खाना किसी भी व्यक्ति की एक मूलभूत आवश्यकता है। अमूमन दिन की शुरूआत से लेकर सोने से पहले तक हम कुछ ना कुछ खाते ही हैं। वैसे देश-दुनिया में इतनी वैरायटी मौजूद हैं, जिसे शायद एक फूडी के लिए भी चख पाना संभव ना हो। खाने की यही विविधता उस प्रांत या राज्य को खास बनाती है। हालांकि जहां एक ओर खाने की कई वैरायटी मौजूद है, वहीं दूसरी ओर खाने से जुड़े ऐसे कई ईटिंग डिसआर्डर हैं, जिनके बारे में आज भी बहुत कम लोगों को पता है।
जब ईटिंग डिसआर्डर की बात होती है तो अक्सर लोग एनोरेक्सिया नर्वोसा या फिर बुलिमिया नर्वोसा आदि का नाम लिया जाता है। यकीनन यह ईटिंग डिसआर्डर के मुख्य प्रकारों में से एक है, लेकिन इससे अलग भी लोगों को खाने से जुड़ी ऐसी कई क्रेविंग होती है या फिर अजीबो-गरीब चीजें खाने का मन करता है, जो वास्तव में खाने के लिए हैं ही नहीं। सामान्य व्यक्ति इन चीजों को खाने के बारे में सोच भी नहीं सकता। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ अजीबो-गरीब ईटिंग डिसआर्डर के बारे में बता रहे हैं-
ट्राइकोफैगिया
ट्राइकोफैगिया एक ऐसा डिसआर्डर है, जो बालों को खाने से जुड़ा है।ट्राइकोफैगिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई अपने बालों को चबाता और निगलता है, यहां तक कि बाल जो अभी भी उनके सिर से जुड़े हैं। बाल अंततः गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में इकट्ठा होते हैं जिससे अपच और पेट दर्द होता है।
ज़ाइलोफैगिया
यह एक ऐसा ईटिंग डिसआर्डर है, जिसे हम अपने आसपास देखकर भी नजरअंदाज कर देते हैं। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जो लगातार पेंसिल को खाते रहते हैं, उन्हें यह ईटिंग डिसआर्डर हो सकता है। दरअसल, यह ईटिंग डिसआर्डर यह पिका का एक रूप है जिसमें एक व्यक्ति कागज, पेंसिल और पेड़ की छाल जैसी लकड़ी आधारित वस्तुओं को तरसता है और उन्हें खाता है।
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ऑर्थोरेक्सिया नर्वोसा
वैसे तो हमेशा ही हेल्दी खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन कभी-कभी यह एक डिसआर्डर भी बन जाता है। मसलन, अगर आपका जीवन स्वस्थ खाने के आसपास घूमता है, आप ना सिर्फ आज के खाने के बारे में सोचते हैं, बल्कि अगले दिन के लिए भोजन की योजना बनाने लग जाती हैं तो यह ऑर्थोरेक्सिया का मामला हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो वास्तव में स्वस्थ भोजन और उससे जुड़ी चिंताओं से ग्रस्त है। इससे भी महत्वपूर्ण बात, भले ही आपका आहार पूरी तरह से संतुलित और केवल स्वस्थ खाद्य पदार्थों से युक्त हो, तब भी आप हमेशा ही हेल्दी फूड के बारे में सोचेंगे।
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यूरोफैगिया
इस ईटिंग डिसआर्डर को सुनने के बाद शायद आपको बहुत ही अजीब लगे, लेकिन यह वास्तव में सच है। इसमें व्यक्ति यूरिन पीता है। वैसे, यूरीन पीने का यह अभ्यास लंबे समय से किया जाता रहा है और मूत्र के औषधीय उपयोग अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में किया जाता है। प्राचीन रोम, ग्रीस और मिस्र में मूत्र चिकित्सा से लेकर मुंहासों से लेकर कैंसर तक सभी का इलाज किया जाता है।
ह्यालोफैगिया
ह्यालोफैगिया एक ऐसा ईटिंग डिसआर्डर है, जिसमें व्यक्ति कांच को खाता या चबाता है। हालांकि यह ईटिंग डिसआर्डर सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कांच जीभ, मुंह, गले, पेट और आंत को काट सकता है। ऐसा माना जाता है कि ह्यालोफैगिया को तनाव, विटामिन की कमी और खनिज की कमी द्वारा ट्रिगर किया जा सकता है।
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Image Credit:freepik.com
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