प्रेग्नेंसी एक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है , तब वो अपना खास ख्याल रखती है कि कहीं उसके बच्चे को नुकसान न हो जाए। लेकिन कई बार कुछ ऐसी स्थिति आ जाती है जिससे कॉम्पलिकेशन पैदा हो जाती है, मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। एंडोमेट्रियोसिस ऐसी ही स्थिती है, जो न सिर्फ गर्भधारण को प्रभावित कर सकती है, बल्कि मिसकैरेज के जोखिम को भी बढ़ा सकती है। बहुत कम महिलाएं हैं, जिनको इस बारे में जानकारी होती है। चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं एक्सपर्ट से Dr Nancy Nagpal Consultant Gynaecologist Salubritas Medcentre से
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें यूटरस के अंदर और बाहर असामान्य रूप से टिशू बढ़ने लगते हैं। 75 से 79 फीसदी महिलाएं इससे पीड़ित होती हैं। इस स्थिति में गर्भाशय में सूजन और भी कई तरह की जटलिताएं पैदा हो सकती है। यह सूजन ओवम यानी अंडाणु या एंब्रियो यानी भ्रूण को यूटरस की वॉल में इंप्लांट होने से रोकती हैं, जिससे प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन आने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भाशय में स्कार बन सकते हैं, जो भ्रूण को सही से चिपकने नहीं देते हैं और इस वजह से मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। इससे हार्मोनल असंतुलन भी पैदा होता है। इससे शुरुआती ट्राइमेस्टर में मिसकैरेज की संभावना अधिक हो जाती है।
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