सेहतमंद रहने के लिए, जितना जरूरी सही खान-पान है, उतना ही जरूरी एक्सरसाइज, योग और प्राणायाम को रूटीन में शामिल करना भी है। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से कई दिक्कतें हो सकती हैं। थायराइड, कोर्टिसोल, इंसुलिन और भी कई अन्य हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होने पर, इसका असर हमारी सेहत पर होता है। आजकल हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से होने वाली बीमारियां काफी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में इन्हें बैलेंस करने पर आपको खास ध्यान देना चाहिए। शरीर में अलग-अलग हार्मोन्स को बैलेंस करने में अलग-अलग एक्सरसाइज और प्राणायाम कारगर हैं। कोर्टिसोल और थायराइड हार्मोन्स को बैलेंस करने के लिए, एक्सपर्ट के बताए ये 2 प्राणायाम करें। अगर आप अधिक तनाव में हैं, शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ा है, तो आप अनुलोम-विलोम करें। वहीं, थायराइड हार्मोन इंबैलेंस होने पर भ्रामरी प्राणायाम करें। इन्हें करने का सही तरीका और इनके फायदों के बारे में एक्सपर्ट से जानें। इस बारे में हार्मोन और गट हेल्थ कोच मनप्रीत जानकारी दे रही हैं।
तनाव दूर करने के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- इसे करने के लिए सबसे पहले किसी शांत जगह पर बैठ जाएं।
- अब आपको जमीन पर बैठने में दिक्कत है, तो आप इसे ऊपर बैठकर भी कर सकती हैं।
- इसे सुखासन या पद्मसान में बैठकर करें।
- सबसे पहले अपने दाएं हाथ के अंगूठे से दांए नथुने को बंद करें।
- अब बाई तरफ की नाक से सांस को अंदर की तरफ खीचें।
- अब उंगलियों से बाएं नथुने के बंद कर दें।
- इसके बाद आप दाहिने नथुने से अंगूठा हटाकर सांस छोड़ें।
- अब दाएं नथुने से ही सांस को अंदर की ओर भरें।
- इसके बाद दाई नाक से सांस को अंदर की ओर भरें और कुछ सेकेंड्स में बाई नाक खोलकर सांस को बाहर निकाल दें।
- इसी तरह इन स्टेप्स को दोहराएं।
- इसे आपको रोज 10-15 मिनट करना है।
- इसे करने से तनाव दूर होता है और सांस संबंधी दिक्कतें भी कम होती हैं।
- इससे मन शांत होता है और नींद अच्छी आती है।
- इसे करने से शरीर में हार्मोनल बैलेंस बना रहता है।
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थायराइड होने पर जरूर करें भ्रामरी प्राणायाम
- इसे हमिंग बी ब्रीथ भी कहा जाता है।
- इसे करने के लिए, सबसे पहले किसी शांत जगह पर बैठ जाएं।
- अपनी आंखें बंद कर लें।
- अब तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें।
- मुंह को बंद करें।
- नाक से ही सांस लें और छोड़ें।
- जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, धीरे-धीरे मधुमक्खी की गुंजन की तरह आवाज आती है।
- आप ऊं की आवाज भी निकाल सकती हैं।
- इस वाइब्रेशन को आपको अपनी बॉडी में महसूस करना है।
- इससे थायराइड बैलेंस में मदद मिलती है।
- यह आसान स्ट्रेस को भी दूर करता है।
- इससे बीपी भी कंट्रोल में रहता है।
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कोर्टिसोल और थायराइड हार्मोन बैलेंस करने के लिए, इन 2 प्राणायाम को रूटीन का हिस्सा बनाएं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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