प्रेग्नेंसी से पहले चेक-अप का लक्ष्य उन चीजों को ढूंढना है जो प्रेग्नेंसी को प्रभावित करती हैं। ताकी प्रेग्नेंसी से पहले इन कारकों की पहचान करके आप ऐसे कदम उठा सकें जो हेल्दी प्रेग्नेंसी और हेल्दी बच्चे के होने की संभावना बढ़ा सकें। प्रेग्नेंसी की योजना बनाने से पहले आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव, गर्भपात का कारण बनने वाली दवाओं को बंद और किसी भी बीमारी को लेकर परिवारिक इतिहास की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि यह सभी चीजें आपकी प्रेग्नेंसी को प्रभावित कर सकती हैं और आपको उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। इस बारे में हमें CK Birla Hospital की Director और Senior Gynaecologist Surgeon Dr Aruna Kalra बता रही हैं।
अगर आप प्रेग्नेंट होने की योजना बना रही हैं, तो पहले से चेक-अप करवाना एक अच्छा विचार है। जो प्रेग्नेंसी के पहले 8 weeks में आपके अंदर बढ़ते भ्रूण के लिए महत्वपूर्ण है। भ्रूण के अधिकांश प्रमुख अंग और body systems का निर्माण होना शुरू होता हैं। इसलिए आपकी हेल्थ और पोषण इन शुरुआती हफ्तों में आपके भ्रूण के growth और development को प्रभावित कर सकता हैं।
आपकी बॉडी को ग्रोथ और एनर्जी के लिए रेगुलर nutrients की आपूर्ति की जरूरत होती है। आप अपनी डाइट के साथ-साथ सप्लीमेंट के जरिये इन nutrients को पा सकती है। हालांकि ज्यादातर nutrients आपके फूड से आपको आसानी से मिल जाते हैं।
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यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी डाइट से आपको पर्याप्त nutrients मिल रहे हैं या नही, आपको यह जानने की जरूरत है कि किस तरह के फूड्स आप खा रही हैं। आपकी डाइट में बैलेंस कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आवश्यक फैटी एसिड, खुराक, डेयरी प्रोडक्ट और विटामिन को शामिल करें।
प्रेग्नेंसी की शुरुआत अनुकूल वजन के साथ होनी चाहिए क्योंकि ज्यादा या कम वजन आपकी प्रेग्नेंसी में जोखिम पैदा कर सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक वजन प्रेग्नेंसी और childbirth जटिलताओं के साथ जुड़ा होता है, जिसमें high blood pressure, प्रीक्लेम्पसिया, preterm birth और gestational diabetes शामिल है। प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापा मैक्रोसोमिया के साथ भी जुड़ा होता है, जिसमें बच्चे का वजन और लंबाई नॉर्मल से ज्यादा होती है। साथ ही birth injury और सिजेरियन डिलीवरी के चांस भी बढ़ जाते हैं। इससे birth defects, विशेष रूप से neural tube defects का खतरा बढ़ जाता है। बहुत अधिक बॉडी फैट होने से आपकी डॉक्टर को आपके fetus के अल्ट्रासाउंड के साथ मॉनिटर करने और fetus के दिल की धड़कन सुनने में अधिक मुश्किलें आती है।
आज हम आपको fertility को बूस्ट करने और हेल्दी प्रेग्नेंसी के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स के बारे में बता रहे हैं। प्रेग्नेंसी की planning करने से पहले इन सिंपल टिप्स को जरूर अपना लें।
अगर आपका वजन ज्यादा है तो उसे कम करने की कोशिश करें। वजन कम करने के लिए कैलोरी को लेने से ज्यादा खर्च करने की जरूरत होती है। वजन कम करने का सबसे अच्छा तरीका अपनी डाइट में बदलाव और कुछ फिजीकल एक्टिविटी करना बहुत जरूरी है। आपके द्वारा कैलोरी की खपत की संख्या में कटौती करना एक अच्छा पहला कदम है। एक्सरसाइज से कैलोरी बर्न होती है और वजन कम करने में हेल्प मिलती है। हालांकि कुछ स्थितियों में, दवाएं या वजन घटाने सर्जरी पर विचार किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान भी कम वजन वाले महिलाओं को भी जोखिम होता है। इससे low-birth-weight वाले बच्चे के होने का खतरा बढ़ जाता है। इन बच्चों को डिलीवरी के दौरान समस्याएं होती है साथ ही हेल्थ और व्यवहारिक समस्याएं भी हो सकती हैं जो बचपन और वयस्कता में रहती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान कम वजन से के तहत होने के preterm birth का खतरा भी बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग, शराब पीने और ड्रग्स का इस्तेमाल करने से भ्रूण पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
प्रेग्नेंसी की पहले तिमाही के दौरान भ्रूण इन पदार्थों के हानिकारक प्रभावों के लिए सबसे ज्यादा कमजोर होता है। प्रेग्नेंसी से पहले हानिकारक व्यवहार को रोकना चाहिए ताकी प्रेग्नेंसी की शुरूआत में होने वाले कुछ जन्म दोषों के जोखिम को कम किया जा सकें।
घर या ऑफिस में पाए जाने वाले कुछ पदार्थ एक महिला के लिए प्रेग्नेंट होने या उसके भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि आप प्रेग्नेंट होने की योजना बना रही हैं, तो अपने घर और ऑफिस को बारीकी से देखें। अपने घर या बगीचे में उपयोग किए जाने वाले केमिकल के बारे में सोचें। और पता लगाएं कि क्या आप काम में लीड या पारा जैसे विषाक्त पदार्थों, कीटनाशकों या सॉल्वैंट्स, या विकिरण जैसे केमिकल के संपर्क में तो नहीं आ रही है।
यद्यपि अधिकांश पोषक तत्व आपके फूड्स से मिल जाते हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी से पहले प्रसवपूर्व विटामिन सप्लीमेंट लेना शुरू करना एक अच्छा विचार है। Prenatal विटामिन के सप्लीमेंट में सभी recommended डेली विटामिन और मिनरल होते हैं जिनकी आपको प्रेग्नेंसी से पहले और दौरान में जरूरत होगी।
प्रेग्नेंसी के पहले और दौरान फोलिक एसिड लेने से neural tube दोष रोकने में हेल्प मिलती है। यह सलाह दी जाती है कि सभी महिलाओं (भले ही वे गर्भवती होने की कोशिश ना कर रही हों) फोलिक एसिड युक्त विटामिन सप्लीमेंट की हेल्प से रोजाना 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड लेना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन भी जरूरी है इसका उपयोग बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए एक्सट्रा ब्लड देकर किया जाता है। पर्याप्त आयरन ना लेने से कई महिलाओं को समस्या हो सकती है।
कुछ medical conditions- जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और seizure disorders-प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं पैदा कर सकते हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से परेशान हैं तो प्रेग्नेंसी से पहले परेशानी को कंट्रोल करने के लिए परिवर्तनों के बारे में डॉक्टर से बात करें ताकी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकें।
कुछ दवाएं, जिनमें विटामिन सप्लीमेंट, ओवर-द-काउंटर दवाएं, और हर्बल उपचार शामिल हैं, भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं और प्रेग्नेंट होन पर आपको नहीं लेनी चाहिए। इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले चेकअप के दौरान अपनी डॉक्टर को इन सभी दवाओं के बारे में बताना जरूरी है। और जब तक आप डॉक्टर से बात नहीं कर लेती तब तक prescription medication को लेना बंद नहीं करना चाहिए।
इंफेक्शन मां और भ्रूण दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ इंफेक्शन बच्चे के जन्म दोष या बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यौन संपर्क-यौन संचरित संक्रमण (एसटीआई) के माध्यम से इंफेक्शन-भी प्रेग्नेंसी के दौरान हानिकारक हो सकता हैं। कई प्रकार के एसटीआई प्रेग्नेंट होने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। वे आपके भ्रूण को संक्रमित और नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको या आपके पार्टनर को एसटीआई हो सकता है, तो तुरंत टेस्ट और इलाज करवाएं।
Vaccination (जिसे immunization भी कहा जाता है) कुछ इंफेक्शनों को रोक सकता है। लेकिन कुछ vaccines प्रेग्नेंसी के दौरान इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपको किस टीके की आवश्यकता हो सकती है और प्रेग्नेंट होने से पहले ही उन्हें लगवा लें।
पहली प्रेग्नेंसी में हुई समस्या दूसरी प्रेग्नेंसी में भी हो सकती है। इन समस्याओें में preterm birth, हाई ब्लड प्रेशर, preeclampsia और gestational diabetes शामिल हैं। हालांकि सिर्फ इसलिए कि आपकी पिछल प्रेग्नेंसी में कोई समस्या थी, इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा फिर से होगा। खासतौर पर जब आपने प्रेग्नेंसी से पहले और दौरान उचित देखभाल की हो।
कुछ परिवारों या जातीय समूहों में कुछ स्वास्थ्य स्थितियां बार-बार देखने को मिलती हैं। इन स्थितियों को आनुवंशिक या विरासत में मिले विकार कहा जाता है। अगर एक करीबी रिश्तेदार की एक निश्चित स्थिति है, तो आप या आपके बच्चे को इसके होने का अधिक जोखिम हो सकता है।
तो गर्भवती होने से पहले इन टिप्स पर विचार कर लें।
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