होली आए और भांग का जिक्र ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। भारत में भांग का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है और भांग के लड्डू से लेकर ठंडाई, पकोड़े और ना जाने क्या-क्या बनाया जाता है। जहां गांजा भारत में बैन है वहीं भांग का इस्तेमाल लीगल है। आपको शायद जानकर हैरानी होगी, लेकिन भांग का इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं में भी किया जाता है। इसके कुछ फायदे भी होते हैं।
कैनाबिस (Cannabis) पौधे के सबसे कम नुकसानदायक प्रोडक्ट्स में से एक है भांग। वैसे इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि भांग के नुकसान नहीं हैं। नेशनल पॉलिसी ऑन नार्कोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (National Policy on Narcotics and Psychotropic Substances) के मुताबिक, भांग कैनाबिस (Cannabis) पौधे की पत्तियों से बनती है। इसमें पौधे के किसी भी और हिस्से का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
अब जब भांग के बारे में इतना जान ही रहे हैं, तो क्यों ना उसके फायदे भी जान लें।
NYU ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी बताती है कि भांग में मिलने वाला कैनाबिजोइल cannabidiol (CBD) कुछ तरह के सीजर ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके कारण lysophosphatidylinositol (LPI) मॉलिक्यूल द्वारा जो सिग्नल ब्रेन तक पहुंच सकते हैं उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है।
ऐसे में बीमारी के कारण दिमाग में जो सिग्नल जाते हैं जिनके कारण दौरे पड़ते हैं वो CBD के जरिए ब्लॉक हो जाते हैं। हालांकि, यहां डोज और इलाज डॉक्टरी सलाह के हिसाब से ही होना चाहिए। दौरे पड़ने जैसी बीमारी के लिए हमेशा अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा अपने साथ रखनी चाहिए।
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भांग नसों को रिलैक्स करने का काम कर सकती हैं। अगर बहुत कम मात्रा में ली जाए तो सिरदर्द में फायदेमंद हो सकती है। इससे नींद की समस्या भी दूर होती है। नसों के रिलैक्स होने से नींद आने में परेशानी नहीं महसूस होती है। हालांकि, सिरदर्द और नींद के लिए भांग का प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी आदत पड़ सकती है। इसे हमेशा कम मात्रा में मेडिकल प्रैक्टिशनर की अनुमति से ही लेना चाहिए।
यह आयुर्वेद के हिसाब से है। भांग की पत्तियां डाइजेशन को सुधारने का काम करती है। सुबह उठने के बाद खाली पत्तियों को चबाया भी जा सकता है। इससे पेट की समस्याओं में राहत मिलती है। हालांकि, ये भी कम मात्रा में लिया जाए तो ही अच्छा होगा। ज्यादा मात्रा में इसे लेकर आप तबीयत खराब भी कर सकते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी बताती है कि भांग की मदद से शरीर की सूजन और न्यूरोपैथिक पेन भी कम हो सकता है। भांग शरीर के ग्लाइसीन रिसेप्टर्स पर असर करती है जिससे फर्क पड़ता है।
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एंग्जायटी के लिए भी भांग में मौजूद CBD मददगार साबित हो सकती है। जैसा कि पहले बताया गया है ये नर्व्स को शांत करने में मदद करता है। इससे पैनिक डिसऑर्डर, सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर, ओसीडी जैसी समस्याओं में मदद मिल सकती है। डॉक्टरी आदेश पर ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
नोट: कैनाबिस या भांग का इस्तेमाल दवाओं में भी किया जाता है और उसकी मात्रा भी निर्धारित होती है। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करना खतरनाक ही होगा। हरजिंदगी की तरफ से ऐसा कोई दावा नहीं किया जा रहा है कि इसका किसी भी प्रकार से सेवन करना सही है। इस स्टोरी में सिर्फ साइंटिफिक तथ्य बताए जा रहे हैं।
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