अगर आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को बीएएमएस और बीएचएमएस दोनों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। बीएएमएस का मतलब बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी और बीएचएमएस का बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी होता है।
बता दें, दोनों डिग्री स्वास्थ्य सेवा के लिए अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान करती हैं, जो सदियों पुरानी परंपराओं में निहित हैं। BAMS 5 साल का UG कोर्स है, जबकि BHMS 5.5 साल का UG कोर्स है। भारत में एडमिशन के लिए दोनों ही कोर्स में NEET स्कोर की जरूरत होती है। चलिए जानते हैं इन दोनों के बीच क्या अंतर है।
बीएएमएस और बीएचएमएस के बीच क्या है अंतर?
बीएएमएस क्या है? (What is BAMS)
बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS) एक 5-वर्षीय यूजी कोर्स है, जिसमें आयुर्वेद से संबंधित अध्ययन कराया जाता है। बता दें BAMS में आयुर्वेदिक चिकित्सा, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और सर्जरी के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। BAMS पाठ्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रथाओं को समकालीन चिकित्सा ज्ञान के साथ एकीकृत करना है, जिससे स्नातकों को समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करके रोगियों का निदान और उपचार करने में सक्षम बनाया जा सके। छात्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए हर्बल दवा, आहार, जीवनशैली में बदलाव और उपचार के बारे में सीखते हैं।
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बीएचएमएस क्या है? (What is BHMS)
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) एक 5.5-वर्षीय यूजी कोर्स है। इसमें चार साल और छह महीने की पढ़ाई कॉलेज में होती है और एक साल की इंटर्नशिप करनी होती है। यह होम्योपैथी के क्षेत्र में सैद्धांतिक और व्यावहारिक शिक्षा देने वाला एक स्नातक कोर्स है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, छात्र डॉक्टर बनकर होम्योपैथी का अभ्यास कर सकते हैं।
इसमें छात्रों को होम्योपैथिक दर्शन, मेटेरिया मेडिका, रिपर्टरी और नैदानिक प्रशिक्षण के साथ-साथ शरीर रचना विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान, पैथोलॉजी और फार्माकोलॉजी जैसे बुनियादी चिकित्सा विज्ञान में व्यापक शिक्षा दी जाती है।
मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए तय मानदंड
बीएचएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए, किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने जरूरी हैं। इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, और अंग्रेजी विषयों में से कोई एक विषय होना ज़रूरी है। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए,स्टूडेट्स को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET) देना होता है। हालांकि, कई कॉलेजों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए भी एडमिशन दिया जाता है। साथ ही इस कोर्स में एडमिशन के लिए, उम्मीदवार की उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए
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