मां बनना एक महिला के जीवन का अद्भुत अनुभव होता है। लेकिन इनफर्टिलिटी एक ऐसी स्थिति है जिसने कई आधुनिक जोड़ों के जीवन को प्रभावित किया है। पिछले कुछ वर्षों में अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतों और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण यह समस्या काफी बढ़ गई है।
लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि रेगुलर एक्सरसाइज और सुपरफूड का सेवन करने से हेल्दी शरीर मिलता है और इससे स्वाभाविक रूप से प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और कंसीव करने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद मिल सकती है।
जी हां, प्रजनन क्षमता की पूरी प्रक्रिया को बाधित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों में से जीवनशैली या लगातार अस्वास्थ्यकर व्यवहार है जो एक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अपनाता है। इसलिए नियमित रूप से वर्कआउट करने की आदत डालनी चाहिए और बैलेंस डाइट का सेवन करना चाहिए। एक स्वस्थ शरीर मूल रूप से गर्भधारण की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है।
आज हम आपको 3 ऐसे सुपरफूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो फर्टिलिटी बढ़ाने वाले में आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन सबसे पहले यह जान लेते हैं कि सुपरफूड्स क्या होते हैं।
सुपरफूड्स क्या हैं?
सुपरफूड्स हाई लेवल का पोषण प्रदान करते हैं और एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और फैटी एसिड जैसे यौगिकों से भरपूर होते हैं। यह जानना आवश्यक है कि आप जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, वे आपके अंडों और स्पर्म के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, बैलेंस, विटामिन्स और पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाने से किसी की प्रजनन क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
चूंकि अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतें और बढ़ा हुआ तनाव अंडे और स्पर्म को नुकसान पहुंचा सकते हैं, ऐसे में ओमेगा -3 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड्स और विटामिन-सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट उनके बचाव में मदद कर सकते हैं।
प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले सुपरफूड्स
हाई प्रोटीन डाइट और शराब, कैफीन और चीनी जैसे प्रजनन अवरोधक खाद्य पदार्थों को काटने के अलावा, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी ईस्ट, पटना में फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉक्टर निधि सिंह ऐसे 3 सुपरफूड्सका सुझाती देती हैं जो आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
फर्टिलिटी एक्सपर्ट के अनुसार, 'बैलेंस डाइट खाने से प्रजनन क्षमता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। अच्छी तरह से संतुलित, विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट एग्स की गुणवत्ता के साथ-साथ स्पर्म इंटीग्रिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है। तनाव के लेवल में वृद्धि या जीवनशैली में बदलाव एग्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए ओमेगा -3 जैसे पोषक तत्व और विटामिन-सी और सह-एंजाइम क्यू जैसे एंटीऑक्सीडेंट सहायता कर सकते हैं। फोलिक एसिड एक आवश्यक विटामिन है, जो ब्लडस्ट्रीम में पर्याप्त मात्रा में मौजूद होने पर भ्रूण संबंधी असामान्यताओं से बचने में मदद करता है।
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नट्स और ड्राई फ्रूट्स
नट्स और ड्राई फ्रूट्स प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। यह न केवल आपकी संपूर्ण हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं बल्कि फर्टिलिटी बढ़ाने में भी आपकी मदद करते हैं। अखरोट जैसे नट्स में सेलेनियम की हाई मात्रा होती है। यह एक ऐसा मिनरल है जो एग्स में क्रोमोसोमल डैमेज को कम करता है। यह प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है क्योंकि सेलेनियम के कारण एग्स में होने वाला डैमेज कम हो जाता है।
नट्स और ड्राई फ्रूट्स में मौजूद यह एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को दूर भगाता है और मानव शरीर में एग्स के उत्पादन को बढ़ाता है। रोजाना होल फैट मिल्क के साथ नट्स और ड्राई फ्रूट्स खाने से इनफर्टिलिटी कम करने में मदद मिलती है।
क्विनोआ
क्विनोआ को सुपरफूड कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकांश अनाजों के विपरीत, इस सुपर प्रोटीन समृद्ध घटक में सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। इसके अलावा, इसमें लाइसिन मौजूद होता है, इस प्रकार, यह शाकाहारियों के लिए एक वरदान है।
यह एक हेल्दी साबुत अनाज है क्योंकि यह कार्ब-फ्री होने के साथ-साथ प्रोटीन, जिंक और फोलिक एसिड का सही स्रोत है। यह जानना आवश्यक है कि दैनिक अनाज का कम से कम 50 प्रतिशत साबुत अनाज से आता है। एनिमल-बेस प्रोटीनों पर क्विनोआ जैसे प्लांट-बेस प्रोटीन को चुनने से गर्भाधान की संभावना बढ़ाने में मदद मिलती है।
इसके अलावा, यह ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर करता है और पीरियड्स को भी नियंत्रित करता है। क्विनोआ समान मात्रा में सफेद चावल की तुलना में दोगुना प्रोटीन और अधिक फाइबर प्रदान करता है, जिससे यह स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बन जाता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
ब्रोकली, पत्तागोभी, वॉटरक्रेस, रॉकेट, पालक और चार्ड जैसी सब्जियां विटामिन-ए, सी, ई, और के और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। पत्तेदार सब्जियां विटामिन-बी (फोलेट) का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो गर्भाधान के लिए आवश्यक हैं क्योंकि यह एग्स और स्पर्म में डीएनए के दोहराव में मदद करती हैं।
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विटामिन-सी ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में भी मदद करता है और अच्छी गुणवत्ता वाले स्पर्म बनाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से गर्भपात और आनुवंशिक असामान्यताओं का खतरा कम हो जाता है और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से प्रजनन अंग स्वस्थ बनते हैं।
यह आश्चर्य की बात हो सकती है कि आपके डाइट में छोटे-छोटे बदलाव न केवल आपके स्वास्थ्य बल्कि आपके कंसीव की संभावनाओं को भी बेहतर बना सकते हैं। तनाव और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों से बचकर एक अच्छी जीवनशैली बनाए रखने से आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।
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