Verified by Himalayan Siddha, Akshar
फर्टिलिटी बढ़ाने और गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के लिए तनाव और चिंता से दूर रहना चाहिए। योग मूड को बेहतर बनाने और भावनाओं को नियंत्रित करने का सरल तरीका है। योग के अभ्यास से ब्रेन डोपामाइन, ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और एंडोर्फिन जैसे केमिकल्स को छोड़ने में सक्षम बनता है। ये तनाव और चिंता को कमकरते हैं और सरलता से गर्भधारण करने में हमारी मदद करते हैं। यह आसन वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित हैं जो गर्भाधान पर लाभकारी प्रभाव के लिए जाने जाते हैं। साथ ही इन योगासन की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके बारे में हमें योग मास्टर, स्पिरिचुअल गुरु और लाइफस्टाइल कोच, ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं।
चक्रासन
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- पैरों को घुटनों पर मोड़ें और सुनिश्चित करें कि पैर फर्श पर मजबूती से टिके हुए हो।
- हथेलियों को आकाश की ओर रखते हुए बाहों को कोहनियों से मोड़ें।
- बाहों को कंधों पर घुमाएं और हथेलियों को सिर के दोनों ओर फर्श पर रखें।
- सांस लेते हुए, हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें और पूरे शरीर को एक आर्च बनाने के लिए ऊपर उठाएं।
- गर्दन को आराम दें और सिर को धीरे से पीछे गिरने दें।
वज्रासन
- इसे करने के लिए एड़ियों के बल बैठ जाएं।
- पैर की उंगलियों को बाहर रखें।
- हथेलियों को घुटनों पर ऊपर की ओर रखें।
- पीठ को सीधा करें और आगे देखें।
- इस आसन में कुछ देर रुके।
पश्चिमोत्तानासन
- इसे दंडासन से शुरू करें।
- सुनिश्चित करें कि घुटने थोड़े मुड़े हुए हो।
- बांहों को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ को सीधा रखें।
- सांस छोड़ें और पेट की हवा को खाली करें।
- सांस छोड़ते हुए, कूल्हे पर आगे की ओर झुकें और ऊपरी शरीर को निचले शरीर पर रखें।
- बाहों को नीचे करें और पैर की उंगलियों को पकड़ें।
- घुटनों को नाक से छूने की कोशिश करें।
- आसन में कुछ देर रुकें।
बद्ध कोणासन
- इस योग की शुरुआत दंडासन से करें।
- पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ लाएं।
- एड़ी को पेल्विक के करीब खींचे।
- धीरे से घुटनों को नीचे करें।
- पेट से खाली हवा खाली करें।
- ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को फर्श पर रखें।
धनुरासन
- इस योग की पेट के बल लेटकर शुरुआत करें।
- घुटनों को मोड़ें और टखनों को हाथों से पकड़ें।
- पैरों और बांहों को जितना हो सके ऊपर उठाएं।
- ऊपर की ओर देखें और कुछ देर के लिए इस आसन में बनी रहें।
इन योगासनों के साथ सांस लेने की तकनीक जैसे ब्रह्मरी प्राणायाम और कपालभाति प्राणायाम तकनीक का भी अभ्यास कर सकती हैं। ब्रह्मरी प्राणायाम सांस लेने की एक ऐसी विधि है जहां सांस छोड़ते हुए मधुमक्खी के जैसे शोर किया जाता है। साथ ही कपालभाती को धौंकनी के रूप में भी जाना जाता है, यह बलपूर्वक सांस छोड़ने की प्रक्रिया है जो स्वचालित सांस के साथ अंतः स्थापित होती है। योनि मुद्रा और प्राण मुद्रा जैसी कुछ मुद्राओं का भी अभ्यास कर सकती हैं।
आप भी इन योगासन को करके अपनी फर्टिलिटी के चांसेज को बढ़ा सकती हैं। योग से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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Image Credit: Shutterstock
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