राजस्थान! रेगिस्तान के बीच में मौजूद एक खूबसूरत भारतीय राज्य। इस राज्य का नाम सुनते ही सबसे पहले आलीशान महल, विश्व प्रसिद्ध फोर्ट्स और एक से एक बेहतरीन पैलेस आदि का नाम दिमाग में आता है। यह एक ऐसा राज्य है जहां हर महीने लाखों देशी और विदेशी सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं। खासकर विश्व प्रसिद्ध फोर्ट्स को देखने के लिए लोग पहुंचते हैं।
लेकिन इस राज्य में ऐसी कई जगहें भी हैं जिसकी गिनती सबसे डरावनी जगहों में भी की जाती हैं। इन्हीं में से एक है भानगढ़ फोर्ट। रात तो छोड़ दीजिए यहां कई बार दिन के उजाले में भी लोग अकेले घूमने जाने से डरते हैं। इस फोर्ट को उत्तर-भारत के सबसे प्रेतवाधित स्थान में से भी एक माना जाता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि आखिर क्यों इसे डरावनी जगहों में शामिल किया जाता है और इसके पीछे क्या है कहानी।
क्या है डरावना एहसास?
भानगढ़ फोर्ट के किस्से सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में फेमस है। कहा जाता है कि कई भुतहा कारणों की वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के लोग इस फोर्ट में सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी को भी जाने नहीं देते हैं। स्थानीय लोगों का भी मानना है कि यहां पर अजीब सा एहसास होता है और ऐसे लगता है जैसे कोई उनका पीछा कर रहा हो। कई लोगों का मानना है कि फोर्ट से चिल्लाने, रोने की आवाज़े और चूड़ियों के खनकने की आवाजे भी सुनाई देती हैं।
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क्या सच में किसी साधु ने दिया था श्राप?
हालांकि, लेखक इसका दावा नहीं करता है, लेकिन कई लोगों का मानना है कि इस फोर्ट पर एक साधु का श्राप है। इस कहानी को लेकर कहा जाता है कि साधु ने फोर्ट के राजा के सामने कुछ शर्ते रखीं, लेकिन राजा उन शर्तों को पूरा नहीं कर सका और साधु ने श्राप दे दिया। इस घटना के बाद उस समय भी लोग जाने से डरने लगे।(रहस्यमयी फोर्ट्स)
सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले जाना है माना
वैसे तो रात में भानगढ़ फोर्ट के अंदर जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के लोग शाम होते ही सैलानियों को बाहर निकालने में लग जाते हैं। सूर्यास्त के पहले ही सभी लोगों को फोर्ट से बाहर निकाल दिया जाता है। इसके अलावा सूर्योदय से पहले इस फोर्ट में किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं है। (दिल्ली की डरावनी जगहें) कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस फोर्ट के अंदर रात में रुकने के लिए गया वो अगले दिन कहानी बताने के लिए नहीं लौटा।
क्या किसी ने फोर्ट में रुकने की कोशिश की?
भानगढ़ फोर्ट से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियां हैं। स्थानीय लोगों कि माने तो ऐसा कहा जाता है कि एक बार यहां तीन दोस्तों ने रुकने का फैसला किया, क्योंकि वो जानना चाहते थें कि क्या सच में यह एक डरावनी जगह है। कहा जाता है उन्होंने रात तो गुजार लिए, लेकिन अगले दिन जब फोर्ट से घर जा रहे थें तो एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।
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भानगढ़ फोर्ट का इतिहास
आपको बता दें कि भानगढ़ फोर्ट राजस्थान के अलवर में मौजूद है। इस फोर्ट का निर्माण 17 वीं शताब्दी में मान सिंह प्रथम द्वारा किया गया था। कहा जाता है कि मान सिंह प्रथम ने अपने भाई माधो सिंह प्रथम के लिए बनवाया था। आपको बता दें कि माधो सिंह उस समय अकबर के सेना में जनरल के पद पर तैनात थे।(भारत के 10 सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध फोर्ट्स)
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