किन पर असर डालती है, इस बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि हीटवेव का असर हमारे शरीर के सभी अंगों और हार्मोन्स पर भी होता है। हीटवेव हार्मोन्स के फंक्शन को भी प्रभावित करती है। यह एंड्रोकॉइन सिस्टम पर असर डालती है। हीटवेव किस तरह हार्मोन्स के फंक्शन को प्रभावित करती है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी, डॉक्टर विनीत बंगा, एसोसिएट डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी, बीएलके मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल दे रहे हैं।

हीटवेव का हार्मोन्स पर क्या असर होता है? ( What does heat do to hormones)

heat wave and hormonal balance

  • हीटवेव का हार्मोनल बैलेंस पर असर को समझना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन, इस पर गौर करना जरूरी है।
  • हीटवेव एंड्रोकॉइन सिस्टम पर असर डालता है। इसके कारण, फिजिकल और साइकोलॉजिकल इफेक्ट हो सकते हैं।
  • हीटवेव शरीर में एक स्ट्रेस पैदा करती है, जिसके कारण, हार्मोन्स पर असर होता है। इसकी वजह से हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं।
  • शरीर का थर्मोरेगुलेटरी सिस्टम व्यस्त हो जाता है और कोर्टिसोल हार्मोन यानी स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है।

effect of extreme heat on

  • लंबे समय तक स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़े रहने से हमारा इम्यून फंक्शन भी प्रभावित होता है। इसकी वजह से नींद और मूड पर असर होता है। साथ ही, एंग्जायटी और डिप्रेशन हो सकता है।
  • ज्यादा गर्मी की वजह से थायराइड फंक्शन पर असर होता है। इसकी वजह से हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म का खतरा रहता है। 
  • थायराइड हार्मोन, मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है और इसमें उतार-चढ़ाव होने पर वजन में अंतर, थकान और टेम्परेचर को लेकर सेंसिटिविटी हो सकती है।
  • रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स भी तापमान के प्रति सेंसटिव होते हैं। पुरुषों में, हीट स्ट्रेस, टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है और महिलाओं में इसका असर परियड्स पर होता है। साथ ही, इससे पीएमएस के लक्षण बढ़ सकते हैं।
  • तेज गर्मी से महिलाओं को पीरियड साइकिल प्रभावित होती है। इसके कारण, आपको पीएमएस के लक्षण अधिक महसूस हो सकते हैं। 

 

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सेहतमंद रहने के लिए, हीटवेव से बचना बहुत जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

 

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