herzindagi
Medical career options

मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की कर रहे हैं प्लानिंग, तो यहां समझें आयुर्वेद और एलोपैथी पद्धति में अंतर

Allopathy vs Ayurveda Method: अगर आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाने का सोच रहे हैं, तो आपके सामने कई प्रकार के विकल्प मौजूद हैं, एलोपैथी और आयुर्वेद पद्धति प्रमुख है। हालांकि इन दोनों के बीच काफी अंतर है। नीचे जानिए-
Editorial
Updated:- 2025-09-21, 11:00 IST

12वीं पास करने के बाद स्टूडेंट्स अपने मनपसंद विषय से जुड़े कोर्स करते हैं। इसमें इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई प्रमुख है। अगर आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाने का सोच रहे हैं, तो इससे पहले इससे जुड़े कोर्स के बारे में जानना और समझना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि आगे कोर्स चुनने में आसानी हो। अगर आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो आपके सामने कई विकल्प हो सकते हैं, जिनमें से आयुर्वेद और एलोपैथी प्रमुख हैं। ये दोनों ही मेडिकल सिस्टम  बीमारियों का इलाज करती हैं, लेकिन ये इलाज और करियर के हिसाब से काफी अलग हैं। इस लेख में आज हम आपको इन दोनों कोर्स के बीच के अंतर के बारे में आसान भाषा में बताने जा रहे हैं।

एलोपैथी पद्धति क्या है?

MBBS course details

एलोपैथी, तो आधुनिक चिकित्सा के रूप में जाना जाता है। यह बीमारी के सिम्टम्स पर सीधे इलाज करती है। इसका उद्देश्य बीमारी को जल्द से जल्द ठीक करना होता है। इसमें अक्सर दवाओं, सर्जरी और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। एलोपैथी में करियर बनाने के लिए एमबीबीएस (MBBS) जैसे कोर्स करने होते हैं, जिसके बाद विशेषज्ञता के कई अवसर मिलते हैं, जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी या सर्जरी।

इसे भी पढ़ें- 12वीं के बाद Medical Store खोलने के लिए कौन सी डिग्री चाहिए? जानें भारत में दवा का बिजनेस करने के क्या हैं नियम

एलोपैथी (मॉडर्न मेडिसिन) कोर्स

एमबीबीएस के बाद आप एमडी (MD) या एमएस (MS) जैसे विशेषज्ञता वाले पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स  कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, सर्जरी आदि कर सकते हैं।

  • कोर्स- बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS)
  • कोर्स अवधि- 5.5 साल (इसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल है)।
  • योग्यता- 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी (PCB) विषयों के साथ पास करना जरूरी है। प्रवेश के लिए आपको NEET परीक्षा पास करनी होती है।

आयुर्वेद पद्धति क्या है?

Medical courses after 12th

आयुर्वेद एक पुरानी भारतीय चिकित्सा प्रणाली है। यह शरीर और मन के संतुलन पर आधारित है। आयुर्वेद में इलाज का उद्देश्य केवल बीमारी को ठीक करना नहीं, बल्कि उसके मूल वजह को खत्म करना शामिल है ताकि आगे चलकर किसी की कोई दिक्कत न हो। इसमें हर्बल दवाएं, योग और जीवनशैली में बदलाव में परिवर्तन किया जाता है। आयुर्वेद में करियर बनाने के लिए बी.ए.एम.एस (BAMS) जैसे कोर्स किए जाते हैं।

आयुर्वेद (पारंपरिक चिकित्सा) के कोर्स

आयुर्वेद में बैचलर डिग्री कोर्स को BAMS कहते हैं। बीएएमएस के बाद आप एमडी (आयुर्वेद) या एमएस (आयुर्वेद) जैसे पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स कर सकते हैं।

  • कोर्स- बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS)
  • अवधि- 5.5 साल (इसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप)।
  • योग्यता- 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी (PCB) विषयों के साथ पास करना जरूरी है। इसमें प्रवेश के लिए भी NEET परीक्षा पास करनी होती है।

इसे भी पढ़ें- मेडिकल सेक्टर में है दिलचस्पी तो 12वीं के बाद करें ये शॉर्ट टर्म कोर्सेज, नहीं होगी जॉब की टेंशन

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।  

Image Credit- freepik 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।